Wednesday 8 March 2017

हिमाचल के इस मंदिर में है 5 हजार साल पुराना भीम का ढोल और 200 ग्राम का गेंहू का दाना...

हिमालय की गोद में बसें ममलेश्वर महादेव के मंदिर में पांडवों के दौर का पांच हजार साल पुराना 200 ग्राम गेंहू का दाना और भीम का ढोल है। हिमाचल में इसे  स‌दियों से सहेजकर रखा गया है।

00 ग्राम का गेंहू का दाना महाभारत काल है। देवभू‌मि हिमाचल प्रदेश के मंडी  जिला ‌में स्थित ममलेश्वर महादेव के मंदिर में इसे आज भी सहेजकर रखा गया है।माना जाता है  कि यह गेंहू का दाना पांडवों ने उगाया था। उसी समय से इसे यहां रखा गया है।


हिमाचल  प्रदेश के मंडी जिले की करसोग घाटी के ममलेग गांव में स्थित मंदिर में रखा यह गेंहू का दाना करीब 5000 हजार वर्ष पुराना है। मंदिर में जाने पर आप पुजारी से कहकर इस दुर्लभ गेंहू के दाने को देख सकते हैं।

ममलेश्वर मं‌दिर का पांडवों से गहरा नाता है। ममलेश्वर मं‌दिर  में एक प्राचीन ढोल है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह ढोल भीम का है।ममलेश्वर महादेव के मंदिर में एक धुना है। इसको लेकर मान्यता है कि यह महाभारत काल से लगातार  जल रहा है।

इसके अलावा मंदिर में स्‍थापित पांच शिवलिंगों के बारे में माना जाता है  कि है कि यह पांडवों ने ही यहां स्‍थापित किए हैं। मंदिर भी महाभारत काल ही बताया जाता है।ममलेश्वर महादेव के मंदिर भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है।

ममलेश्वर मंदिर जाने के लिए आप हिमाचल पहुंचकर मंडी और शिमला दोनों रास्तों से करसोग पहुंच सकते हैं। ममलेश्वर महादेव का मंदिर करसोग बस स्टैंड से मात्र दो किलोमीटर दूर है।

इस मं‌दिर में लकड़ी पर सुंदर नक्काशी भी की गई है जो कि स्वत: ही यहां आने वाले भक्तों को आकर्षित करती है।















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