Tuesday, 16 May 2017

ऐसी थी भारत देश की बेटियां, काजी को मारने के बाद खुद के प्राण त्यांग दिए थे ।
विदेशी आक्रान्ता नराधम नरपिशाच जेहादी गौरी ने भारत पर आक्रमण किया था और वो भारत से पृथ्वीराज चौहान की बेटी बेला और जयचंद की पौत्री कल्याणी को उठाकर गज़नी ले गया था । नराधम जेहादी गौरी जब भारत में जिहाद फैलाकर और लूट-पाट कर जब वो अपने वतन गज़नी गया तो वो अपने साथ बहुत सी हिन्दू लड़कियों को भी ले गया था । बता दें कि बेला हिन्दू सम्राट की बेटी थी और कल्याणी जयचंद की पौत्री थी. जहाँ पृथ्वीराज चौहान एक महान देश भक्त थे तो वहीं जयचंद ने देश के साथ गद्दारी की थी. लेकिन उसकी पौत्री कल्याणी एक सच्ची राष्ट्रभक्त थी. जब वो जेहादी गौरी अपने गजनी पंहुचा तो उसके गुरु काजी निजामुल्क ने उसका भरपूर स्वागत किया था. उसने कहा था कि आओ गौरी आओ हमे तुम पर गर्व है कि तुमने भारत को हराकर इस्लाम  का नाम रोशन किया है और कहा कि बोलो सोने की चिड़िया भारत के कितने पर काट कर लाये हो ।
इस पर जेहादी गौरी ने मुस्कुराते हुए कहा कि काजी साहब, मैं भारत से 70 करोड़ दिरहम मूल्य के सोने के सिक्के, पच्चास लाख चार सौ मन सोना और चांदी. लेकिन इसके अतिरिक्त भी मूल्यवान आभूषणों, मोतियों, हिरा, पन्ना, जरीदार वस्त्र और ढाके की मल मल की लूट-पाट कर भारत से गजनी की सेवा में लाया हूँ. इतना ही नही इस पर काजी बोलते हुए कि बहुत अच्छा लेकिन वहां के लोगों को कुछ दीन-ईमान का पाठ पढाया या नही ? इतने में बीच में ही गौरी बोला कि बहुत से लोगों ने इस्लाम धर्म को अपना लिया है
बेला और कल्याणी
बता दें कि ये दोनो लोग हिंदू धर्म के बारे में इतनी नीचता के साथ बात कर रहे थे कि सुनने वालों को शर्म आ जाती लेकिन इनको शर्म नही आई ।  काजी ने नराधम को कहा कि ग़ुलाम लड़कियों यानी बंदियों का क्या किया? इसका उत्तर देते हुए गौरी ने कहा कि बंदियों को गुलाम बनाकर गज़नी लाया गया है और यहाँ बंदियों की सार्वजनिक विक्री हो रही है । एक-एक गुलाम दो-दो या तीन-तीन दिरहम में बिक रहा है और लड़कियाँ और भी ज़्यादा महँगी . इसी दौरान काजी ने गौरी से पूछा कि भारत के मन्दिरों का क्या किया ? गौरी ने कहा कि मन्दिरों को लूटकर 17000 हजार सोने ओए चांदी की मूर्तियाँ लायी गयी हैं. इनमे दो हजार से भी कीमत की पत्थरों की मूर्तियाँ और शिवलिंग भी लाये गये हैं और पूजा के स्थलों को आग लगाकर जला दिया गया है इसके बाद काजी ने कहा कि ये तो तुमने बहुत ही रहमत का काम किया है और फिर मन ही मन में मुस्कान के साथ बडबड़ाया कि गोरे, काले धनी और गरीब गुलाम बनने के प्रसंग में सभी भारतीय एक हो गये हैं. जो कभी भारत में प्रतिष्ठित समझे जाते थे वे गज़नी में मामूली दूकानदारों के गुलाम बने हुए हैं. फिर थोडा रुककर ओए सोच कर गौरी से कहा कि हमारे लिए कोई ख़ास तोहफा लाये हो या नही ? गौरी ने कहा कि लाया हूँ काजी साहब. जन्नत की हूर से भी सुंदर पृथ्वीराज की पुत्री बेला और जयचंद की पौत्री कल्याणी. इतना सुनते ही काजी बोला कि तो फिर देर किस बात की है ।
तब काजी बेला और कल्याणी की सुन्दरता को देखकर अचम्भित हो गया और काजी ने उन दोनों लडकियों से विवाह करने का प्रस्ताव रखा तो बीच में ही बेला बोल पड़ी कि काजी साहब, आपकी बेगमे बनना तो हमारी खुश किस्मती है, लेकिन हमारी दो शर्ते है. पहली ये कि हमें शादी से पहले अपवित्र न किया जाये क्या ये आपको मंजूर है? और दूसरी शर्त ये है कि हमारे यह प्रथा है कि लडकी के लिए लड़का और लडके के लिए लडकी के घर से कपड़े विवाह के कपड़े आते हैं, बोलो मंजूर है?
काजी ने कहा कि मुझे तुम्हारी दोनों शर्तें मंजूर हैं और बेला और कल्याणी ने भारत में क्विच्न्द के नाम एक व्यक्ति को रहस्यमयी ख़त लिखा और शादी के कपड़े मंगवा लिए. इस निकाह के बारे में मुस्लिमों को इतनी ख़ुशी हो गयी कि ये निकाह देखने के लिए बाहर जनता की भीड़ इकठी हो गयी थी. तभी बेला ने क़ाज़ी से कहा कि हमारे होने वाले सरताज हम कलमा और निकाह पढ़ने से पहले जनता को झरोखे से देखना चाहती हैं क्यूंकि साड़ी से पहले हमारे यह जनता को दर्शन देने की प्रथा है और फिर गज़नी वालों को भी तो पता चले कि आप बुढापे में सबसे सुंदर हूरों से शादी रचा रहे हैं ।काजी ये सब सुनकर बहुत खुश हुआ और बोला क्यों नही ? और बेला और कल्याणी के साथ राजमहल के कंगूरे पर गया. लेकिन वहां पहुंचते ही उस नराधम जेहादी और काजी के दाहिने कंधे में आग लग गयी क्यूंकि कविचंद ने बेला और कल्याणी के रहस्यमयी पत्र को पढ़कर बड़े ही तीक्षण बिष में सने हुए कपडे भेजे थे । नराधम जेहादी और काजी विष की ज्वाला में पागलों की तरह इधर-उधर भटकने लगे, तब बेला ने कहा कि तुमने ही गौरी को भारत पर हमला करने को कहा था न इसीलिए हमने तुझे मारने का षड्यंत्र रचा. हम हिन्दू कुमारियाँ हैं और किसी नराधम में इतना साहस नही कि वो जीते जी हमारे शारीर को हाथ लगा ले ।उसके बाद बेला और कल्याणी ने ख़ुद को भी ख़त्म कर लिया ताकि मुग़लों के सैनिकों के हाथों से बच जाएँ ।
नमन है ऐसी हिन्दू विराग्नाओं को पर आज के परिदृश्य में देखें तो लव जिहाद अपने चरम पर है अगर आज के समय में कुछ हिन्दू लडकियाँ भी इन लव जिहादियों के सामने समर्पण करने के बजाये बेला और कल्याणी की तरह हिम्मत दिखाए तो जिहादियों को करारा सबक सिखा सकती हैं ।
आज की बेटियां बेला और कल्याणी की तरह नही बन रही ये बेहद दुखद की बात है,जबकि भारत की बेटियां तो शेरनियां थी ।

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