Thursday, 10 August 2017


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राजीव गांधी के दौर में भारत से गायब हुईं अति प्राचीन भारतीय कलाकृतियों और मूर्तियों के गायब होने के पीछे था एंटोनिया माइनो उर्फ़ सोनिया गांधी का हाथ ....!
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ये उस समय की बात है जब देश में राजीव गांधी का शासन था और भारत सरकार विदेशों में भारत महोत्सव मनाया करती थी। उस महोत्सव को मनाने के लिए तमाम कलाकार भारत से दुनिया भर के देशो में जाया करते थे। साथ ही विदेशों में भारतीय संस्कृति की प्रदर्शनी लगाने के लिए भारत के पुरातत्व संग्रहालयों से हजारों साल पुरानी प्राचीन मुर्तियाँ भी विदेशों में भेजी जाती थीं।
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...उस समय न तो आज जैसा मीडिया हुआ करता था और न ही आज जैसा सोशल मीडिया या कैमरे ... तो जनता के स्तर पर ये हिसाब रखना असंभव था कि भारत से कितनी प्राचीन कला-कृतियाँ विदेशों में गईं और फिर कितनी वहाँ से वापस आ पाईं...???
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...उस दौर में एंटोनिया माइनो उर्फ़ सोनिया गांधी का भारत की राजनीति में अखंड भौकाल हुआ करता था। उस दौर में ऐसी चर्चाएं भी थीं कि विदेशों में भेजी गईं सैकड़ों प्राचीन भारतीय मूर्तियों तथा कलाकृतियों में से अनेक भारत वापस ही नहीं आईं तथा जो भारत में वापस भी आईं उनमें से अनेक असली मूर्तियाँ न होकर उनकी नकली प्रतिकृतियाँ थीं ....!
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अब आप सोच रहे होंगे कि विदेशों में भारत से भेजी गयी अनेक प्राचीन मूर्तियाँ और कलाकृतियाँ आखिर फिर गयी कहाँ ...???
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...तो मुद्दा कुछ ऐसा है कि एंटोनिया माइनो उर्फ़ सोनिया गांधी की बहन अनुष्का का इटली में प्राचीन कलाकृतियों का एक शोरूम हुआ करता था जिसका नाम था ''गणपति"...! इसी शोरूम के माध्यम से भारत की अरबों रूपये मूल्य की अति प्राचीन मूर्तियाँ तथा कला कृतियाँ, क्रिस्टी नाम की नीलामी संस्था के जरिये बेच दी गईं और फिर उससे मिला पैसा किसके पास गया होगा, इसका आप सहज ही अनुमान लगा सकते हैं।

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