Friday, 18 August 2017

टेरर फंडिंग: पाक उच्चायोग के जरिए हुर्रियत नेताओं तक पहुंचती थी रकम
पाकिस्तान से आतंकी फंडिंग के मामले में कई सनसनीखेज तथ्य सामने आ रहे हैं। एनआईए के मुताबिक टेरर फंडिंग में सीधे तौर पर पाकिस्तान के उच्चायोग की संलिप्तता उजागर हुई है। मामले की जांच करने में जुटी एनआईए के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान से मिलने वाली टेरर फंडिंग में हुर्रियत के नेता सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नसीम गिलानी भी बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं।

एनआईए सूत्रों के अनुसार कश्मीरी कारोबारी जहूर अहमद वटाली को टेरर फंडिंग की रकम दुबई और पाकिस्तान से मिलती थी। उसे यह रकम भारत में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के जरिए हासिल होती थी। वह 8 से 9 पर्सेंट तक कमिशन काटने के बाद रकम हुर्रियत के लोगों को ट्रांसफर कर देता था।

कुछ दिनों से एनआईए की ओर से हुर्रियत नेताओं के दिल्ली से लेकर श्रीनगर तक के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। इस दौरान एजेंसी को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे उन पर पाक से रकम हासिल करने के पुख्ता सबूत मिले हैं। एनआईए ने इस मामले में अलगाववादी नेता शब्बीर शाह को भी अरेस्ट किया है। एनआईए ने गिलानी के दामाद को भी इस मामले में अरेस्ट किया है।

5 डायरियों ने खोला राज़
वटाली पर आरोप है कि उसने अपने कई बिजनस का इस्तेमाल पाकिस्तान से फंड हासिल करने के लिए फ्रंट के तौर पर किया। बाद में उसने इन पैसों को संगठित तरीके से अलगाववादियों को पहुंचाया। ऐसा करने के लिए उसने अपने बैंक खातों के हिसाब में हेरफेर की। सूत्रों के मुताबिक, वटाली की गिरफ्तारी की बड़ी वजह बनी उसकी 5 डायरियां, जिससे एनआईए अफसरों को 'जानकारियों का खजाना' हाथ लगा है। इन डायरियों में इस बात की डीटेल्स हैं कि सालों से विभिन्न माध्यमों-कैश, हवाला या दूसरे ट्रांसफर के जरिए किस तरह वटाली को पैसे मिले और बाद में उससे यह पैसे कैसे दूसरों को दिए गए।

साभार NBT

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