पुणे: महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमा में जातीय हिंसा में नव निर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवानी और जेएनयू के छात्र उमर खालिद का नाम सामने आया है।मेवानी और उमर के खिलाफ पुणे के डेक्कन पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया गया है।
भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सोमवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसके चलते हुई हिंसा की घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। इस मामले में पुणे के दो युवा अक्षय बिक्कड और आनंद डॉन्ड ने पुणे के डेक्कन पुलिस स्टेशन में विधायक जिग्नेश मेवानी और जेएनयू के छात्र उमर खालिद के खिलाफ लिखित में शिकायत दर्ज की है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जिग्नेश मेवानी और उमर खालिद ने कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था। जिग्नेशन मेवानी के भाषण के बाद ही महाराष्ट्र जातीय हिंसा भड़क उठी। जिग्नेश मेवानी ने एक खास वर्ग को सड़क पर उतर कर विरोध करने के लिए उकसाया, जिसके बाद लोग सड़क पर उतर आए और फिर धीरे-धीरे भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक पुणे हिंसा के लिए ये दोनों जिम्मेदार हैं और इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
कार्यक्रम के आयोजन के बाद हुई हिंसा के मामले में मुंबई पुलिस का कहना है कि अलग-अलग जगहों पर 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, “भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर करीब 3 लाख लोग एकत्र हुए थे। हमने पुलिस की 6 कंपनियां तैनात की थी। कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने के लिए हिंसा फैलाई।इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। मृतक के परिवार वालों को 10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही मारे गए युवक की सीआईडी जांच कराई जाएगी।
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इस देश की भलाई के लिए ये तीन कदम तत्काल उठाये जाने चाहिए :
१. मुस्लिमो का अल्पसंख्यक का दर्जा ख़त्म करो |
२. और इन भीमटों के धर्म की पुख्ता पहचान की जाय | जो भी भीमटा अपने आपको हिन्दू नहीं मानता उनका आरक्षण ख़त्म किया जाय | क्योंकि ये भिमटे हिन्दू हरिजन भाइयों का हक खा रहे हैं |
३.अगर ये भिमटे हिन्दू नहीं हैं और आये दिन हिन्दू प्रतीकों का अपमान कर रहे है ऐसे में भीमटों पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का मुकदमा दर्ज किया जाय |
ऐसा नहीं हुआ तो ये देश गृहयुद्ध की आग में जलेगा |
१. मुस्लिमो का अल्पसंख्यक का दर्जा ख़त्म करो |
२. और इन भीमटों के धर्म की पुख्ता पहचान की जाय | जो भी भीमटा अपने आपको हिन्दू नहीं मानता उनका आरक्षण ख़त्म किया जाय | क्योंकि ये भिमटे हिन्दू हरिजन भाइयों का हक खा रहे हैं |
३.अगर ये भिमटे हिन्दू नहीं हैं और आये दिन हिन्दू प्रतीकों का अपमान कर रहे है ऐसे में भीमटों पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का मुकदमा दर्ज किया जाय |
ऐसा नहीं हुआ तो ये देश गृहयुद्ध की आग में जलेगा |
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