Saturday 19 August 2017

जापान सरकार नए उद्योग लगाने के लिए


जापान इतना विकसित हो गया है कि अब वहां और आगे नए उद्योग लगाने की गूंजाइस बिलकुल नहीं बची है ।
हांलाकि जापान सरकार नए उद्योग लगाने के लिए दीर्घकालीन बिना ब्याज के मनचाहा ऋण दे रही है लेकिन कोई ऋण ल्रने वाला नहीं है ।
जापान ने चीन में भारत की तुलना में 200 गुना ज्यादा पूंजी लगाकर वहां आधुनिक तकनीक आधारित नए उद्योग धंधो के पहाड़ खड़े किये थे जिनमे करोडो चीनियों को रोजगार मिला हुआ है और चीन को निर्यात करने का विदेशी व्यापार मिला.
चीन के साथ आये दिन की तकरार के कारण जापान अपने सारे व्यापारिक कारखाने और फैक्ट्रिया चीन से निकाल कर भारत लाना चाहता है और भारत को आधे प्रतिशत की ब्याज दर पर लाखो खरबों येन का ऋण देकर मुंबई-अहमदाबाद, अहमदाबाद- मुंबई- बंगलौर-मद्रास, बंगलौर-दिल्ली, दिल्ली-कोलकत्ता और दिल्ली- मुंबई में सेकण्ड जेनेरेसन का औद्योगिक कारीडोर स्थापित करने के साथ-साथ बुलेट ट्रेन हाई स्पीड ट्रेन के इन्फ्रास्ट्रक्चर में आधुनिक तकनीक का समावेश कर इन्हें उन्नत बनाने में PPP बेसिस पर साझीदारी करना चाहता है । इतना ही नहीं वह रक्षा क्षेत्र में भी सहयोग का इक्षुक है ।
भारत के साथ चीन भी दादागिरी दिखा रहा है वो जापान को भी आँख दिखाता है इसलिए देश हित में यही उचित होगा की भारत को चीन के साथ व्यापार में कमी कर विदेशी निवेश के लिए जापान का हाथ थाम लेना चाहिए ताकि लाखो युवको को रोजगार तो मिलेगा ही निर्यात के लिए सामग्री भी मिलेगी ।
अमेरिका भी चाहता है कि भारत को जापान के साथ " स्ट्रेटेजिक रिलेसन" बनाकर आगे बढ़ना चाहिए और इस दिशा में काम भी होने लगा है। अभी 2 दिन पहले ही जापान के राजदुत ने डोकलाम के बारे में भारत के पक्ष वाला अधिकृति बयान दिया कि वंहा स्टेस्टेस क्यू नही बदलना चाहिए और बातचीत कर समाधान निकालना चाहिए..
सितम्बर 17 में जापान के पीएम सिजो एबे भारत आ रहे है और अहमदाबाद जाकर पीएम मोदी के साथ सयुंक्त रूप से बुलेट ट्रेन के निर्माण कार्यो की आधारशिला रखेंगे।
चूँकि चीन अब क्षेत्र में अलग-थलग पड़ता जा रहा है इसलिए खीजकर NSG में भारत सदस्यता का विरोध और अजहर मसूद जैसे आतंकी का पक्ष लेकर उसे अन्तरार्ष्ट्रीय आतंकी घोषित करने में वीटो भी लगा रहा है अतः भारत को जापान के साथ आर्थिक, व्यापारिक और रक्षा सम्बन्ध बढ़ाने में विशेष काम करना चाहिए।
उमा शंकर सिंह

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