महाभारत युद्ध के बाद
1006 वर्ष तक जरासन्ध वंश के 22 राजाओं ने
5 प्रद्योत वंश के राजाओं ने 138 वर्ष,
10 शिशुनागों ने 360 वर्षों तक,
9 नन्दों ने 100 वर्षों तक,
12 मौर्यों ने 316 वर्ष तक,
10 शुंगों ने 300 वर्ष तक,
4 कण्वों ने 85 वर्षों तक,
33 आंध्रों ने 506 वर्ष तक,
7 गुप्तों ने 245 वर्ष तक राज्य किया।
फिर विक्रमादित्य ने 100 वर्षों तक राज्य किया था। अकेला विजयनगर साम्राज्य ही 300 वर्ष तक टिका रहा।
हीरे माणिक्य की हम्पी नगर में मण्डियां लगती थीं।
इतने महान् सम्राट होने पर भी भारत के इतिहास में गुमनाम कर दिए गए।
उनका वर्णन करते समय इतिहासकारों को मुँह सिल जाते हैं , सामान्य ज्ञान की किताबों में पन्ने कम पड़ जाते हैं , पाठ्यक्रम के पृष्ठ सिकुड़ जाते हैं , कोचिंग वालों की स्म्रति चली जाती है, प्रतियोगी परीक्षकों के हृदय पर हल चल जाते हैं।
आखिर ये सब कैसे और किस उद्देश्य से किया गया ?
कौन सा ऐसा देश होगा जो अपने पूर्वजों की महानता को भूल के अपने आक्रमणकारियों की अत्याचारों को छुपा के उसकी झूठी परिकाष्ठा बुनता है।
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