Tuesday 29 August 2017

कर्नल पुरोहित की रिहाई के बाद अब यह स्पस्टहो गया है की सोनिया गाँधी ISI की एजेंट हैं।दिसम्बर 2016 को सुब्रमण्यम स्वामी ने कहाथा कि सोनिया गाँधी पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI से सम्बन्ध रखती है और साथ में सोनिया गाँधी को ISI के एजेंट फरीदा हतव्ला की घनिष्ठ मित्र भी बताया था .सुब्रमण्यम स्वामी के सोनिया गाँधी को ISI एजेंट बताने की बात यदि गलत होती तो अभी तक सोनिया गाँधी डॉ. स्वामी पर मानहानि का केस करके उन्हें जेल भेज देती लेकिन सोनिया गाँधी ने तो इसकी शिकायत कोर्ट में भी नही की क्यूंकि अगर वो ऐसा करती है तो सुब्रमण्यम स्वामी कोर्ट में सबूत पेश कर देते .अब जो रोचक जानकारी आ रही है वो यह है की 2010 में सोनिया गाँधी और हाफिज सईद की मुलाकात होनी थी. पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद इटालियन माता से 2010 में मिलना चाहता था, मगर इटालियन माता ने इंकार कर दिया क्योंकि इसमें काफी रिस्क था.वैसे सोनिया गांधी की आतंकियों से हमदर्दी कोई नयी बात नहीं है, इससे पहले पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद भी आजमगढ़ की चुनावी रैली में कबूल कर चुके हैं कि बाटला हाउस एनकाउंटर में आतंकियों के मारे जाने की तस्वीरें देखकर सोनिया गांधी रो पड़ी थी.दाऊद को बचाने के लिए अजित डोवाल को करवाया गिरफ्तार ?-------------------------------------------------------------------------2005 में सोनिया-मनमोहन की सरकार के दौरान आज के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल को मुंबई में गिरफ्तार कर लिया गया था,क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान मे बैठे दाऊद को मारने की पूरी योजना बना ली थी.पाकिस्तान के कहने पर कर्नल पुरोहित को किया गिरफ्तार !--------------------------------------------------------------------26/11 के मुंबई आतंकी हमले से ठीक पहले ही कर्नल पुरोहित को गिरफ्तार किया गया, क्योंकि कर्नल पुरोहित सेना के जासूस थे और 26/11 आतंकी हमले के प्लान के बारे में जानते थे.कर्नल पुरोहित की पत्नी अपर्णा पुरोहित ने कहा था कि पाकिस्तान चाहता था कि कर्नल पुरोहित को गिरफ्तार कर लिया जाए और सोनिया-मनमोहन सरकार भी इसके बारे में विचार भी कर रही थी.अपने खुफिया मिशन के दौरान कर्नल पुरोहित पाकिस्तान के कई संवेदनशील और नापाक राज जान गए थे, कर्नल पुरोहित का बड़ा जासूसी नेटवर्क भी पाकिस्तान में खुफिया जानकारियां जुटा रहा था. इसीलिए पाकिस्तान कर्नल पुरोहित की कस्टडी की मांग कर रहा था.पाकिस्तानी जनरल पाशा के कहने पर ही कर्नल पुरोहित को ठीक 26/11 आतंकी हमले से पहले गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि पाकिस्तानियों को शक था कि कर्नल पुरोहित को इस आतंकी हमले की भनक लग चुकी थी और वो हमले को विफल कर सकते थे.कश्मीरी और कोंग्रेसी नेता आतंकियों की मददकरते थे ?----------------------------------------------------------------कर्नल पुरोहित को पता चल गया था कि एक कश्मीरी नेता जो जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री भी था, वो और कोंग्रेसी नेता “मिया आज़ाद” (गुलाम नबी आज़ाद) एक ही गाड़ी मेंघुमते थे और उनके साथ उसी गाडी में आतंकी भी घूमते थे. गाड़ी पर लाल बत्ती लगी होने के चलते किसी को कानो-कान खबर तक नहीं होती थी. इसी नेता की गाड़ी का इस्तेमाल करके 2005 सेलेकर 2010 तक कश्मीर में पैसों की फंडिंग में भी की गयी.हिन्दू आतंकवाद जुमले को साबित करने की साजिश ?-------------------------------------------------------------26/11 मुंबई हमले का पूरा षड्यंत्र हिन्दुओ को आतंकी घोषित करने के लिए पाकिस्तान ने रचा था, ताकि इस्लामिक कट्टरपंथी आतंकियों पर से ध्यान हटाया जा सके. प्लान था कि आतंकी हमला करने के बाद सभीआतंकियों को मार दिया जाएगा और इस हमले को भी हिन्दू आतंकवाद से जोड़ दिया जाएगा. इसीलिए सारे आतंकी को कलावा पहना कर भेजा गया था । कलावा सिर्फ हिन्दू पहनते हैं मुसलमान नहीं।“26/11 आरएसएस की साजिश” नाम की किताब तो पहले से छाप कर रख ली गयी थी, जिसका विमोचन कोंग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने खुद किया था.जब आतंकी मुंबई में घुसे, उससे पहले ही देश के कई नेता इसके बारे में जानते थे और उन्होंने हेमंत करकरे को ख़ास निर्देश दिए थे कि एक भी आतंकी ज़िंदा ना बचने पाए.मगर सिपाही तुकाराम ओम्बले ने कांग्रेस और पाकिस्तान की सारी योजना पर पानी फेर दिया और आतंकी कसाब को जिन्दा पकड़ लिए गया. आतंकियों ने हेमंत करकरे को पहचाना नहीं थी और धोखे से उन्हें गोली मार दी.पी चिदंबरम, सुशील कुमार शिंदे, अहमद पटेल औरसोनिया गांधी का साजिश में हाथ ?---------------------------------------------------------------------------इस पूरी साजिश के पीछे सोनिया गाँधी, पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम, पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और अहमद पटेल मुख्य साजिश कर्ता हैं .लाल कृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी और बाल ठाकरे को मारने की साजिश ?-----------------------------------------------------------------------------------मुद्रिक में पाकिस्तानियों और भारत के गद्दारों की एक मीटिंग हुई थी, पाकिस्तान भारत की सैन्य ख़ुफ़िया एजेंसियों के बारे में जानना चाहता था. इसी मीटिंग में योजना रखी गयी कि बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को मार दिया जाये. मगर इटालियन माता ने इंकार कर दिया क्योंकि 2009 के चुनाव आने वाले थे औरहिंदूवादी नेताओं के मारे जाने से कांग्रेसको चुनाव में नुक्सान होने का डर था.मोदी को फंसाने के लिए असीमानंद पर दबाव ?------------------------------------------------------26/11 हमले का पूरा का पूरा प्लान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को आतंकी संगठन बताकर हिन्दू आतंकवाद को सिद्धकरने के मकसद से बनाया गया था. इसी तरह समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में ब्लास्ट के बादगिरफ्तार किये गए पाकिस्तानी आतंकी को छोड़ दिया गया और स्वामी असीमानंद को इस केस में फंसा दिया गया.स्वामी असीमानंद को गिरफ्तार करके थर्ड डिग्री की यातनाएं दी गयीं और उनसे कहा गया कि यदि इन यातनाओं से बचना है तो गुजरात के एक बड़े बीजेपी नेता (नरेंद्र मोदी) का नाम ले लो. इंकार करने पर असीमानंद को और यातनाएं दी गयी, ऐसा ही साध्वी प्रज्ञा के साथ भी किया गया.योजना थी कि 26/11 के आतंकी हमले में सभी आतंकियों को मार कर सारा इल्जाम आरएसएस पर लगा कर संघ को आतंकी संगठन घोषित किया जाएगा. इसके बाद नरेंद्र मोदी और अमित शाह को भी इसी तरह के केस में फंसा दिया जाएगा क्योंकि इटालियन माता 2004 से ही जानती थी की ये दोनों उसके लिए बड़ा खतरा है.10 सालों तक जनरल पाशा का था भारत पर राज ?---------------------------------------------------------दरअसल 2004 से 2014 तक देश में मनमोहन-सोनिया नहीं बल्कि पाक आईएसआई का जनरल पाशा राज कर रहा था, जो वो चाहता था वही यहाँ होता था. डॉक्टर गौरव प्रधान ने बताया कि कर्नल पुरोहित का पाकिस्तान में काफी अच्छा जासूसी नेटवर्क था, जिसके कायल खुद अजित डोभाल भी थे. अजित डोवाल भी ये देखकर हैरान थे कि कर्नल पुरोहित ने अपने इसी जासूसी नेटवर्क के दम पर सात बार पाकिस्तान की साजिशों और हमलों को विफल कर दिया था.कर्नल पुरोहित का पाकिस्तान में जासूसी नेटवर्क इतना मजबूत था कि आतंकी हाफिज सईद और लख्वी तक उनसे डरते थे. इसी डर से दोनों आतंकी आकाओं की सुरक्षा भी पाकिस्तान ने बढ़ा दी थी. कर्नल पुरोहित पाक खुफिया एजेंसीऔर पाक आतंकियों दोनों के निशाने पर थे.जनरल पाशा के इशारे पर कांग्रेस सरकार ने कर्नल पुरोहित को गिरफ्तार कर जेल में डलवा दिया और बेपनाह यातनाएं दी. पूरी कोशिश की गयी कि इस देशभक्त सेना के अफसर को आतंकी घोषित कर दिया जाए.इस रहस्य को अपने मित्रों के साथ शेयर/कॉपी करना न भूलें।पोस्ट साभारSanjay Dwivedy

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