उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को फैसला सुनाया कि गंगा और यमुना नदियों को जीवित इंसान की स्थिति दी जानी चाहिए। उच्च न्यायालय ने गंगा नदी को भारत की पहली जीवित इकाई के रूप में मान्यता दी है। अदालत ने भी केंद्र को एक गंगा प्रबंधन बोर्ड बनाने का निर्देश दिया।
दुधावा थाना में जो मुसुर्कूटा बाजार केंद्र बन गया है पैदल तस्करी को पुलिस नही रोकती उल्टा रास्ता किलियर करती है।
काकेर से लेकर बस्तर के हर छेत्र से जबर दस्त तस्करी बड़े जोरो पर है स्थानीय जन प्रतिनिधि व प्रशाशन को नही सब ज्ञात रहता है पर तस्करों की परम मित्रता सामने आती है। अपनी मित्रता निभाने के लिए गौ वंश को कटने जाने देते है। छतीस गढ़ का हर कोने से तस्करी हो रही है।
पुरेराज्य में गौवंश की हर रोज तस्करी पुलिस के संरक्षण में बराबर हो रही है सता के का आशीर्वाद प्राप्त है। गौवंश की घटती सख्या पर कभी चिन्तन नही होता न विधान सभा में कोई इस मुद्दे पर चर्चा भी नही होती ।
एक भी नेता में दम नही की गौ वंश के मुद्दे में तुरत ठोस कार्य करे जेविक खेती मात्र 1 प्रतिशत भी नही है। जब तक जेविक खेती का प्रचार होगा तब तक गौ वंश छतीस गढ़ से विलुप्त हो चुके होगे।
गौ माँ का पुत्र....ओमेश बिसेन
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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गंगा नदी और भारत की पहली जीवित मानव( लिविंग पर्सन) की संज्ञा दी है। कोर्ट ने अपने इस फैसले में यमुना नदी को भी शामिल किया है उसको भी यही संज्ञा दी है। हरिद्वार निवासी मो. सलीम की 2014 में दायर की गई जनहित याचिका पर हुई सुनवाई में अदालत ने यह फैसला सुनाया।
सोमवार को वरिष्ठ न्यायाधीश संजीव शर्मा और न्यायमूर्ति अलोक सिंह की खंडपीठ ने हाईकोर्ट की असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार गंगा नदी को स्वच्छ और अविरल बनाने में असफल होती है, तो केंद्र सरकार अनुच्छेद 365 के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असफल होने की स्थिति में भंग करने का अधिकार रखती है।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दुधावा थाना में जो मुसुर्कूटा बाजार केंद्र बन गया है पैदल तस्करी को पुलिस नही रोकती उल्टा रास्ता किलियर करती है।
काकेर से लेकर बस्तर के हर छेत्र से जबर दस्त तस्करी बड़े जोरो पर है स्थानीय जन प्रतिनिधि व प्रशाशन को नही सब ज्ञात रहता है पर तस्करों की परम मित्रता सामने आती है। अपनी मित्रता निभाने के लिए गौ वंश को कटने जाने देते है। छतीस गढ़ का हर कोने से तस्करी हो रही है।
पुरेराज्य में गौवंश की हर रोज तस्करी पुलिस के संरक्षण में बराबर हो रही है सता के का आशीर्वाद प्राप्त है। गौवंश की घटती सख्या पर कभी चिन्तन नही होता न विधान सभा में कोई इस मुद्दे पर चर्चा भी नही होती ।
एक भी नेता में दम नही की गौ वंश के मुद्दे में तुरत ठोस कार्य करे जेविक खेती मात्र 1 प्रतिशत भी नही है। जब तक जेविक खेती का प्रचार होगा तब तक गौ वंश छतीस गढ़ से विलुप्त हो चुके होगे।
गौ माँ का पुत्र....ओमेश बिसेन
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