प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती और इस बात को सच साबित कर दिखा है जिले के सबसे पीछडे गांव बेरलाकला की कु. रेणुका साहु ने साईस विषय में 92.20 प्रतिशत अंक से साथ जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है...
जिला के बेरला ब्लाक के शासकीय उच्चतर माध्यमीक शाला गुधेली की छात्रा कुमारी रेणुका साहु की आथीैक स्थित ठीक नही है.उसके बाद भी सांइस विषय लेकर उसने बालिका वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया..
.तीन बहन व एक भाई वाले सात लोगो के परिवार में रेणुका दुसरे नम्बर की है.उसके पिता रायपुर उरला के फैक्ट्रीय में मजदुरी का काम करते थे.और वर्तमान में ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक में काम कर रहे है..उसी से मिलने वाले 04 हजार की तन्ख्वा से घर की गाड़ी खिच रहे है...
रेणुका बताती है की उनके पिता जी ने कभी आर्थीक परेशानीयो को सामने नही आने दिया.और हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरीत करते रहे .. उसने बताया की शासन के किसी भी योजना का लाभ नही मिला है... यहा तक सरस्वतीय सायकल योजना के तहत भी लाभ नही मिला है..
वह बेरलाकला से गुघेली अपने स्कुल तीन किलोमीटर पैदल ही जाकर पढ़ाई किया है.स्कुल आने जाने में समय खराब होते देख उसके पिता ने उसके आने जाने में हो रही परेशानी को देखते हुए उसके पिता ने अपने फैक्ट्रिीय जाने वाले सायकल को दिया.जिससे इस साल वह सायकल से स्कुल गई
स्कुल तक जाने के लिए ठीक से सड़क तक नही था.जिसके कारण बरसात में तो पैदल ही स्कुल जाना पड़ता था.रेणुका के गांव में लड़को से ज्यादा लड़की पढ़ाई कर रही है..और जिले में अपना नाम रौशन कर रही है..
रेणुका ने जिले में तीसरा वा वालिकाओ में पहला स्थाना प्राप्त किया है.जिसको देखते हुए जिला के द्वारा उसको सम्मानीत किया गया है..साथ ही ग्राम पंचायत ने भी उसके आर्थीक हालात को देखते हुए मदद करने की बात कही है......
जिला के बेरला ब्लाक के शासकीय उच्चतर माध्यमीक शाला गुधेली की छात्रा कुमारी रेणुका साहु की आथीैक स्थित ठीक नही है.उसके बाद भी सांइस विषय लेकर उसने बालिका वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया..
.तीन बहन व एक भाई वाले सात लोगो के परिवार में रेणुका दुसरे नम्बर की है.उसके पिता रायपुर उरला के फैक्ट्रीय में मजदुरी का काम करते थे.और वर्तमान में ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक में काम कर रहे है..उसी से मिलने वाले 04 हजार की तन्ख्वा से घर की गाड़ी खिच रहे है...
रेणुका बताती है की उनके पिता जी ने कभी आर्थीक परेशानीयो को सामने नही आने दिया.और हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरीत करते रहे .. उसने बताया की शासन के किसी भी योजना का लाभ नही मिला है... यहा तक सरस्वतीय सायकल योजना के तहत भी लाभ नही मिला है..
वह बेरलाकला से गुघेली अपने स्कुल तीन किलोमीटर पैदल ही जाकर पढ़ाई किया है.स्कुल आने जाने में समय खराब होते देख उसके पिता ने उसके आने जाने में हो रही परेशानी को देखते हुए उसके पिता ने अपने फैक्ट्रिीय जाने वाले सायकल को दिया.जिससे इस साल वह सायकल से स्कुल गई
स्कुल तक जाने के लिए ठीक से सड़क तक नही था.जिसके कारण बरसात में तो पैदल ही स्कुल जाना पड़ता था.रेणुका के गांव में लड़को से ज्यादा लड़की पढ़ाई कर रही है..और जिले में अपना नाम रौशन कर रही है..
रेणुका ने जिले में तीसरा वा वालिकाओ में पहला स्थाना प्राप्त किया है.जिसको देखते हुए जिला के द्वारा उसको सम्मानीत किया गया है..साथ ही ग्राम पंचायत ने भी उसके आर्थीक हालात को देखते हुए मदद करने की बात कही है......
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