चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का प्रमुख चाऊ एन लाई जब भारत आया .....
तब नेहरु ने उसे कानपूर की आर्डिनेंस फैक्ट्री दिखाने ले गया
तब उस मुर्ख ने बड़े गर्व से कहा की हम तो पंचशील समझौते से बंधे हुए है ,न आप कभी हम पर हमला करेंगे और न हम आप पर ..
इसलिए देखिये इस गोला बारूद की फैक्ट्री में हम जूते बना करे है ..
इतना ही नही नेहरु ने ये भी बता दिया की अब भारत को कोई खतरा नही है इसलिए भारत अब रक्षा बजट पर खर्च नही करेगा ..
तब नेहरु ने उसे कानपूर की आर्डिनेंस फैक्ट्री दिखाने ले गया
तब उस मुर्ख ने बड़े गर्व से कहा की हम तो पंचशील समझौते से बंधे हुए है ,न आप कभी हम पर हमला करेंगे और न हम आप पर ..
इसलिए देखिये इस गोला बारूद की फैक्ट्री में हम जूते बना करे है ..
इतना ही नही नेहरु ने ये भी बता दिया की अब भारत को कोई खतरा नही है इसलिए भारत अब रक्षा बजट पर खर्च नही करेगा ..
चाऊ एन लाई ने मुर्ख नेहरू की हरकतों को देख कर ....
चीन जाकर अपने सेना से मीटिंग कि और बोला जो देश अपने गोला बारूद की फैक्ट्री में जुता बनाये वो देश बेहद कमजोर होगा ..
हमे अब भारत पर हमला करना ही चाहिए ..
फिर चीन ने 1962 में भारत पर भीषण हमला कर दिया ..
हमारे सैनिको के पास बर्फ में पहनने वाले जूते तक नही थे ..
न ही पर्याप्त गोला बारूद थे ..
न ही हथियार ..
नजीता ये हुआ की भारत की करारी हार हुई .. और बेशर्म नेहरु और कांग्रेस ख़ामोशी से भारत के एक बड़े भूभाग पर चीन के कब्जे को देखते रहे
चीन जाकर अपने सेना से मीटिंग कि और बोला जो देश अपने गोला बारूद की फैक्ट्री में जुता बनाये वो देश बेहद कमजोर होगा ..
हमे अब भारत पर हमला करना ही चाहिए ..
फिर चीन ने 1962 में भारत पर भीषण हमला कर दिया ..
हमारे सैनिको के पास बर्फ में पहनने वाले जूते तक नही थे ..
न ही पर्याप्त गोला बारूद थे ..
न ही हथियार ..
नजीता ये हुआ की भारत की करारी हार हुई .. और बेशर्म नेहरु और कांग्रेस ख़ामोशी से भारत के एक बड़े भूभाग पर चीन के कब्जे को देखते रहे
आज हालत एकदम बदल गये है ..
चीन को पहली बार किसी देश ने ऐसी चुनौती दी है की चीन तय नही कर पा रहा की वो क्या करे ..|
Yogesh Kumar Joshi
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चीन को पहली बार किसी देश ने ऐसी चुनौती दी है की चीन तय नही कर पा रहा की वो क्या करे ..|
Yogesh Kumar Joshi
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95 वर्षीय बांग्लादेशी इस्लामिक कट्टरवादी यानी "हिफाज़त-ए-आलम" का मुखिया भारत में काफिरों के हाथों इलाज करवाने अपोलो अस्पताल में भर्ती हुआ है... दिन-रात भारत के खिलाफ ज़हर उगलने वाला ये शख्स वहाँ के दो ब्लॉगरों की हत्या का आरोपी भी है...
बताओ भला!!! कठमुल्लों और 72 हूरों के इतने बुरे दिन आ गए हैं कि फिलीस्तीनी आतंकी इलाज करवाने इज़राईल जाते हैं... तालिबान के नेता इलाज करवाने अमेरिका जाते हैं... और कब्र में पैर लटकाए बैठे महाशय "काफिर हिन्दू डॉक्टरों" के हाथों इलाज करवाने भारत चले आए...
कितने बेशर्म... कितने भिखारी... सुभानअल्लाह...
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