Saturday 19 August 2017

हिन्दुस्तान के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में बैठे हराम खोरो की हकीकत 
और भारत में अवैध रूप से बसाए गए रोहिंगिया मुसलमानों का सच .............!!!
वर्ष 2012 की बात है है ...म्यांमार में अवैध रूप से रह रहे रोहिंगिया मुसलमानों ने म्यांमार में बड़े पैमाने पर दंगे किये थे ...जिसके बाद पहले तो म्यांमार की  बौध जनता ने इन दंगो को खूब झेला ..बहुत से बौध मारे गए , उनकी संपत्तियों को बड़े पैमाने पर जलाया गया ...और उसके बाद फिर जब म्यांमार की जनता ने इन हिंसक रोहिंगिया मुसलमानों को प्रतिक्रिया में पेलना शुरू किया तो ये अपना झोला झंडा उठा के भागने लगे थे .उस समय भारत में मनमोहन सरकार का राज था .. तथा कश्मीर में कांग्रेस की भागीदारी वाली सरकार ..ऐसे माहौल में कांग्रेस और ओबैसी के इस्लामी गिरोह ने हजारो की संख्या में म्यांमार से भाग रहे रोहिंगिया मुसलमानों को भारत में अवैध रूप से बसाना शुरू किया ... जिस कश्मीर में भारत की जनता को बसने का अधिकार नहीं है ...उसी कश्मीर में भी बड़े पैमाने पर इन हिंसक रोहिंगिया मुसलमानों को बसाया गया था अब आते है असल मुद्दे पर ......
रोहिंगिया मुस्लिम म्यांमार के मूल वाशिंदे नहीं है ...ये लोग म्यांमार में अवैध रूप से घुस के अपनी कालोनिया बसाने लगे ..... शांतिप्रिय बौध जनता ने इस पर कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं की ..इसके कारण इनके डीएनए में शामिल हिंसा और अपराध की मानसिकता ने अपना असली रूप दिखाना शुरू किया .फिर इन रोहिंगियाओं की शैतानियत म्यांमार में उत्तरोत्तर बढती रही ....लोकल बौध आवादी पर अपनी हिंसक इस्लामी आक्रामकता के जरिये हावी होना , चोरी बलात्कार , लूटपाट तथा अन्य अपराध करना इनका स्वभाव था ...फिर एक दिन घटी घटना ने म्यांमार की जनता को प्रतिक्रिया देने को मजबूर कर दिया था ...
              हुआ यूँ की म्यांमार में एक बौध लड़की के साथ बलात्कार हुआ और उसके बाद उसके जिस्म के कई टुकड़े कर दिए गए .फिर यह मामला अदालत में गया और उसके बाद इस घटना के अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई गयी ..फांसी की सजा का एलान होते ही म्यांमार के इन रोहिंगिया मुसलमानों ने म्यांमार को इस्लामी दंगो की आग में झोक दिया था ....
एक सीमा तक सहन करने के बाद जब म्यांमार की जनता ने इन रोहिंगिया मुसलमानों को पेलना शुरू किया तो ये भाग कर किसी अन्य इस्लामी मुल्क में अपने हम मजहब भाईओ के पास नहीं गए बल्कि हिन्दुस्तान में भाग कर आये थे ये मुद्दा यही पर ख़तम नहीं होता .....
उसी दौर में जब म्यांमार की जनता ने लुटने पिटने तथ आगजनी बलात्कार आदि झेलने के बाद इन रोहिंगिया मुसलमानों के खिलाफ मज़बूरी में प्रतिक्रिया की थी तो .यहाँ भारत में मुसलमानों ने देश भर में उग्र इस्लामी प्रदर्शनों के साथ भारत के बहुत से शहरो दंगे किये थे और इसी सन्दर्भ में हुए इस्लामी दंगे तथा प्रदर्शन के दौरान मुम्बई में मुसलमानों ने उस शहीद स्मारक को जमीदोज कर दिया था जिसे मुम्बई के पाकिस्तान द्वारा किये गए आतंकी हमलो में मारे फौजियों तथा जनता की याद में बनाया गया था !
                       आज भारत में अवैध रूप से रह रहे जिन रोहिंगिया मुसलमानों के रोते हुए मासूम चेहरे आज मीडिया दिखा रहा है .और जिनको देख के भारत के मानवाधिकार आयोग में बैठे सेकुलरो की छाती में दूध उतर रहा है .उसी रोहिंगिया समाज की म्यांमार में की गयी हरकतों के चित्र इस पोस्ट में संलग्न है ..इच्छुक और जिज्ञासु मित्र विषय की जानकारी के उनका संज्ञान ले सकते है की आज मासूम से दिख रहे इस रोहिंगिया मुस्लिमो ने म्यांमार में कैसी हिंसा की थी !!!
पवन अवस्थी 
Shashi Agrawal हमारा देश कोई धर्मशाला नही है,कोई भी आये और यहाँ सरन दे दे,केन्द्र सरकार से अपील करता हु की ज्यादा मानवता दिखाने की जरूरत नही है,निकाल बाहर करे,ओर राज धर्म का पालन करे।

Anup Dalwani धर्मशाला है भी तो इंसानो के लिए है , वहशी जानवरो के लिए नही
Rahul Dubey मानव अधिकार आयोग का बैठक एक एक व्यक्ति को हंटर थी तब तक मारना चाहिए जबतक वह मानव अधिकार आयोग का नाम ना भूल जाए...मानवाधिकार वाले अवैध रोहंगियामुस्लिमों के पुनर्वास की चिंता करते हैं। 4 लाख से अधिक  प्रवासी कश्मीरियों की कोई चिंता नही ?

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