साध्वी जी के व्यथा को व कलंकित कांग्रेस का भगवा के प्रति षडयंत्र को लोगों तक पहुंचाए.
"कुत्ती"
"कमीनी"
"वेश्या"
"कुलटा बोल इस भगवा में किसकी रखैल है ?"
"अब तक कितनों के बिस्तर पर गई है?"
"किसके इशारे पर सब कर रही है ?"
"जिंदगी प्यारी है तो जो मैं कहता हुं कबुल ले बाकी जिंदगी आराम से कटेगी."
मित्रों !
यह शब्द सुनकर आपकी त्योरियां जरुर चढ़ गई होगी
मेरे भी चढ़ गई थी.
ऐसे घृणित शब्दों से किसी और को नहीं बल्कि भगवा वस्त्र धारिणी निष्कलंक साध्वी प्रज्ञा दीदी को कलंकित "कांग्रेस" के इशारे पर कांग्रेस का दल्ला मुम्बई ATS हेमंत करकरे के सामने मुम्बई पुलिस व ATS के दोगलों ने नहलाया था.
कल मैं साध्वी दीदी का एक साक्षात्कार देख रहा था ऐसे घृणित शब्दों को इशारे में बताया बताते हुए उनके नेत्र सजल हो गये. साक्षात्कार देखते हुए क्रोधाग्नि से धधक रहे मेरे आँखो से भी अश्रु की धारा फूट पड़ी
"साध्वी दीदी" ने मर्माहत शब्दों में वृत्तान्त सुनाया कि मेरे शरीर का कोई ऐसा अंग नही जिसे चोटिल ना किया गया हो.
जब पत्रकार ने पुछा कि मारने के कारण ही आपके रीढ़ की हट्टी टूट गई थी ??
साध्वी दीदी ने कहा, "नहीं, मारने से नहीं.
एक जन हमारा हाथ पकड़ते थे एक जन पांव और झूलाकर दीवार की तरफ फेंक देते थे. ऐसा प्राय: रोजाना होता था दीवार से सर टकराकर सुन्न हो जाता था कमर में भयानक दर्द होता था ऐसा करते करते एक दिन रीढ़ की हड्डी टूट गई तब अस्पताल में भर्ती कराया गया."
साध्वी दीदी ने बताया, "एक दिन तो ऐसा हुआ कि मारते मारते एक पुलिस वाला थक गया तो दुसरा मारने लगा उस दौरान मेरे फेफड़े की झिल्ली फट गई फिर भी विधर्मी निर्दयता से मारता रहा."
साध्वी दीदी ने बताया, "रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद मैं बेहोश हो गई थी. जब होश आया तो देखा कि मेरे शरीर से सारा भगवा वस्त्र उतार लिया गया गया था. मुझे एक फ्राक पहनाया गया था."
साध्वी दीदी ने बताया, "मेरे साथ मेरे एक शिष्य को भी गिरफ्तार किया गया था उसे मेरे सामने लाकर उसे चौड़ा वाला बेल्ट दिया और कहा मार!! अपने गुरु को इस साली को!!"
"शिष्य, सकुचाने लगा तो मैं बोली मारो मुझे !! शिष्य ने मजबुरी में मारा तो जरुर मुझे लेकिन नरमी से तब एक पुलिस वाले ने शिष्य से बेल्ट छीन कर शिष्य को बुरी तरह पीटने लगा और बोला ऐसे मारा जाता है."
साध्वी दीदी ने बताया कि एक दिन कुछ पुरुष कैदियों के साथ मुझे खड़ी करके अश्लील आडियो सुनाया जा रहा था. मेरे शरीर पर इतनी मार पड़ी थी कि मेरे लिए खड़ी रहना मुश्किल था. मैं बोली कि बैठ जाऊँ वो बोले साली शादी मे आई है क्या कि बैठ जायेगी!! मेरी आँख बंद होने लगी मैं अचेत हो गई.
साध्वी दीदी ने बताया, "मेरे दोनों हाथों को सामने फैलवाकर एक चौड़े बेल्ट से मारते थे मेरा दोनो हाथ सूज जाता था. अँगुलियां भी काम नही करती थी, तब गुनगुना पानी लाया जाता था. मैं अपने हाथ उसमें डालती कुछ आराम होता जब अंगलुियां हिलने डुलने लगती थी. तो फिर से वही क्रिया मेरे पर मार पड़ती थी. ध्वी जी ने बताया कि मुझे तोड़ने के लिए मेरे चरित्र पर लांछन लगाया क्योंकि लोग जानते हैं कि किसी औरत को तोड़ना है तो उसके चरित्र पर दाग लगाओ !
मेरे जेल जाने के बाद यह सदमा मेरे पिताजी बर्दास्त नहीं कर पाये और इस दुनियां से चल बसे.
साध्वी जी राहत की सांस लेते हुए कहती हैं मेरे अन्दर रहते ही, एक दुर्बुद्धि दुराचारी हेमंत करकरे को तो सजा मिल गई मिल गई अभी बहुत लोग बाकी हैं.
साध्वी दीदी ने बताया, "नौ साल जेल में थी, सिर्फ एक दिन एक महिला ने एक डंडा मारा था, बाकी हर रोज पुरुष ही निर्दयता से हमें पीटते थे."
पत्रकार ने पूछा, "आपको समझ में तो आ गया होगा कि क्यों आपको इतने बेरहमी से तड़पाया जा रहा था?"
साध्वी जी ने कहा, "हां, भगवा के प्रति उनका द्वेश था. फूटी आंख भी भगवा को नही देखना चाहते थे. भगवा को बदनाम करने का कांग्रेस ने एक सुनियोजित षडयंत्र तैयार किया था."
साध्वी जी ने बताया कि एक बार कांग्रेस का गुलाम, स्वामी अग्निवेष मुझसे मिलने जेल में आया और बोला, "आप सब कबुल कर लो कि हां! यह सब RSS के कहने पर हुआ है. सरकारी गवाह बन जाओ. चिदम्बरम और दिग्विजय हमारे मित्र हैं. मै आपको छुड़वा दुंगा."
साध्वी जी ने कहा, "अगर आपकी उनसे घनिष्ठता है और सच में हमें छुड़ाना चाहते हो, तो चिदम्बरम से जाकर बोलो की इमानदारी से जांच करवा ले, क्योंकि मैंने ऐसा कुछ किया ही नही है ।"
मित्रों !
सोचने वाली बात यह है कि साध्वी दीदी, नौ साल जेल में रही भाजपा का तीन साल निकाल दो तो छ: साल तक कांग्रेस के कार्यकाल में जेल में रही. इन छ: सालों में कांग्रेस ने "भगवा आतंकवाद" के खिलाफ सबूत नहीं जुटा पाई. इसका सीधा सा अर्थ यह है कि "भगवा" को सिर्फ बदनाम किया जा रहा था. गैरकानूनी तरीके से 'मकोका' भी लगाया गया था.
नौ साल जेल में भयानक यातना सहने के बाद भी साध्वी दीदी व खुफिया अधिकारी कर्नल पुरोहित जी जब स्वच्छंद हवा में सांस लिए,
तो उनके अधरों पर बस एक ही बात थी. "जय हिंद भारत माता की जय यह तन राष्ट्र के प्रति समर्पित है."
और यह कठोर यातना तो "राष्ट्र प्रेम" का श्रृंगार है, खुशी खुशी सहन करेंगे.
और
एक तरफ कांग्रेस का "रखैल", दोगला 'हामिद अंसारी', देश के दुसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर दस साल तक मलाई चाटता रहा. रिटायर्ड के दौरान हरामी बोलता है कि हिंदुस्तान असहिष्णु हो गया है.
इसके बाद भी जो हिंदु, "कांग्रेस" की तरफदारी करता है तो तब सोचता हुं कि यह तो हिंदु हो ही नहीं सकते !!
यह दोगले 'इस्लामिक आतंकवाद' के दोगली व नाजायज पैदावार हैं ।
यह आलेख रजनीश तिवारी राज द्वारा सुदर्शन टीवी के चेयरमैन सुरेश चौह्वाण को साध्वी जी द्वारा दिए गये साक्षात्कार के आधार पर तैयार किया गया है.
इस आलेख पर कोई कापी राइट नही है. हिंदुओ में जनजागरण हेतु ज्यादा से ज्यादा आगे तक साध्वी जी के व्यथा को व कलंकित कांग्रेस का भगवा के प्रति षडयंत्र को लोगों तक पहुंचाए.
साध्वी जी व पुरोहित जी को सादर नमन.
"कमीनी"
"वेश्या"
"कुलटा बोल इस भगवा में किसकी रखैल है ?"
"अब तक कितनों के बिस्तर पर गई है?"
"किसके इशारे पर सब कर रही है ?"
"जिंदगी प्यारी है तो जो मैं कहता हुं कबुल ले बाकी जिंदगी आराम से कटेगी."
मित्रों !
यह शब्द सुनकर आपकी त्योरियां जरुर चढ़ गई होगी
मेरे भी चढ़ गई थी.
ऐसे घृणित शब्दों से किसी और को नहीं बल्कि भगवा वस्त्र धारिणी निष्कलंक साध्वी प्रज्ञा दीदी को कलंकित "कांग्रेस" के इशारे पर कांग्रेस का दल्ला मुम्बई ATS हेमंत करकरे के सामने मुम्बई पुलिस व ATS के दोगलों ने नहलाया था.
कल मैं साध्वी दीदी का एक साक्षात्कार देख रहा था ऐसे घृणित शब्दों को इशारे में बताया बताते हुए उनके नेत्र सजल हो गये. साक्षात्कार देखते हुए क्रोधाग्नि से धधक रहे मेरे आँखो से भी अश्रु की धारा फूट पड़ी
"साध्वी दीदी" ने मर्माहत शब्दों में वृत्तान्त सुनाया कि मेरे शरीर का कोई ऐसा अंग नही जिसे चोटिल ना किया गया हो.
जब पत्रकार ने पुछा कि मारने के कारण ही आपके रीढ़ की हट्टी टूट गई थी ??
साध्वी दीदी ने कहा, "नहीं, मारने से नहीं.
एक जन हमारा हाथ पकड़ते थे एक जन पांव और झूलाकर दीवार की तरफ फेंक देते थे. ऐसा प्राय: रोजाना होता था दीवार से सर टकराकर सुन्न हो जाता था कमर में भयानक दर्द होता था ऐसा करते करते एक दिन रीढ़ की हड्डी टूट गई तब अस्पताल में भर्ती कराया गया."
साध्वी दीदी ने बताया, "एक दिन तो ऐसा हुआ कि मारते मारते एक पुलिस वाला थक गया तो दुसरा मारने लगा उस दौरान मेरे फेफड़े की झिल्ली फट गई फिर भी विधर्मी निर्दयता से मारता रहा."
साध्वी दीदी ने बताया, "रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद मैं बेहोश हो गई थी. जब होश आया तो देखा कि मेरे शरीर से सारा भगवा वस्त्र उतार लिया गया गया था. मुझे एक फ्राक पहनाया गया था."
साध्वी दीदी ने बताया, "मेरे साथ मेरे एक शिष्य को भी गिरफ्तार किया गया था उसे मेरे सामने लाकर उसे चौड़ा वाला बेल्ट दिया और कहा मार!! अपने गुरु को इस साली को!!"
"शिष्य, सकुचाने लगा तो मैं बोली मारो मुझे !! शिष्य ने मजबुरी में मारा तो जरुर मुझे लेकिन नरमी से तब एक पुलिस वाले ने शिष्य से बेल्ट छीन कर शिष्य को बुरी तरह पीटने लगा और बोला ऐसे मारा जाता है."
साध्वी दीदी ने बताया कि एक दिन कुछ पुरुष कैदियों के साथ मुझे खड़ी करके अश्लील आडियो सुनाया जा रहा था. मेरे शरीर पर इतनी मार पड़ी थी कि मेरे लिए खड़ी रहना मुश्किल था. मैं बोली कि बैठ जाऊँ वो बोले साली शादी मे आई है क्या कि बैठ जायेगी!! मेरी आँख बंद होने लगी मैं अचेत हो गई.
साध्वी दीदी ने बताया, "मेरे दोनों हाथों को सामने फैलवाकर एक चौड़े बेल्ट से मारते थे मेरा दोनो हाथ सूज जाता था. अँगुलियां भी काम नही करती थी, तब गुनगुना पानी लाया जाता था. मैं अपने हाथ उसमें डालती कुछ आराम होता जब अंगलुियां हिलने डुलने लगती थी. तो फिर से वही क्रिया मेरे पर मार पड़ती थी. ध्वी जी ने बताया कि मुझे तोड़ने के लिए मेरे चरित्र पर लांछन लगाया क्योंकि लोग जानते हैं कि किसी औरत को तोड़ना है तो उसके चरित्र पर दाग लगाओ !
मेरे जेल जाने के बाद यह सदमा मेरे पिताजी बर्दास्त नहीं कर पाये और इस दुनियां से चल बसे.
साध्वी जी राहत की सांस लेते हुए कहती हैं मेरे अन्दर रहते ही, एक दुर्बुद्धि दुराचारी हेमंत करकरे को तो सजा मिल गई मिल गई अभी बहुत लोग बाकी हैं.
साध्वी दीदी ने बताया, "नौ साल जेल में थी, सिर्फ एक दिन एक महिला ने एक डंडा मारा था, बाकी हर रोज पुरुष ही निर्दयता से हमें पीटते थे."
पत्रकार ने पूछा, "आपको समझ में तो आ गया होगा कि क्यों आपको इतने बेरहमी से तड़पाया जा रहा था?"
साध्वी जी ने कहा, "हां, भगवा के प्रति उनका द्वेश था. फूटी आंख भी भगवा को नही देखना चाहते थे. भगवा को बदनाम करने का कांग्रेस ने एक सुनियोजित षडयंत्र तैयार किया था."
साध्वी जी ने बताया कि एक बार कांग्रेस का गुलाम, स्वामी अग्निवेष मुझसे मिलने जेल में आया और बोला, "आप सब कबुल कर लो कि हां! यह सब RSS के कहने पर हुआ है. सरकारी गवाह बन जाओ. चिदम्बरम और दिग्विजय हमारे मित्र हैं. मै आपको छुड़वा दुंगा."
साध्वी जी ने कहा, "अगर आपकी उनसे घनिष्ठता है और सच में हमें छुड़ाना चाहते हो, तो चिदम्बरम से जाकर बोलो की इमानदारी से जांच करवा ले, क्योंकि मैंने ऐसा कुछ किया ही नही है ।"
मित्रों !
सोचने वाली बात यह है कि साध्वी दीदी, नौ साल जेल में रही भाजपा का तीन साल निकाल दो तो छ: साल तक कांग्रेस के कार्यकाल में जेल में रही. इन छ: सालों में कांग्रेस ने "भगवा आतंकवाद" के खिलाफ सबूत नहीं जुटा पाई. इसका सीधा सा अर्थ यह है कि "भगवा" को सिर्फ बदनाम किया जा रहा था. गैरकानूनी तरीके से 'मकोका' भी लगाया गया था.
नौ साल जेल में भयानक यातना सहने के बाद भी साध्वी दीदी व खुफिया अधिकारी कर्नल पुरोहित जी जब स्वच्छंद हवा में सांस लिए,
तो उनके अधरों पर बस एक ही बात थी. "जय हिंद भारत माता की जय यह तन राष्ट्र के प्रति समर्पित है."
और यह कठोर यातना तो "राष्ट्र प्रेम" का श्रृंगार है, खुशी खुशी सहन करेंगे.
और
एक तरफ कांग्रेस का "रखैल", दोगला 'हामिद अंसारी', देश के दुसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर दस साल तक मलाई चाटता रहा. रिटायर्ड के दौरान हरामी बोलता है कि हिंदुस्तान असहिष्णु हो गया है.
इसके बाद भी जो हिंदु, "कांग्रेस" की तरफदारी करता है तो तब सोचता हुं कि यह तो हिंदु हो ही नहीं सकते !!
यह दोगले 'इस्लामिक आतंकवाद' के दोगली व नाजायज पैदावार हैं ।
यह आलेख रजनीश तिवारी राज द्वारा सुदर्शन टीवी के चेयरमैन सुरेश चौह्वाण को साध्वी जी द्वारा दिए गये साक्षात्कार के आधार पर तैयार किया गया है.
इस आलेख पर कोई कापी राइट नही है. हिंदुओ में जनजागरण हेतु ज्यादा से ज्यादा आगे तक साध्वी जी के व्यथा को व कलंकित कांग्रेस का भगवा के प्रति षडयंत्र को लोगों तक पहुंचाए.
साध्वी जी व पुरोहित जी को सादर नमन.
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