एक मजहबी प्रचारक के पास करोडो रूपये ? कहा से और कैसे आये ये बताया NIA ने...
इस्लामी धर्मोपदेशक के नाम से प्रसिद और कुछ वर्ष से ही अपनी कट्टरपथीं और जेहादी विचार का प्रचार-प्रसार करने वाले जाकिर नाइक की काली कमाई का NIA ने किया खुलासा जिससे वह अपने मार्फत फर्जीवाड़े को अंजाम देता था क्या था फर्जीवाडा..... NIA की जांच के दौरान बहुत सी ऐसी बातें सामने आईं कि वह कंपनियों में डायरेक्टर के नाम का सहारा लेकर करोडो की काली कमाई किया करता था. बहुत से डायरेक्टर इस बैंकिंग चैनल में उसके साथ मिले हुये थे। और उनसे ब्लैंक चेक पर साईन करा कर वह अपने काम को अंजाम देता था। भारतीय अदालतों के सम्मन का नहीं कोई असर....कहा जाता है कि जाकिर नाइक भारत की जांच एजेंसियों से इतनी दूर बैठा है. भारतीय अदालतें उसे बाद सम्मन एक दे रही है।परन्तु अब भारत की ओर देख भी नहीं रहा. आज के युवाओ को अपने भाषण से उन्हे जेहाद की ओर ले जाने के आरोपो मे घिरा है। जाकिर नाइक की संस्था पर अवैध धर्म धारण करने का आरोप लगा है। मामले में जांच-पड़ताल पूरी तरीके से हो रही है। परन्तु जाकिर का कोई भी मूड नही है सहयोग करने के लिये . कंपनियों की छानबीन के बाद पता चला कि जाकिर ने सबसे पहले जिस हॉरमोनी मीडिया प्राईवेट लिमिटेड बनाई थी. उसके तीन डायरेक्टर थे। और बस वो नाम के लिये थे। NIA की जांच के मुताबिक कंपनी के एनआईए को मिली सूचना के अनुसार तीनो ने ना कंपनी से कुछ लिया और ना ही दिया।
क्या होता था फर्जी कंपनियो मे.... .इस कंपनी कार्य सॉफ्टवेयर बना दूसरी कंपनी को बेच दिया जाता था. 2005 में बनी हुई इस कंपनी के दो डायरेक्टरो ने इस कंपनी को 2006 में इस्तीफा दे दिया. जब दोनो डारेक्टर चले गये तब जाकिर उनके बदले अपनी पत्नी को डायरेक्टर बना दिया। कंपनी की होल्डिंग्स में 95 फीसदी नाईलाह का और 5 फीसदी शेयर अमीन गजदर का है. कंपनी को गजदर ने 2.35 करोड़ का फ्रेंडली लोन दिया और वो लोन फिर गजदर को वापस हो गया.2008 में बनाई एक और कंपनी...जाकिर नाइक ने 2008 में एक और कंपनी की स्थापना की कंपनी का नाम रखा गया लांग लॉस्ट कंस्ट्रक्शन कंपनी. इस कंपनी में भी जाकिर नाइक और फहरत नाइक के अलावा एक और डमी डायरेक्टर अमीर गजदर भी थे. जाकिर नाइक ने 2013 में एनआरआई बनने के कुछ दिन बाद कंपनी के शेयर अपनी बहन को बेंच दिये।
इस्लामी धर्मोपदेशक के नाम से प्रसिद और कुछ वर्ष से ही अपनी कट्टरपथीं और जेहादी विचार का प्रचार-प्रसार करने वाले जाकिर नाइक की काली कमाई का NIA ने किया खुलासा जिससे वह अपने मार्फत फर्जीवाड़े को अंजाम देता था क्या था फर्जीवाडा..... NIA की जांच के दौरान बहुत सी ऐसी बातें सामने आईं कि वह कंपनियों में डायरेक्टर के नाम का सहारा लेकर करोडो की काली कमाई किया करता था. बहुत से डायरेक्टर इस बैंकिंग चैनल में उसके साथ मिले हुये थे। और उनसे ब्लैंक चेक पर साईन करा कर वह अपने काम को अंजाम देता था। भारतीय अदालतों के सम्मन का नहीं कोई असर....कहा जाता है कि जाकिर नाइक भारत की जांच एजेंसियों से इतनी दूर बैठा है. भारतीय अदालतें उसे बाद सम्मन एक दे रही है।परन्तु अब भारत की ओर देख भी नहीं रहा. आज के युवाओ को अपने भाषण से उन्हे जेहाद की ओर ले जाने के आरोपो मे घिरा है। जाकिर नाइक की संस्था पर अवैध धर्म धारण करने का आरोप लगा है। मामले में जांच-पड़ताल पूरी तरीके से हो रही है। परन्तु जाकिर का कोई भी मूड नही है सहयोग करने के लिये . कंपनियों की छानबीन के बाद पता चला कि जाकिर ने सबसे पहले जिस हॉरमोनी मीडिया प्राईवेट लिमिटेड बनाई थी. उसके तीन डायरेक्टर थे। और बस वो नाम के लिये थे। NIA की जांच के मुताबिक कंपनी के एनआईए को मिली सूचना के अनुसार तीनो ने ना कंपनी से कुछ लिया और ना ही दिया।
क्या होता था फर्जी कंपनियो मे.... .इस कंपनी कार्य सॉफ्टवेयर बना दूसरी कंपनी को बेच दिया जाता था. 2005 में बनी हुई इस कंपनी के दो डायरेक्टरो ने इस कंपनी को 2006 में इस्तीफा दे दिया. जब दोनो डारेक्टर चले गये तब जाकिर उनके बदले अपनी पत्नी को डायरेक्टर बना दिया। कंपनी की होल्डिंग्स में 95 फीसदी नाईलाह का और 5 फीसदी शेयर अमीन गजदर का है. कंपनी को गजदर ने 2.35 करोड़ का फ्रेंडली लोन दिया और वो लोन फिर गजदर को वापस हो गया.2008 में बनाई एक और कंपनी...जाकिर नाइक ने 2008 में एक और कंपनी की स्थापना की कंपनी का नाम रखा गया लांग लॉस्ट कंस्ट्रक्शन कंपनी. इस कंपनी में भी जाकिर नाइक और फहरत नाइक के अलावा एक और डमी डायरेक्टर अमीर गजदर भी थे. जाकिर नाइक ने 2013 में एनआरआई बनने के कुछ दिन बाद कंपनी के शेयर अपनी बहन को बेंच दिये।
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