मुहम्मद साहब पर अल्लाह का कहर...
किसी भी बाप के ऊपर सबसे बड़ा कहर तब टूटता है जब उसके कंधे पर उसके अपने बच्चों का जनाज़े का बोझ आता है|
मुहम्मद साहब की पहली बीवी से कुल 2 पुत्र पैदा हुए | मुहम्मद साहब का बड़ा पुत्र कासिम अपना दूसरा बसंत भी न देख पाया था | लेकिन अल्लाह से मुहम्मद साहब की ख़ुशी देखी नहीं गई और उनसे उनका कुल का दीपक छीन लिया |
इसके बाद मुहम्मद साहब ने खुद को कहरकारी अल्लाह का पैगम्बर घोषित कर दिया | लेकिन पैगम्बर बनने के बाद भी मुहम्मद साहब पर जुल्मो-सितम कम न हुआ | और अल्लाह ने मुहम्मद साहब का छोटा बेटा अब्दल्लाह भी बचपन में छीन लिया |
इसके बाद मुहम्मद साहब ने धड़ाधड़ शादियाँ की | कुल बची 12 बीवियों के साथ सालों साल खेती करने के बावजूद अल्लाह ने एक अदद बच्चा मुहम्मद साहब के खेतों में पैदा होने न दिया |
इसके बाद मुहम्मद साहब ने अल्लाह को चकमा देने के लिए दूसरा तरीका निकाला ....मुहम्मद साहब ने बिना निकाह के एक पराई महिला मारिया के साथ खेती कर ली और एक पुत्र इब्राहीम पैदा किया | लेकिन अल्लाह ने जैसे मुहम्मद साहब का वंश न चलने देने की कसम खाई थी | उस बेचारे को भी अल्लाह ने मुहम्मद साहब से छीन लिया |
पैगम्बर पर अल्लाह ने इतने भारी जुल्मो-सितम और कहर क्यों किये ? इसका कोई कारण अल्लाह ने कभी नहीं बताया |
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