ब्राह्मणों के प्राणों की आहुति से जलते हुए पुणे शहर के इस ख़ौफ़नाक मंजर से अधिकांश लोग नावाक़िफ़ होंगे ! 31 जनवरी1948 ई को कांग्रेसियों ने पुणे में जितने ब्राह्मणों को मारा था उतने ब्राह्मणों को तो औरंगजेब ने भी नही मारा था ! दरअसल हुआ ये था कि 30 जनवरी 1948 ई को जब नाथूराम गोडसे (जो कि ब्राह्मण था)ने गांधी-वध किया था तो कांग्रेसियों ने गांधी के मौत का बदला लेने के लिए महाराष्ट्र के पुणे शहर में 31 जनवरी से 3 फरवरी तक सारे ब्राह्मणों को चुन-चुनकर मार डाला,उनके घरों को जला दिए गए ,उनके दुकानों को लूट लिए गए बच्चों तक को नही बख्शा गया था । ऐसे थे गांधीवादी अहिंसक कांग्रेसी ! पुणे जैसे विकसित और सघन ब्राह्मण बाहुल्य शहर में कितने ब्राह्मण मारे गए इसकी सटीक जानकारी तो नही है क्योंकि उस समय टीवी , मोबाइल या इंटरनेट तो थी नही । लेकिन उस समय पुणे में ब्राह्मणों की आबादी 50 हजार से ज्यादा की थी । उपरोक्त घटना की खबर प्रतिष्ठित अखबार " वाशिंगटन पोस्ट" में भी छपी थी ।
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