अब मुस्लिम क्यों वंदेमातरम् का विरोध करने लगे ?
उसका एकमात्र जबाब है मुस्लिमो की जनसंख्या ..
आजादी के बाद और गुलाम भारत में भी मुस्लिमो को कभी वंदेमातरम् बोलने से परहेज नही रहा .. मुस्लिमो ने कभी वंदेमातरम् का विरोध नही किया था ..किसी भी देश में जब मुस्लिम कम संख्या में रहते है तब वो उस देश के नियम कानून, दुसरे धर्मो के लोगो, राष्ट्रगीत आदि का सम्मान करते है ..फिर धीरे धीरे जैसे इनकी जनसंख्या बढती है ये इस्लाम का हवाला देकर अपने लिए अलग नियम जैसे हलाल खाना , मस्जिद आदि की मांग करते है ..
आपको जानकर ये आश्चर्य होगा की आजादी के बाद सरदार पटेल ने अयोध्या, मथुरा, काशी विश्नाथ और सोमनाथ मन्दिरों को तोडकर बने मस्जिदों को तोडकर पुनः भव्य मन्दिर का निर्माण करना चाहते थे .. उन्होंने शुरुआत सोमनाथ से की ..क्योकि सरदार पटेल गुजरात के रहने वाले थे ... महमुद गजनवी ने सोमनाथ मन्दिर को तोडकर मस्जिद बनाया था .. उस मस्जिद को तोडकर उसे समुद्र में बहा दिया गया ..
सरदार पटेल घोर हिन्दूवादी थे .. उन्होंने सरकारी खर्च से सोमनाथ मन्दिर बनाया और भारत के राष्ट्रपति से उसका उद्घाटन करवाया .. लेकिन जैसे ही नेहरु को पता चला की डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद सोमनाथ मन्दिर का उद्घाटन करने जा रहे है ..नेहरु नाराज हुआ तो डा. राजेन्द्र प्रसाद खुद के पैसे से टिकट खरीदकर दिल्ली से बड़ोदरा और फिर बड़ोदरा से सोमनाथ एक निजी व्यक्ति के कार से गये थे और सोमनाथ मन्दिर का उद्घाटन किया .. सरदार पटेल की इच्छा थी अयोध्या और मथुरा मामले को भी उसी समय हल कर दिया जाये ... लेकिन नीच नेहरु ने ये नही होने दिया था
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