फसलों से दीमक के सफाए के लिए करें इन देसी तरीकों का प्रयोग
सबसे अधिक कृषि फसलों का नुकसान दीमक करती है। इसे नष्ट करने के लिए किसान कीटनाशक और खतरनाक रसायनों का प्रयोग करते हैं। बावजूद इसके दीपक पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पाता। दीमक अपना प्रकोप जमीन के अंदर से ही शुरू कर देती है।
फसल तैयार होने तक दीमक उसका पीछा नहीं छोड़ती। फसल तैयार होते ही दीपक उसे चट कर जाती है। पौधा सूखकर नष्ट हो जाता है। जहरीले कृषि रसायन भी दीमक पर प्रभावी असर नहीं दिखा पाते हैं। लेकिन निचे लिखे हुए देसी जुगाड़ से हम अपने खेतों को पूरी तरह से दीमक मुकत कर सकते है ।
खेत में सूखी लकड़ी गाडकर
फसलों को दीमक से बचाने के लिए सफेदे, यूकलिप्टस या अन्य सूखी लकड़ी के दो फुट लम्बे दो इंच मोटे टुकडों को फसल के बीच में जगह-जगह रखने पर फसल को दीमक नहीं लगती है।
सफेदे की लकड़ी को दीमक ज्यादा लगती हैं इसलिए विभिन्न स्थानों पर रखे इस लकड़ी के टुकडों में दीमक लग जाने से फसल बच जाती है।
सफेदे के टुकडे़ खरीदने के लिए एक बार करीब तीन सौ रूपये खर्च होते हैं जो तीन फसलों तक काम आते है।कृषि विज्ञानियों ने भी वर्षों तक प्रयोग करने के बाद दीमक से बचाव का यह प्रभावी उपाय माना हैं।
भुट्टे की गिण्डयों से दीमक प्रबन्धनआवश्यक सामग्री: मक्का भुट्टे की गिण्डयां (8-10) मिट्टी का घड़ा (मटका) , सूती कपड़ा
विधि:मक्का के भुट्टे से दाने निकलने के बाद जो गिण्डयां बचती हैं, उन्हें (8-10) गिण्ड़ी एक मिट्टी से निर्मित घडे़ में एकत्रित कर लें। इस घड़े को खेत में इस प्रकार गाड़े कि घड़े का मुंह जमीन से एक इंच ऊपर निकलें।घडे के मुंह पर छिद्रदार सूती कपड़ा बांधें।
कुछ दिनों में ही आप देखेंगें कि घड़े में दीमक भर गयी हैं। इसके बाद घडे़ को बाहर निकालकर गरम करेंताकि दीमक मर जाये।इस प्रकार के घड़े को खेत में 100-100 मीटर की दूरी पर गाढ़ दें तथा करीब 3-4 बार गिण्डिया बदलकर यह क्रिया दोहराने से खेत की पूरी दीमक समाप्त हो जायेगी।
ये फार्मूले भी है कारगर
जिन खेतों में दीमक की अधिक समस्या होती है वहां बुवाई के पूर्व 2 लीटर देशी गाय के मठ्ठे में चने के दाने के बराबर 6 हींग के टुकडे़ पीसकर घोलने के बाद, उस घोल को ठीक तरह से पूरे खेत पर छिड़ककर दो घंटे के बाद बुवाई करनी चाहिए।
मिट्टी का तेल या केरोसिन तेल से बीजों का उपचार करके बुवाई में प्रयोग करें। यह शत् प्रतिशत सफल प्रयोग है। इस विधि से फसल काटने तक दीमक का प्रकोप नहीं होगा। जले हुये आॅयल से बीजोपचार करने से भी दीमक के प्रकोप से बचा जा सकता है।
मिट्टी का तसला लें, जिसमें ताजा गोबर भरकर खेत के बीचों बीच जमीन के लेबल में शाम के समय गाड़ दें। गोबर दीमक का प्रिय भोजन होता है, खेत की सभी दीमक गोबर खाने तसले में जाएंगी और सुबह सूर्योदय होने से पहले वहां से उठाकर किसी दूसरी जगह नष्ट कर दें। इस तरह 4-5 दिन करने से खेत से दीमक का प्रकोप खत्म हो जायेगा।
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