Thursday, 9 March 2017

अपना दिमाग लगाइए...
सैफ के पिता के फैसले का स्वागत कर रहे हैं सब के सब
 यही इमोशन है और ये बहुत ही खतरनाक है।

कोई भी नयी उम्र का  बिना घर के संरक्षण के आतंकवादी बन ही नही सकता।
सैफ के वालिद को ये कभी नहीं दिखा .......
1 सैफुल्ला बेरोजगार था तो उसके बाप को सैमसंग के तीन मोबाईल डेल का लैपटाप नहीं दिखा ?
2 सैफुल्ला के पास कोई आय नहीं थी तो जब वो अपाचे आरटीआर से चलता था तो बाप ने नहीं पूछा पैसे कहाँ से आये..?
3 सैफ ने बताया अब्बू मेरा सऊदी अरब का वीसा आ गया है...तब भी बाप को शक नहीं हुआ ??
4 बेटा बिना नौकरी के महीने मे भोपाल की पाँच ट्रिप मारे..तब भी शक नही हुआ ???
5 जवान बेटा बिना किसी लड़ाई-झगड़े के घर से विमुख हो जाता है...तो क्या बाप,भाई,माँ किसी को दुःख या उसके कहीं संलिप्तता की आशंका नहीं होती????
जब बात आतंकवाद की हो तो वहाँ इमोशन नही होता....यही सैफुल्ला कश्मीर का होता..फिर देखते तांडव और पत्थरबाजी का टी ट्वेंटी!!!
अपना दिमाग लगाइए...!
और हाँ, तो सैफ के अब्बू देश भक्त हैं मै उनके जज्बे का सम्मान करता हूँ ....
माई फुट...!!!
...#भारत_रत्न दे दो ....... सभार: मनोज कुमार जी

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