क्या बोले मुसलमान, आप भी पढ़िए.
अमीक जामेई ने लिखा, “उत्तर प्रदेश हिंदुत्व के हाथ गया, इस हाल के लिए बिहार की तर्ज़ का महागठबंधन का न बनना ज़िम्मेदार है, अखिलेश यादव को लोगों ने चुनाव विकास के नाम पर लड़ने का सुझाव दे मिसगाईड किया है जबकि भाजपा ने दलित व पिछड़ो मे ही सेंध मारी है मतलब सोशल इंजीनियरिंग कर विशाल जीत की तरफ़!”
मोहम्मद जाहिद ने फ़ेसबुक पर लिखा, “यह चुनाव परिणाम सपा और बसपा के वोटरों में भाजपा और नरेंद्र मोदी की तरफ चले जाने का संकेत है. मुस्लिम वोटरों के लिए मार कर रही सपा-बसपा अपने ही अन्य परंपरागत वोट भाजपा की तरफ जाने से ना रोक सके.”
” मोहम्मद उस्मान ने लिखा, “जिन लोगों को थाने में दो मुसलमान सिपाहियों के बजाए 18% आरक्षण चाहिए था वो अब एक एफआईआर करके दिखा देना.”
शादमान अली ने लिखा, “मुसलमान सपा बसपा को वोट दिए, बाकी दलित यादव भाजपा के साथ चले गए.” अली ख़ान ने लिखा, “बिहार में मुसलमान एक हुआ था, सेकुलर एक था, लेकिन यूपी में बंट गया या बाँटा गया..?”
अली सोहराब ने लिखा, “मुसलमान वोटों को मायावती ने गद्दार कहा था, शीला भी कह चुकी हैं. अब अखिलेश भी गद्दार कह देंगे.” अफ़रोज़ आलम साहिल ने लिखा, “यूपी कम्यूनल पॉलिटिक्स की एक नई प्रयोगशाला बनकर उभरी है.” सलमान सिद्दीकी के मुताबिक, “इस बार वोट जाति के आधार पर नहीं, धर्म के आधार पर पड़े हैं! बाकी सब बातें हैं…बातों का क्या… !
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