Saturday 19 August 2017

mediya

आफ्टर #मेडिकल_जिहादपेश है आपकी खिदमत में 
#ट्रेन_जिहाद
मिल्लतेशान्तिदूत

जब बार्सिलोना में #ट्रकजिहाद हो सकता है 
तो यहां #ट्रैन_जिहाद क्यो नही
क्या तालीम-ए-मदरसा उन्नत नही है यहां का...?

रेल पटरी को गैस कटर से काटने का घिनोना काम बही कर सकता है
जिसे गला काटने का अनुभव हो और मास्टरी हो जिसकी रूह न कांपे...
Manish Soni
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यदि 1947 में किसी मुसलमान को राष्ट्र गान पर आपत्ति नहीं थी तो अब क्यों हो रहा है.?
क्योकि इनकी आबादी अब 20% हो गयी है, इसलिए..?
नागेंद्र नाथ नीरज
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कितनी ही #डिग्रियाँ हासिल कर लें


पढ़ना तो इन्हें सड़क पर #नमाज ही है
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*जब मेहनत करने के बाद भी सपने पूरे नहीं होते**तो रास्ते बदलिए , "सिंद्धात नहीं"..*क्योंकि पेड़ भी हमेशा पत्ते बदलता हैं जड़ नहीं.!
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आप सोयेंगें, तो सोया हुआ समाज कभी नहीं उठेगा...!!! इसलिये जागो औऱ देश औऱ धर्म की रछा करो.
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 छोटे-छोटे जो हिंदू संगठन है वह आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं । जबकि उन्हें सारे जिहादी मामलों की गतिविधि के बारे में जानकारी रहती है । फिर भी वह इतने सक्षम नहीं है इनका सही प्रतिकार कर सकें । और हम जैसे लोग यह सोच कर उन संगठनों की सहायता नहीं करते कि यह संगठन तो कमाने के उद्देश्य से बनाया गया ।
 अब हमें सोचना होगा कि हम अपने छोटे-छोटे जो हिंदू संगठन है उन्हे आगे कैसे लाएं ताकि वह मुल्लों का हर जगह सही प्रतिकार कर सके । रही बात कमाने कि तो हमें अपने हिन्दु संगठनो पर विश्वास करना सीखना होगा ।
विश्व विजेता सिकंदर ने एक बार कहा था विश्वास खो कर भी मैं जिंदा नहीं रह सकता तो उस बैध से इलाज कराने में मैं संकोच क्यों करू जिसके बारे में यह अफवाह उड़ा दी गई है कि वह मेरी जान ले सकता है ।
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 चीन ने $62 बिलियन डालर के कर्ज मकड़जाल में फंसाकर पाकिस्तान में CPEC ( चीन-पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर बना रहा है।जो चीन के काशगढ़ से अरब सागर में ग्वादर बन्दरगाह को जोड़ेगा। 
शर्तो के अनुसार अगले 30 साल में पाकिस्तान के द्वारा चीन को $90 बिलियन डालर लौटाना पड़ेगा और चीन ने नो कोयले के बिजली घर बनाये है उनकी बिजली भी ₹35 प्रति यूनिट खरीदनी पड़ेगी।
यदि पाकिस्तान $90 बिलियन डॉलर नही लौटा पाया तो पूरे प्रोजेक्ट की जमीन का मालिक 99 वर्षो के लिए चीन बन जायेगा
उमा शंकर मदरसों के छात्रों की डिटेल होगी ऑनलाइन !
जो मदरसे उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के पोर्टल पर खुद को रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा
सरकार से अनुदान पाने के लिए मदरसों को अब रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। यह प्रक्रिया 15 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद प्रदेश के करीब 12 हजार मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के ब्योरे की भी ऑनलाइन फीडिंग शुरू कर दी जाएगी।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने बताया कि यह प्रक्रिया मदरसों में पढ़ाई-लिखाई की बेहतरी से लेकर कागजों पर अनुदान को पारदर्शी बनाने के लिए की गई है। पोर्टल पर मदसरों को शिक्षकों की संख्या, उनके फोटो, कमिटी की पूरी डिटेल, प्रत्येक स्टाफ का आधार नंबर और बैंक अकाउंट की डिटेल देना जरुरी होगा।
15 से 20 लाख स्टूडेंट्स
राहुल गुप्ता के मुताबिक मदरसों में करीब 20 लाख छात्र पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल हुई परीक्षा में जूनियर हाई स्कूल से लेकर पीजी तक कोर्सों में करीब 3 लाख 77 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। रजिस्ट्रार के मुताबिक जो मदरसे उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के पोर्टल पर खुद को रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसी प्रक्रिया स्टूडेंट्स पर भी लागू होगी। उन्होंने बताया कि अभी तक मदरसों के लिए जारी आर्थिक सहायता कागजों पर होती थी, कई मामलों में गड़बड़ी भी पकड़ी गई है। इसी सिस्टम को सुधारने के लिए विभाग ने यह कदम उठाया है।
साभार NBT
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वाशिंगटन डी सी की तर्ज पर राजनीतिक राजधानी दिल्ली और व्यावसायिक राजधानी मुम्बई की रक्षा करने के लिए भारत सतह से हवा में मार करने वाली अमेरिकन The National Advanced Surface to Air Missile System (NASAMS) लाने पर विचार कर रहा है।
यह सिस्टम वाशिंगटन डी सी को हवाई हमलों से बचाने के लिए वर्ष 2005 में लगाया गया था।
इस सिस्टम के आने के बाद भी भारत का अपना स्वंय का BMD बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी काम करेगा और इजरायल-डी आर डी ओ के सहयोग वाला MRSAM तथा इजरायल से मंगाई गई spider मिसाइल भी अन्य शहरों, रक्षा प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डो आदि की रक्षा में लगती रहेगी..
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आखिर कांग्रेस भारत विरोधी कार्य क्यों करती है?
देश का धर्म के आधार पर बटवारा करवाने के बाद करोड़ो मुसलमानो को पाकिस्तान जाने से रोका और उसी ने अब रोहंगिया मुसलमानो का बखेड़ा खड़ा कर दिया...
म्यामार के रोहंगिया मुसलमानो को गुलाम नबी आजाद की सिफारिस पर मनमोहन ने जम्मू क्षेत्र में इसलिए बसने की अनुमति दे दी थी कि इससे जम्मू में हिन्दुओ के वोट बैंक का टक्कर दिया जाएगा।
अब तो उनमे से सैकड़ो को मोबाइल के भारतीय सिम कार्ड भी मिल गए है जबकि जम्मू- कश्मीर क्षेत्र में सिम कार्ड आसानी से नही मिलते।
प्रश्न यह है कि उनकी आर्थिक मदद गुलाम नबी आजाद क्यों कर या करवा रहे है? क्या यह देश द्रोही कार्यवाही नही है।
उमा शंकर सिंह
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जम्मू-कश्मीर: जितने भर्ती नहीं हो रहे हैं, उससे अधिक ढेर किए जा रहे हैं आतंकवादी..!!!
जम्मू और कश्मीर में मजबूत ग्राउंड इंटेलिजेंस की सहायता से जारी आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई से आतंकी संगठनों की कमर टूट गई है। अब हालात यह हैं कि इस वर्ष जितने नए आतंकवादियों की भर्ती नहीं हो रही है, उससे कहीं अधिक ढेर कर दिए जा रहे हैं। राज्य में अलगाववादी अब अपनी गतिविधियों के लिए विदेशी घुसपैठियों पर अधिक निर्भर रह रहे हैं।
इंटेलिजेंस रिकॉर्ड के अनुसार इस साल जम्मू कश्मीर में जहां 71 आतंकियों की 'भर्ती' हुई है, वहीं 132 आतंकियों को सैन्य ऑपरेशन में मार गिराया गया है। पाकिस्तान और PoK से इस साल जुलाई तक 78 आतंकवादियों ने घुसपैठ की है। वहीं पिछले वर्ष 2016 में यह आंकड़ा कुल मिलाकर 123 था। इस ट्रेंड को देखते हुए घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।
इस साल सैन्य ऑपरेशनों में जिन 132 आतंकियों को ढेर किया गया, उनमें से 74 विदेशी नागरिक थे, जबकि 58 स्थानीय थे। इन आतंकियों में से 14 लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और अल-बद्र के टॉप कमांडर थे। राज्य पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के साझा ऑपरेशनों से बड़ी सफलता मिल रही है।
पवन अवस्थी
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मदरसों के छात्रों की डिटेल होगी ऑनलाइन !
जो मदरसे उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के पोर्टल पर खुद को रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा
सरकार से अनुदान पाने के लिए मदरसों को अब रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। यह प्रक्रिया 15 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद प्रदेश के करीब 12 हजार मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के ब्योरे की भी ऑनलाइन फीडिंग शुरू कर दी जाएगी।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने बताया कि यह प्रक्रिया मदरसों में पढ़ाई-लिखाई की बेहतरी से लेकर कागजों पर अनुदान को पारदर्शी बनाने के लिए की गई है। पोर्टल पर मदसरों को शिक्षकों की संख्या, उनके फोटो, कमिटी की पूरी डिटेल, प्रत्येक स्टाफ का आधार नंबर और बैंक अकाउंट की डिटेल देना जरुरी होगा।
15 से 20 लाख स्टूडेंट्स
राहुल गुप्ता के मुताबिक मदरसों में करीब 20 लाख छात्र पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल हुई परीक्षा में जूनियर हाई स्कूल से लेकर पीजी तक कोर्सों में करीब 3 लाख 77 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। रजिस्ट्रार के मुताबिक जो मदरसे उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के पोर्टल पर खुद को रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसी प्रक्रिया स्टूडेंट्स पर भी लागू होगी। उन्होंने बताया कि अभी तक मदरसों के लिए जारी आर्थिक सहायता कागजों पर होती थी, कई मामलों में गड़बड़ी भी पकड़ी गई है। इसी सिस्टम को सुधारने के लिए विभाग ने यह कदम उठाया है।
साभार NBT






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