Saturday 18 March 2017

गाय का पेट चीरे बिना उसके पेट से पोलिथीन निकालने की  उपचार प्रक्रिया ! 

गौ माता के जीवन पर पोलिथीन भारी पड़ रही है ! पेट में पॉलीथिन होने से गाय को आफरा आता है जिस कारण वह श्वास ले पाने में भी असमर्थ होती है ! गाय के पेट से पोलिथीन निकालने हेतु पशु चिकित्सकों के द्वारा गाय का पेट चीर कर पोलिथीन निकाली जाती है ! उपचार की यह प्रक्रिया काफी कष्टदायी होती है और इसमें गाय के बचने की सम्भावना भी कम ही होती है ! परन्तु अब हेतु गाय के पेट को चीरने की आवश्यकता नहीं है ! एक बेहद सामान्य से उपचार के माध्यम से गाय के पेट से बड़ी मात्रा में पोलिथीन आसानी से निकाली जा सकती है वह भी गाय को बिना कोई कष्ट दिए !
क्रांतिदूत प्रतिनिधि से बात करते हुए जयपुर के पशुपालन अधिकारी डॉ कैलाश मोड़े ने बताया कि एक बेहद सामान्य उपचार प्रक्रिया के माध्यम से गाय के पेट से बड़ी मात्रा में पोलिथीन निकाल कर गाय का जीवन बचाया जा सकता है ! उन्होंने बताया कि वे स्वयं इस उपचार प्रक्रिया के माध्यम से लगभग 250 गायों का जीवन अभी तक बचा चुके है ! इस उपचार प्रक्रिया के माध्यम से एक गाय के पेट से से 15 किलो तक पोलिथीन वे स्वयं निकाल चुके है !
गाय के पेट से प्लास्टिक पौलिथिन को समाप्त करने का सफल उपचार
सामग्री :
100 
ग्राम सरसों का तेल,
100 
ग्राम तिल का तेल,
100 
ग्राम नीम का तेल
और
100 
ग्राम अरण्डी का तेल
विधिः 
इन सबको खूब मिलाकर 500 ग्राम गाय के दूध की बनी छांछ में डालें तथा 50 ग्राम फिटकरी, 50 ग्राम सौंधा नमक पीस कर डालें। ऊपर से 25 ग्राम साबुत राई डाले। यह घोल तीन दिन तक पिलायें और साथ में हरा चारा भी दें। ऐसा करने से गाय जुगाली करते समय मुहं से पौलिथिन निकालती है। कुछ ही दिनों में सारी पौलिथिन बाहर होगा। यह उपचार सफल सिद्ध हो रहा है !
अधिक जानकारी के लिए डॉ० साहब से फोन पर संपर्क किया जा सकता है। डॉ कैलाश मोड़ेपशुपालन अधिकारी,जयपुर नगर निगम मो०-09414041752
सड़क पर घूमती बेसहारा गायों के पेट में पॉलीथिन होने और आंतों में फंसने के कारण उनकी मौत होने के मामले सामने आते रहते हैं ! इस लेख के माध्यम से जहाँ पाठक महानुभावों से अनुरोध है कि वे पोलिथीन का बहिष्कार तो करें ही, साथ ही गाय के पेट से पोलीथीन निकालने की बेहद आसान तकनीक की जानकारी भी गौपालकों को दें | आप स्वयं भी मौत के मुंह में जाती तड़पती गाय की प्राण रक्षा आसानी से कर सकते हैं 

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