मैं तो हिन्दू लड़कियों की मूर्खता पर लिखना ही नहीं चाहता क्योंकि ये मेरे लिए ही शर्मनाक होगा पर कभी कभी लिखना चाहिए।आज चारों तरफ फिर से लव जिहाद का डिबेट चालू है।अब कोर्ट ने भी मान लिया कि लव जिहाद एक सच्चाई है।अब कोई कहता है इस्लाम दोषी है तो कोई सरकार को फेलियर कहता है।
पर सच पूछो तो इसमें सबसे बड़ी दोषी हिन्दू लड़कियां है। इनको समझाना मतलब पैदल चांद पर जाना है।एक तो इनका जवाब सुनो तो सिर्फ फिल्मी डायलाग मारती है।
"तुमलोग आपस मे लड़वा रहे हो, तुमलोग ही दंगा करवाते हो,तुमलोग ही वोट के लिए ऐसे करते हो आदि आदि"
और खुद ?
एक तरफ कृष्ण पूजा का नाटक और दूसरी तरफ गौभक्षकों के साथ घूमना ?
एक तरफ शिवपूजा और दूसरी तरफ नंदी के हत्यारों के साथ ?
ये लड़कियों को इस्लाम की abc भी पता नहीं है।मुसल्मानों के जिहादी चेहरे को देख नहीं पाती।इनको सिर्फ दिखता है ,जीन्स पेंट टीशर्ट घड़ी,बाइक और कार,चुपके से पानी लगा लगा के बाल सँवार के लाइन मारते लड़के ।
क्योंकि हिन्दू लड़कियां बददिमाग है और लालची हैं।इनके रोल मॉडल सिवाय बॉलीवुड के भांड हीरोइनों को छोड़कर और कोई होता ही नहीं।इनको दिन रात बस ये बॉलीवुड गाना तो वो बॉलीवुड गाना। बस इससे ज्यादा हो गया तो फिर tv सीरियल।इनके मां बाप भी कभी इस्लाम की सच्चाई नहीं बताते।इन लड़कियों को धार्मिक संस्कारों की जगह बॉलीवुड का संस्कार मिलता है।जितने उपदेश फिल्मों में दिये जाते है।ये भी बहस होने पर उतना ही बोलती है।
इन तक सच्चाई नहीं जा रही है।हिंदुओं के लिए उनके घर की लड़कियां ही धर्म की सबसे कमजोर कड़ी है।। ये लोग धार्मिक होने की नौटंकी तो खूब करती है लेकिन धर्म मिटाने वालों के साथ दोस्ती रखती है।आज जब हिंदुओं में जागरूकता आ रही है तब भी ये लोग अपनी ही दुनिया मे व्यस्त हैं।कारण ये है कि माँ बाप इनसे घर के अंदर DEBATE नहीं करते और लड़कियों को एक उम्र के बाद समझाया नहीं जा सकता क्योंकि तबतक ये बहुत काबिल बन जाती हैं।थोड़ी सी बड़ी हुई नहीं कि बोलेगी
"ये मेरी जिंदगी है तुम कौन होते हो बोलने वाले कि मैं क्या करूँ ?"
और ऐसा तो ये आपको ही नही अपने बाप और मां को ही बोलने लगती है.. यही लड़कियां मुल्लों के घरों में सौतन के साथ गौमांस पका रही है और isis में भेजी जा रही है।
में तो एक सुझाव दूंगा जो लड़कियां बड़ी हो गयी वो तो काबिल बन चुकी है सुनेंगी नहीं इसलिए कम से कम जो आज आपके घर में छोटी बच्चियां है उसको धार्मिक जानकारी दीजिये और सेकुलरिज्म वाला कथा पाठ मत सुनाइये। इस्लाम से नफरत सिखाइये।मुल्लों से नफरत सिखाइये।क्योंकि गंदी चीजों से आप प्रेम करना सिखाएंगे क्या ? नहीं तो कल आपको ही शर्मिंदा होना पड़ेगा जैसे हमलोग आज हैं।
पर सच पूछो तो इसमें सबसे बड़ी दोषी हिन्दू लड़कियां है। इनको समझाना मतलब पैदल चांद पर जाना है।एक तो इनका जवाब सुनो तो सिर्फ फिल्मी डायलाग मारती है।
"तुमलोग आपस मे लड़वा रहे हो, तुमलोग ही दंगा करवाते हो,तुमलोग ही वोट के लिए ऐसे करते हो आदि आदि"
और खुद ?
एक तरफ कृष्ण पूजा का नाटक और दूसरी तरफ गौभक्षकों के साथ घूमना ?
एक तरफ शिवपूजा और दूसरी तरफ नंदी के हत्यारों के साथ ?
ये लड़कियों को इस्लाम की abc भी पता नहीं है।मुसल्मानों के जिहादी चेहरे को देख नहीं पाती।इनको सिर्फ दिखता है ,जीन्स पेंट टीशर्ट घड़ी,बाइक और कार,चुपके से पानी लगा लगा के बाल सँवार के लाइन मारते लड़के ।
क्योंकि हिन्दू लड़कियां बददिमाग है और लालची हैं।इनके रोल मॉडल सिवाय बॉलीवुड के भांड हीरोइनों को छोड़कर और कोई होता ही नहीं।इनको दिन रात बस ये बॉलीवुड गाना तो वो बॉलीवुड गाना। बस इससे ज्यादा हो गया तो फिर tv सीरियल।इनके मां बाप भी कभी इस्लाम की सच्चाई नहीं बताते।इन लड़कियों को धार्मिक संस्कारों की जगह बॉलीवुड का संस्कार मिलता है।जितने उपदेश फिल्मों में दिये जाते है।ये भी बहस होने पर उतना ही बोलती है।
इन तक सच्चाई नहीं जा रही है।हिंदुओं के लिए उनके घर की लड़कियां ही धर्म की सबसे कमजोर कड़ी है।। ये लोग धार्मिक होने की नौटंकी तो खूब करती है लेकिन धर्म मिटाने वालों के साथ दोस्ती रखती है।आज जब हिंदुओं में जागरूकता आ रही है तब भी ये लोग अपनी ही दुनिया मे व्यस्त हैं।कारण ये है कि माँ बाप इनसे घर के अंदर DEBATE नहीं करते और लड़कियों को एक उम्र के बाद समझाया नहीं जा सकता क्योंकि तबतक ये बहुत काबिल बन जाती हैं।थोड़ी सी बड़ी हुई नहीं कि बोलेगी
"ये मेरी जिंदगी है तुम कौन होते हो बोलने वाले कि मैं क्या करूँ ?"
और ऐसा तो ये आपको ही नही अपने बाप और मां को ही बोलने लगती है.. यही लड़कियां मुल्लों के घरों में सौतन के साथ गौमांस पका रही है और isis में भेजी जा रही है।
में तो एक सुझाव दूंगा जो लड़कियां बड़ी हो गयी वो तो काबिल बन चुकी है सुनेंगी नहीं इसलिए कम से कम जो आज आपके घर में छोटी बच्चियां है उसको धार्मिक जानकारी दीजिये और सेकुलरिज्म वाला कथा पाठ मत सुनाइये। इस्लाम से नफरत सिखाइये।मुल्लों से नफरत सिखाइये।क्योंकि गंदी चीजों से आप प्रेम करना सिखाएंगे क्या ? नहीं तो कल आपको ही शर्मिंदा होना पड़ेगा जैसे हमलोग आज हैं।
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