Thursday 17 August 2017

राहुल गांधी का सुकन्या देवी के साथ बलात्कार

चार साल पहले की पोस्ट है, इसमे राहुल गांधी का सुकन्या देवी के साथ बलात्कार का विधिवत घटनाक्रम दर्शाया गया है। पोस्ट लंबी जरूर है, परंतु कांटछांट करने से पूरे तथ्यों से अवगत नही कराया जा सकता था। इसलिए थोड़ा सा समय निकालकर पूरी गंभीरता से पढ़ने का प्रयास करे।
सब जानते है कि 2019 में लोकसभा के चुनाव होने वाले है। चूँकि विदेशी होने के कारण सोनिया भारत की प्रधानमंत्री नहीं बन सकती, इसलिए सोनिया और उसके ख़रीदे हुए खुशामदी येन केन प्रकारेण राहुल को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठाना चाहते हैं, वैसे तो कांग्रेसी हिन्दू संतों और नेताओं में दुर्गुण निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ते, लेकिन राहुल गांधी द्वारा किये गए सामूहिक बलात्कार की घटना को दबा लेते है इस लेख में राहुल गंदी के शराफत का भंडाफोड़ किया जा रहा है, जो विभिन्न अखबारों और वेबसाइटों पर आधारित और प्रमाणित है। इस लेख में प्रारम्भ से अंत तक पूरी घटना देने का प्रयास किया गया है।
1-बलात्कार की पूरी घटना
अमेठी को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। चूँकि सुकन्या के पिता बलराम सिंह भी इंदिरा के समय से ही कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता थे। और उन दिनों सोनिया राहुल को राजनीति के मैदान में उतार चुकी थी। उस समय सुकन्या की आयु 24 साल थी। और युवक होने के कारण सुकन्या राहुल को अपना आदर्श मानती थी। सुकन्या पिछले दो साल से राहुल से मिलने का मौक़ा देख रही थी। जब उसे पता चला कि राहुल अपने कुछ दोस्तों के साथ अमेठी के वी.आई.पी गेस्टहाउस में रुकने वाला है। इसलिए वह राहुल से मिलने गेस्ट हॉउस चली गयी। लेकिन वहाँ के सुरक्षा अधिकारी ने केवल एक ही व्यक्ति को अंदर जाने की अनुमति दी। इसलिए सुकन्या अकेली ही राहुल के पास चली गयी। यह 3 दिसम्बर सन 2006 की बात है उस समय रात के 9 बज गए थे। और काफी सर्दी हो रही थी। सुकन्या जब राहुल के कमरे के अंदर गयी तो उसे बड़ा धक्का लगा क्योंकि राहुल अपने दोस्तों के साथ शराब पी रहा था, वहाँ कुल सात युवक थे, जिनमें तीन ब्रिटिश दो इटालियन और एक अज्ञात युवक था, और जिनके साथ राहुल शराब पी रहे थे। तभी राहुल ने सुकन्या से भी शराब पीने का प्रस्ताव रखा लेकिन सुकन्या ने राहुल का प्रस्ताव ठुकरा दिया, इससे नाराज होकर राहुल और उसके सभी दोस्तों ने मिल कर बारी बारी सुकन्या से बलात्कार किया। उस समय राहुल और उसके दोस्त शराब के नशे में धुत थे। सुकन्या चिल्लाती रही लेकिन किसी ने उसकी आवाज पर और फरियाद पर कोई ध्यान नहीं दिया। और जब सुकन्या जोर जोर से रोने लगी तो राहुल ने उसे चुप होने के लिए पचास हजार रुपया देने का लालच भी दिया। साथ ही यह धमकी भी दी कि यदि तुम यह बात किसी को बताओगी तो तुम्हारे पूरे परिवार को मार दिया जायेगा। और यह कहकर सुकन्या को गेस्ट हॉउस से बाहर भगा दिया। लेकिन जब सुकन्या अपने घर जा रही थी, तो रास्ते में ही उसे कांग्रेसियों ने पकड़ लिया और घर ले जाकर उसके पिता को अपना मुंह बंद रखने की धमकी देने लगे। इस पर सुकन्या के पिता ने पहले तो सुकन्या को काफी पीटा, बाद में सुकन्या की माँ सुमित्रा देवी ने सुकन्या को तसल्ली देकर कहा कि मैं अपराधियों को सजा दिलाकर ही रहूंगी।
इसलिए दूसरे दिन सवेरे ही सुकन्या की माँ अमेठी थाने रिपोर्ट लिखवाने गयी तो थानेदार ने उनकी रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया और जाँच करने का भरोसा देकर घर भेज दिया। लेकिन जब काफी दिन हो जाने पर भी पुलिस ने कुछ नहीं किया तो, विवश होकर सुमित्रा देवी ने 27 दिसंबर 2006 को अपने घर एक प्रेस कांफ्रेंस बुलवाई, लेकिन उसमे गिने चुने लोग ही आये थे। फिर भी इस कांफ्रेंस में सुकन्या ने पत्रकारों के सामने सारी घटना सुना दी, कि शायद इससे उसे न्याय मिल जाए। और अपराधी राहुल को उचित सजा देने में आसानी हो सके। लेकिन इससे भी कुछ नही हुआ, क्योंकि मीडिया को सोनिया ने पहले ही खरीद रखा था।
इसके बाद निराश होकर सुमित्रा देवी सुकन्या के साथ दिल्ली चली गयी वहाँ रहकर दो हफ्ते तक राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश से मिलने का प्रयत्न करती रही, लेकिन वहाँ भी उनको मिलने की अनुमति नही दी गयी, और तब से सुकन्या और सुमित्रा देवी ऐसे गायब हो गए कि किसी को उनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। कि वह कहाँ छुपे हैं? ज़िंदा है या मर गए हैं, कोई नहीं जानता।
मीडिया को बलात्कार की खबर थी। लोगों को पहले से ही पता था कि राहुल गांधी अमेठी में रुका हुआ है। इसलिए कई अखबारो और चैनलो के संवाददाता राहुल गांधी को घेरे हुए थे।तभी सवेरे सवेरे उनको लोगों के द्वारा यह चौंकाने वाली खबर मिली कि राहुल गांधी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक कांग्रेसी की लड़की से सामूहिक बलात्कार किया है। यह खबर जंगल की आग की तरह सारे देश में फ़ैल गयी। उस समय अमेठी में जिन अखबारों और टी.वी चैनलों के संवाददाता मौजूद थे उनके नाम इस प्रकार हैं।
a) IBN7
b) Dainik Jagran, Dainik Bhaskar( )
c) Punjab Kesari ( )
d) Hindusthan Times (Hindi)
e) Times of India & Times now
f) NDTV (Hindi)
g) Aaj Tak
h) Star News
i) Nav bharath times
यद्यपि यह खबर 4 दिसंबर सन 2006 को उपस्थित सभी रिपोर्टरों ने अपने अखबारों और चैनलों में प्रसारित कर दी थी। लेकिन उनके मालिकों ने उनपर दवाब डाला कि वह इस खबर को महत्त्व नहीं दें। इसका नतीजा यह हुआ कि राहुल द्वारा किये गए सामूहिक बलात्कार की घटना को मीडिया ने अधिक तूल नहीं दिया। और उसकी जगह अन्य खबरों को प्रसारित करने लगे।
http://intellibriefs.blogspot.in/…/rahul-gandhi-involved-in…
3-सुकन्या के साथ अन्याय
सुकन्या जैसे तैसे रेस्ट हॉउस से भागी और घर आकर अपनी माँ सुमित्रा को सारी घटना बतायी। सुमित्रा देवी बिना किसी देर के सुकन्या के साथ पुलिस थाने गयी ताकि वहाँ शिकायत दर्ज करवा सके। लेकिन वहाँ मौजूद थाना इंचार्ज ने शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया। इसमें एक दिन बर्बाद हो गया। तब दूसरे दिन सुमित्रा सुकन्या को साथ में लेकर दिल्ली गयी ताकि सोनिया गांधी से न्याय मिल सके। लेकिन सोनिया ने उनको घर से भगा दिया। निराश और परेशान होकर दोनो दिल्ली स्थित मानवाधिकार आयोग के दफ्तर में गए, कि शायद वहाँ उनकी बात सुनी जाये। परन्तु आयोग ने उनको "अम्बिका सोनी" और "सलमान खुर्शीद" के पास भेज दिया। लेकिन जब वहाँ से भी निराशा ही हाथ में आयी तो दोनो “नॅशनल कमीशन ऑफ़ वूमेन ( NATIONAL COMMISION OF WOMEN ) के दफ्तर गए जिसकी अध्यक्षा (chair person) ”गिरिजा व्यास” थी।जिस समय यह माँ बेटी गिरजा व्यास से बात कर रही थी, तभी सलमान खुर्शीद ने गिरिजा को फोन से कहा कि सुमित्रा देवी अपनी बेटी के साथ देह व्यापार का धंधा करती है (Sukanya devi with her mother Sumitra devi were running flesh trade) यह सुनते ही गिरिजा ने दोनों को दफ्तर से बाहर निकाल दिया।
और वहाँ मौजूद कांग्रेसियों को इस बात की खबर मिली तो वह सुमित्रा और सुकन्या को जान से मारने की धमकी देने लगे। यही नही सोनिया के आदेश से कांग्रेसियों ने यू.पी सभी रास्तों पर इन दोनों की तलाशी करना शुरू कर दी, ताकि अगर यह दोनों यू.पी से भागने का प्रयत्न करें तो, इनको पकड़कर सोनिया के गुर्गों के हवाले कर दिया जा सके।
इसके आलावा कांग्रेस के मुख्यालय से अमेठी के लोगों को धमकी दी गयी यदि कोई इस घटना के बारे में मुंह खोलेगा तो उसका अंजाम ठीक नहीं होगा। इस धमकी का ही असर था कि मीडिया के जिस व्यक्ति ने इस घटना की रिपोर्ट की थी, वह लोग या तो गायब हो गए या उनको नौकरी से हाथ धोना पड़ा, उदाहरण के लिए सी.एन.एन (C.N.N.) और आई.बी.एन ( I.B.N.) के प्रबंधक श्री द्रुपद (Drupadh) को उनकी नौकरी से निकाल दिया गया। तब से सुमित्रा देवी और सुकन्या अज्ञातवास में ही रह रही थी। फिर भी लोगों की जानकारी के लिए सुकन्या का पता दिया जा रहा है।
Sukanya Devi
23-12 Medical Choke
Sanjay Gandhi Marg,
Amethi,
Raebareli, UP, INDIA
4-राहुल पर बलात्कार का मुकद्दमा
जब राहुल गांधी और उसके छह दोस्तों के द्वारा 3 दिसंबर 2006 को किये गए सामूहिक बलात्कार को पांच साल से अधिक हो गए तो लोग इस घटना को लगभग भूल गए थे। तभी मध्यप्रदेश के पूर्व विधायक ”अशोक समरीते” ने दिनांक 7 मार्च 2011 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में राहुल और उसके छह लोगों पर एक पिटीशन दायर कर दिया। समरीते के वकील विवेक तनखा ने अदालत में राहुल पर सामूहिक बलात्कार और पीड़ित लड़की को बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया (Mr Smrite, had alleged that on December 3, 2006 Rahul Gandhi and his six friends who were in Amethi, had wrongfully confined a girl and raped her.
और अदालत से अनुरोध किया कि वह सी बी आई (C .B .I ) को निर्देशित करे कि सुकन्या का पता करे। लेकिन अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में समरीते की पिटीशन को ख़ारिज कर दिया। उल्टे समरीते पर 50 लाख रुपये का हर्जाना भी ठोक दिया। साथ में सी.बी.आई को आदेश दिया कि वह दोबारा ठीक से जाँच करे।
यह खबर टाइम्स ऑफ़ इंडिया में 18 अक्तूबर 2012 में प्रकाशित हुई थी। इसके कारण यह मामला फिर से ठन्डे बस्ते में चला गया। हालाँकि समरीते ने अदालत से कहा कि अदालत ने उनकी पिटीशन को गलत ढंग से ख़ारिज किया है क्योंकि सी.बी.आई ने निष्पक्ष रूप से जाँच नहीं की।
5-राहुल को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
पचास लाख हर्जाना के आदेश के बाद समरीते ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटकाया, और 6 अप्रेल 2011 बुधवार को समरीते का केस जस्टिस वी.एस सिरपुरकर और जस्टिस टी.एस ठाकुर बेंच में गया। वहाँ से सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी और यू.पी सरकार को आदेश दिया कि वह चार हफ्ते के अंदर समरीते द्वारा लगाये आरोपों का जवाब अदालत के सामने प्रस्तुत करे समरीते ने सुप्रीम कोर्ट में भी अपना आरोप दुहराते हुए कहा कि राहुल गांधी ने सुकन्या और उसके माता पिता को बंधक बनाकर किसी गुप्त जगह पर रखा हुआ है। और अदालत पुलिस से कहे कि उनको खोजकर अदालत के सामने पेश करे ..
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http://www.petitiononline.com/petitions/rahulrap/signatures…
6-झूठा शपथ पत्र
सब जानते हैं कि राहुल गांधी दोगला, झूठा अपराधी है। लेकिन जब अदालत ने राहुल को चार हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया तो कांग्रेसियों ने राहुल को बचाने के लिये एक चाल चली।उन्होंने समरीते की पिटीशन के खिलाफ एक ”गजेन्द्रपाल सिंह” नामके व्यक्ति से एक पिटीशन दायर करवा दी। उसने अदालत के सामने कहा कि बलराम सिंह का रिश्तेदार है। उसने यह भी कहां कि जिस सुकन्या को बलात्कार पीड़ित बताया जा रहा है, उसका असली नाम ”कीर्ति सिंह” है। और पिता का नाम बलराम सिंह और माता का नाम “सुशीला” है। इसके बाद अमेठी के ही रहने वाले डी.जी.पी ने उस कीर्ति सिंह नाम की लड़की को अदालत के सामने पेश कर दिया। और कीर्ति सिंह ने शपथ पूर्वक बयां दिया कि न तो मेरे साथ किसी ने कभी बलात्कार किया था और न मेरे माता पिता को किसी ने कभी बंधक बना कर रखा था। कीर्ति ने यह भी कहा कि यह राहुल गांधी जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति को बदनाम करने के लिए किसी का षड्यंत्र है। जिसकी जाँच होनी चाहिए। कीर्ति द्वारा दिए गए बयान के आधार पर अदालत ने याचिकाकर्ता पर भारी लागत लगायी और अपनी ओर से एक हाई प्रोफाइल व्यक्तित्व को बदनाम करने के प्रयास का संज्ञान, सीबीआई जांच का आदेश दिया।
राहुल गांधी द्वारा किये गए सामूहिक बलात्कार पूरी और प्रमाणिक जानकारी पाठकों तक पहुंचाने के लिए कई वेबसाईट का सहारा लिया गया। क्योंकि अधिकांश साइटों को ब्लॉक कर दिया गया है। इस घटना से यह बात सिद्ध होती है कि सचमुच कानून अंधा होता है। और अदालत न्याय नही, फैसला करती जो अक्सर झूठे सबूतों के आधार पर किये जाते हैं।
जिनपर विश्वास करना बेकार है। हमें पूरा विश्वास है कि जब नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बनेंगे तो राहुल गांधी जैसे बलात्कारी और धोखेबाज कांग्रेसियों को जेल की हवा खाना पड़ेगी।
आखिर में एक वीडियो दी गयी है जिसमे अमेठी का एक निवासी इस घटना के बारे में बता रहा है।
Sanjeev Tripathi

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