Wednesday, 9 August 2017

.डोकलाम ...
मोदी सरकार के सामने बहुत सिमित विकल्प...

UNO के रिजोलुशन के बाद भी कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों और पाकिस्तान परस्त दब्बू पन और उसके सामने झुकने के कारण पाकिस्तान ने भारत के कब्जे वाले को कश्मीर को विश्व के सामने विवादित क्षेत्र के रूप में पेश कर दिया जबकि अपने कब्जे वाले POK को अपना क्षेत्र मनवा लिया। इतना ही नहीं अब पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले POK में चीन से CPEC बनवाकर चीन को एक तीसरी पार्टी के रूप में ला दिया।
डोकलाम तनातनी में चीन इसी बात की बार-बार धमकी दे रहा है कि जिस प्रकार भूटान के कहने पर डोकलाम में भारत बीच मे आ गया वैसे हम भी पाकिस्तान के बुलावे पर कश्मीर में घुसेंगे।

नेहरू की अदूरदर्शी नीतियों और उसका कश्मीर से बेतुका लगाव होने के कारण कश्मीर का बटवारा हो गया। दक्षिण कश्मीर, पूर्वी कश्मीर तथा पश्चिमी कश्मीर का 3/4 भाग भारत को मिला और पूरा उत्तरी कश्मीर तथा 
पश्चिमी कश्मीर का 1/4 भाग पाकिस्तान को मिल गया। जिसमे से उसने कुछ भाग चीन को देकर चीन को अपना मित्र बना लिया।
नेहरू ने एक निहायत बेहूदिगी भरा भारत की एकता और अखंडता पर चोट लगने वाला एक काम और किया और करवाया की उसने जम्मू-कश्मीर को भारत मे विशेष दर्जा हेतू उसे धारा-370 में ऱख कर वंहा आर्टिकल 35A लागू करवा दिया।

इधर देश मे अभी भी गुलाम नबी आजाद, अब्दुल्ला परिवार, मुफ़्ती की बेटी महबूबा जैसे कश्मीरी नेता धारा 370 के पक्ष में अनावश्यक बयान बाजी और पाकिस्तान से वार्ता करो-वार्ता करो की रट लगाए हुए है। इसी रट के चलते हुर्रियत कांफ्रेंस जैसे अलगाववादी माफिया गिरोह ने पाकिस्तान के आर्थिक समर्थन से सुन्नी बाहुल्य दक्षिण कश्मीर में पिछले 30 वर्षों से आतंकियों को पालपोष कर आजकल पूरे दक्षिण कश्मीर को आतंकियों का गढ़ बना दिया है जो ज्वालामुखी जैसा धधक रहा है।



अब मोदी सरकार के सामने बहुत सिमित विकल्प बचे है।
1..डोकलाम में वंही तब तक डटे रहे जब तक चीन की सेना पीछे नहीं जाती है।
2..POK में चीन के द्वारा बनाये जा रहे CPEC कार्य और चीन निर्मित किये जा रहे 6 हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का विरोध करने के लिए साम, दाम, दण्ड और भेद सभी प्रकार के क्रिया कलाप करे ।एक यह कि अब जब भी वार्ता होगी POK पर होगी और पाकिस्तान POK को खाली करे।
3..यह मान लिया जाय कि आज नही तो कल चीन पूरे पाकिस्तान को अपना गुलाम बना लेगा अतः चीन और पाकिस्तान को एक मानते हुए देश की रक्षा तैयारी उसी अनुसार की जाय।
4..चीन को चित हिन्द महासागर में किया जाएगा इसलिए नौसेना के जंगी बेड़े को तीनगुना, पनडुब्बी बेड़े को चार गुना और समुद्री तट बेड़े को 5 गुना बंनाया जाय।

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राजीव गांधी के दौर में भारत से गायब हुयी अति प्राचीन भारतीय कलाकृतियों और मूर्तियों के गायब होने के पीछे था सोनिया गांधी का हाँथ ....!!!
ये उस समय की बात है जब देश में राजीव गांधी का शासन था और भारत सरकार विदेशो में भारत महोत्सव मनाया करती थी , उस महोत्सव को मनाने के लिए तमाम कलाकार भारत से दुनिया भर के देशो में जाया करते थे ,,,,,साथ ही विदेशो में भारतीय संस्कृति की प्रदर्शनी लगाने के लिए भारत के पुरातत्व संग्रहालयो से हजारो साल पुरानी प्राचीन मुर्तिया भी विदेशो में भेजी जाती थी ..उस समय न तो आज जैसा मीडिया हुआ करता था , न ही आज जैसा सोशल मीडिया या कैमरे ...तो जनता के स्तर पर ये हिसाब रखना असंभव था की भारत से कितनी प्राचीन कला कृतियाँ विदेशो में गयी और फिर कितनी बापस आई       .    उस दौर में सोनिया का अखंड भौकाल हुआ करता था ....उस दौर में ऐसी चर्चाये थी की विदेशो में भेजी गयी सैकड़ो प्राचीन भारतीय मूर्तियों तथा कलाकृतियों में से अनेक भारत बापस नहीं आई तथा जो भारत में बापस भी आई उनमे से अनेक प्रतिकृति थी .....
अब आप सोच रहे होंगे की विदेशो में भारत से भेजी गयी अनेको प्राचीन मूर्तियाँ और कलाकृतियाँ आखिर फिर गयी कहाँ ...तो मुद्दा कुछ ऐसा है की सोनियां गांधी की बहन अनुष्का का इटली में प्राचीन कलाकृतियों का एक शोरम हुआ करता था जिसका नाम था '' गणपति '' इसी शोरूम के माध्यम से भारत की अरबो रूपये मूल्य की अति प्राचीन मूर्तियाँ तथा कला कृतियाँ ..क्रिस्टी नाम की नीलामी संस्था के जरिये बेच दी गयी और फिर उससे मिला पैसा किसके पास गया होगा आप सहज अनुमान लगा सकते है !
पवन अवस्थी
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