Sunday 13 August 2017

80 साल पहले आया आइडिया...बना डाली नदी के ऊपर नदी, दुनिया भर के इंजीनियर रह गए हैरान...

जर्मनी एक ऐसा देश है जो अपनी बेहतरीन इंजीनियरिंग के लिए जाना जाता है। चाहे सड़के हो या इमारतें जर्मनी में हर तरफ एक से बढ़कर एक इंजीनियरिंग के नमूने देखने को मिल जाते हैं। लेकिन मैग्डेबर्ग शहर की यह ब्रिज इंजीनियरिंग की अनुपम उदाहरण है।
इस ब्रिज के ऊपर गाड़ियां नहीं पानी का जहाज चलता है। दरअसल एल्बे नदी के ऊपर बनी इस पुल को देखकर ऐसा लगता है जैसे नदी के ऊपर नदी बह रही है।
इस ब्रिज को मैग्डेबर्ग वाटर ब्रिज के नाम से जाना जाता है। व्यवसायिक दृष्टि से नदी के ऊपर बह रही यह नदी बेहद महत्वपूर्ण है। इसके जरिए कई बड़े-छोटे व्यवसायिक जहाजों का उपयोग पूर्वी जर्मनी और पश्चिमी जर्मनी आने-जाने के लिए किया जाता है।
इस पुल का निर्माण 2003 में हुआ और यह जहाजों के चलने योग्य दुनिया का ये सबसे लंबा जलसेतु है। इसकी लंबाई लगभग 1 किमी है। इस ब्रिज को बनाने के लिए मैग्डेबर्ग शहर के बाहर एल्बे नदी के विपरित दिशाओं में बहने वाली नहरे हवेल और मिटेलैंड को जोड़ा गया।इन दोनो नहरों को एक साथ मिलाकर नदी के ऊपर से ब्रिज के जरिए ले जाया गया और शहर से काफी दूर एल्बे नदी में मिला दिया गया। इस तरह नदी के ऊपर एक और नदी बन गई जिसमें जहाजों की आवाजाही के लिए एक नया रास्ता बन गया।इस ब्रिज को बनाने का आइडिया आज से 80 साल पहले सामने आया था। इसका निर्माण कार्य सन् 1930 में शुरू किया जाना था, लेकिन दूसरे विश्वयुद्ध के कारण ऐसा नहीं हो पाया। साल 1997 में इस ब्रिज को बनाने की प्रक्रिया फिर शुरू हुई और 2003 में इसे पूरा किया गया।

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