Wednesday 11 July 2018

patr vishesh


इस देश में लोकतंत्र नहीं भीड़तंत्र है! जो संविधान में है, वह लागू नहीं है और जो संविधान में नहीं है वह भीड़ के दबाव में लागू है!
Ashwini Upadhyay
साथियों, हमारे देश में लोकतंत्र की नहीं बल्कि भीड़तंत्र है। यदि भीड़ इकट्ठी हो जाए तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल दिया जाता है! अगर भीड़ इकट्ठी न हो तो मूल संविधान को भी नहीं लागू किया जा सकता! जिस संविधान को बाबा साहब बाबा भीमरावअंबेडकर, सरदार पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी इन सब लोगों ने मिलकर बनाया था, वही आज भीड़तंत्र के आगे बेबस है! * जनसंख्या नियंत्रण कानून हमारे देश की जरूरत है।

* धर्मांतरण विरोधी कानून हमारे देश की जरूरत है।

* समान शिक्षा हमारे देश की जरूरत है।

* समान नागरिक संहिता बहुत जरूरी है देश की एकता और अखंडता के लिए जरूरी है।

लेकिन आज तक इन कानूनों को लागू नहीं किया गया। यदि आप चाहते हैं कि भारत में समान शिक्षा, समान चिकित्सा, समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण विरोधी कानून तथा जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किया जाए तो आपको घर से निकलना पड़ेगा।याद रखिये फेसबुक और ट्वीटर पर लिखकर कुछ नहीं होने वाला है, क्योंकि भारत में लोकतंत्र नहीं भीड़तंत्र है। भीड़ इकट्ठी होगी तो गलत काम भी कर दिया जाएगा और भीड़ इकट्ठी नहीं होगी तो सही काम भी नहीं किया जाएगा।
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पूरी जगन्नाथ मंदिर  धार्मिक स्थल है कोई सेक्युलर पर्यटक स्थल नहीं
ये मंदिर कोई सेक्युलर जगह नहीं है और न ही पर्यटक स्थल है - ये हिन्दू धर्म का एक धार्मिक स्थान है, ये सेक्युलर नहीं धार्मिक जगह है, और धार्मिक जगह के नियम कानून बनाने का अधिकार धर्म गुरुओं को होता है
जगन्नाथ मंदिर में सिर्फ हिन्दुओ को प्रवेश देने का नियम सदियों पुराना है, इंदिरा गाँधी को भी इस पवित्र मंदिर में नहीं घुसने दिया गया था क्यूंकि वो हिन्दू नहीं थी
पर पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक वामपंथी की याचिका पर मिलार्ड ने मंदिर प्रशासन से कहा की जगन्नाथ मंदिर में गैर हिन्दुओ को भी प्रवेश दिया जाये, इस मामले में शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने साफ़ कर दिया है की गैर हिन्दुओ को प्रवेश नहीं दिया जा सकता, मंदिर धार्मिक स्थल है कोई सेक्युलर पर्यटक स्थल नहीं
वैसे सुप्रीम कोर्ट ने थोड़ी सी सुनवाई में ही हिन्दुओ के इस मंदिर पर अपना फरमान सुना दिया, ये वही कोर्ट और मिलार्ड है जो की मुंबई के हाजी अली दरगाह में आजतक महिलाओं को प्रवेश नहीं दिला सके
और न ही मिलार्ड इतनी हिम्मत दिखा पा रहे है की महिलाओं को दरगाह में प्रवेश दिलाने पर कुछ बोल सके, पर हिन्दुओ के मंदिर पर थोड़ी सी सुनवाई में फरमान सूना डाला
मिलार्ड ने फिर एक बार साफ़ कर दिया है की कानून का सारा जोर सिर्फ हिन्दुओ पर ही चलता है, कट्टरपंथियों से तो मिलार्ड और सुप्रीम कोर्ट भी डरता है  --
कुमार अवधेश सिंह
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मुसलमान को कभी भी आरक्षण,रोजगार और विकास की मांग करते हुए नहीं देखा होगा क्योंकि उन्हें विकास , रोजगार और आरक्षण से ज्यादा मुस्लिम देश की जरूरत है जो वह भारत को तब्दील करना चाहते हैं आपने देखा होगा हर तरफ मुस्लिम कामगार मिलेगा आपको चाहे वह कबाड़ी हो, नाई हो, फल वाला और सब्जी वाला, दूध वाला , कार,बाइक रिपेयर वाला, पेंटर हो , बढ़ई हो, ac रिपेयर वाला, इस्त्री वाला, मकान बनाने वाला, बिजली वाला सब जगह आपको मुस्लिम ही दिखाई पड़ेंगे और यही उनकी ताकत है उन्होंने हर तरह के रोजगार को अपना लिया और हिंदुओं को उस रोजगार से बाहर कर दिया क्योंकि हिन्दू तो आरक्षण के बल पर और सरकार से लड़कर सरकारी नौकरी पाने में व्यस्त है। यही ताकत उनको मजबूत कर रही है और हमें कमजोर कर रही है। वो दिनभर में 500 से 2000 तक कमाकर घर में घुसते हैं।और हिन्दू फेसबुक पर मोदी योगी को गाली देने और आरक्षण के लिए लड़ने में व्यस्त हैं। हिन्दू और हिंदुत्व विलुप्ति की तरफ बढ़ चुका है, कोई मोदी योगी नही बचा सकता , अब करो या मरो का समय निकलने वाला है। भाइयों बात सही और सटीक लगे तो आगे शेयर करें , शायद कुछ लोग इस मैसेज को पढ़कर जागें तो भी बड़ी उपलब्धि होगी। --

कुमार अवधेश सिंह


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