Thursday, 10 August 2017

आवश्यकता आविष्कार की जननी है।यह दृश्य लिटिया खार स्कूल का है सामने जो दिख रहा है वह खिलौना नही है बल्कि इस गाड़ी में बैठे दिव्यांग का रथ है और आगे में खड़ा नन्हा बालक इसे खींचता है।प्रतिदिन स्कूल आने जाने का काम आता है। दोनों बालकों की अच्छी जोड़ी है।शीघ्र ही समस्या का निदान किया जायगा।
यह दृश्य देखकर लगा चलने वाले को आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता।अभाव कितना कियो न हो प्रभाव छोड़ जाता है।बस बढ़ते चलो बढ़ते चलो...
जिसके पास सब कुछ है वह कुछ नही है,कुछ नही है उसके पास सब कुछ है।

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