Wednesday, 30 August 2017

sanskar-oct

कैसे करें इन हादसों का सामना
भूकंप
भूकंप आने पर इमारत से बाहर निकलकर खुले मैदान की तरफ भागें. अगर झटके ज्यादा तेज हो और भागने का मौका न मिले तो आपस में जुड़ती दीवारों के कोनों के बीच या खुले दरवाजों के चौखटों (फ्रेम) के ठीक नीचे खड़े हो जाएं. आस पास तकिया हो तो उससे अपने सिर और कंधों को ढंक लें.
आग
जिस कमरे में आग लगी हो उसका दरवाजा बंद कर दें. आग से दूर जाते हुए बीच के सारे दरवाजे बंद करते जाएं. ऐसा करने से आग और धुआं धीरे धीरे फैलेगा. आग के बीचोबीच घिरने पर खुद को किसी ऐसी चीज से लपेट लें जो कुछ देर तक आपको लपटों से बचाते हुए बाहर तक पहुंचा सके.
बाढ़
इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराते ही सबसे पहले हमेशा पीने के लिए अच्छी खासी मात्रा में साफ पानी जुटा लें. बाढ़ आने पर पीने के पानी के साथ ऊंची जगह पर जाएं. बाढ़ के सीजन में घर पर अच्छी हालत वाली टायर ट्यूब, प्लास्टिक के कुछ खाली जर्किन या कनिस्टर जरूर रखें. ये चीजें तैरने में मदद करती हैं.
आसमानी बिजली
बादलों की कड़कड़ाहट के बीच अगर आप खुले मैदान में हैं, तो पेड़ के नीचे बिल्कुल मत जाइये. बिजली के पेड़ पर गिरने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. धातु की हर चीज को शरीर से दूर कर दीजिए. इसके बाद दोनों पैरों के बल बैठ जाइये और घुटनों को सीने से चिपकाते हुए कान बंद कर लीजिए. पैरों की एड़ियों को आपस में चिपका लीजीये
तूफान
बिजली की तारों और पोलों से दूर रहें. पेड़ों से भी दूरी बनाए रखें. ऐसी किसी भी चीज के आस पास न जाएं जिसे हवा उड़ा सकती हो. मौका मिले तो किसी मजबूत इमारत मे शरण लेंवे।
और सबसे अहम बात
तकनीक के इस युग में मोबाइल आदि हमेशा चार्ज रखें. कहीं ऐसा न हो कि आप मुश्किल में फंसे हो और मोबाइल की बैटरी भी जबाव दे जाए. मोबाइल इमरजेंसी में सबसे ज्यादा काम आने वाली मशीन है

No comments:

Post a Comment