Friday 5 May 2017

सुप्रीम कोर्ट -- कॉलेजियम का बहिष्कार -----
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70 सालो से सेक्स,पैसा, ब्लेकमेल,दलाली के तहत जज चुना जाता रहा है ...... !
70 सालो में किस तरह जजो की पसंदगी की जाती थी इसका नमूना देखो..... उस सीडी में जैसे ही अभिसेक्स मनु सेक्स करने के लिए कपड़ा उतारते है वैसे ही अनुसुइया पूछती है --"जज कब बना रहे हो?"
अजीब बिडम्बना है कि हर रोज दुसरो को सुधरने की नसीहत देने वाले भारत की मीडिया और न्यायपालिका खुद सुधरने को तैयार नही हैं।
जब देश आज़ाद हुआ तब जजों की नियुक्ति के लिए ब्रिटिश काल से चली आ रही कोलेजियम प्रणाली भारत सरकार ने अपनाई ...... यानी सीनियर जज अपने से छोटे अदालतों के जजों की नियुक्ति करते है। इस कोलेजियम में जज और कुछ वरिष्ठ वकील भी शामिल होते है | जैसे सुप्रीमकोर्ट के जज हाईकोर्ट के जज की नियुक्ति करते है और हाईकोर्ट के जज जिला अदालतों के जजों की नियुक्ति करते है ......
इस प्रणाली में कितना भ्रष्टाचार है वो हमने
अभिखेक मनु सिंघवी की सेक्स सीडी में देखी थी .. अभिखेक मनु सिंघवी सुप्रीमकोर्ट की कोलेजियम के सदस्य थे और उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट के लिए जजों की नियुक्ति करने का अधिकार था... उस सेक्स सीडी में वो वरिष्ठ वकील अनुसुइया सालवान को जज बनाने का लालच देकर उसके साथ सेक्स करते है ... और उस सीडी में जैसे ही अभिसेख मनु कपड़ा उतारते है वैसे ही अनुसुइया पूछती है ------
"जज कब बना रहे हो?"
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कलेजियम सिस्टम से कैसे लोगो को जज बनाया जाता है और उसके द्वारा राजनितिक साजिशें कैसे की जाती है उसके दो उदाहरण देखिये .......
( 1 ) किसी भी राज्य के हाईकोर्ट में जज बनने की सिर्फ दो योग्यता होती है ..वो भारत का नागरिक हो और १० साल से किसी हाईकोर्ट में वकालत कर रहा हो या किसी राज्य का महाधिवक्ता हो ......
वीरभद्र सिंह जब हिमाचल में मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने सारे नियम कायदे ताक पर रखकर अपनी बेटी अभिलाषा कुमारी को हिमाचल का महाधिवक्ता नियुक्त कर दिया फिर कुछ दिन बाद सुप्रीमकोर्ट के जजों के कोलेजियम में उन्हें हाईकोर्ट के जज की नियुक्ति कर दी और उन्हें गुजरात हाईकोर्ट में जज बनाकर भेज दिया गया ...क्योकि कांग्रेस गुजरात दंगो के बहाने मोदी को फंसाना चाहती थी और अभिलाषा कुमारी के द्वारा दिए गये कई निर्णयों को सुप्रीमकोर्ट ने बदल दिया |
( 2 ) 1990 में जब लालूप्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री थे तब कट्टरपंथी मुस्लिम आफ़ताब आलम को हाईकोर्ट का जज बनाया गया .. बाद में उन्हे प्रोमोशन देकर सुप्रीमकोर्ट का जज बनाया गया ... उनकी नरेंद्र मोदी से इतनी दुश्मनी थी की तीस्ता, और मुकुल सिन्हा गुजरात के हर मामले को इनकी ही बेंच में अपील करते थे ... इन्होने नरेद्र मोदी को फसाने के लिए कैसे अपना एकमात्र मिशन बना लिया था .......
बाद में आठ रिटायर जजों ने जस्टिस एम बी सोनी की अध्यक्षता में सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस से मिलकर आफ़ताब आलम को गुजरात दंगो के किसी भी मामलो की सुनवाई से दूर रखने की अपील की थी
.....जस्टिस सोनी ने आफ़ताब आलम के दिए १२ फैसलों का डिटेल में अध्ययन करके उसे सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस को दिया था और साबित किया था की आफ़ताब आलम चूँकि मुस्लिम है इसलिए उनके हर फैसले में भेदभाव स्पष्ट नजर आ रहा है.....
फिर सुप्रीमकोर्ट ने जस्टिस आफ़ताब आलम को गुजरात दंगो से किसी भी केस की सुनवाई से दूर कर दिया .......
सरकार क्यूँ हैरान है NJAC कानून रद्द होने पर -----
ये तो होना ही था ---
सरकार को अब कॉलेजियम में सुधार पर SC का बहिष्कार करना चाहिये !
सुप्रीम कोर्ट के NJAC कानून रद्द करने के फैसले पर सरकार को हैरान नही होना चाहिए था -मुझे तो इस फैसले की शुरू से ही उम्मीद थी जिसके लिए जस्टिस आर एम लोढ़ा बीज बो गए थे और एक तरह सुनिश्चित कर गए थे कि ऐसे किसी भी कानून को रद्द कर दिया जाये जो कॉलेजियम के खिलाफ हो -----
सुप्रीम कोर्ट को इस फैसले पर लोगों की आलोचना झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए ---
सुप्रीम कोर्ट ने कानून रद्द करके सरकार के साथ टकराव का रास्ता अपनाया है ----
इस कानून को रद्द करना देश के लोकतंत्र पर
सुप्रीम कोर्ट का कुठाराघात है --
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क्यूंकि ये कानून संसद के दोनों सदनों ने सर्व सम्मति से पारित किया और 20 राज्यों की विधान सभाओं ने भी पारित किया----
सुप्रीम कोर्ट ये भी भूल गया कि इस कानून को ऐसी पार्टी की सरकार ने पारित किया जिसे 30 बरस बाद देश की जनता ने स्पष्ट बहुमत दिया ---
4 जज बैठ कर करोडो लोगों की इच्छाओं का दमन कर सकते हैं क्या ?
बस इसलिए क्यूंकि वो सुप्रीम कोर्ट हैं --
अगर NJAC असंवैधानिक है तो कॉलेजियम तो उससे भी ज्यादा असंवैधानिक है क्यूंकि जिस तरह की खामियां सुप्रीम कोर्ट ने खुद गिनाई हैं कॉलेजियम में वो साबित करती हैं कि वो सबसे ज्यादा असंवैधानिक प्रणाली है जिसमे न पारदर्शिता है और न ईमानदारी है। --भ्रष्टाचार है और जिसने न्याय व्यवस्था को सुधारने में कोई योगदान नही दिया ---बस इतना जरूर है --
कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट की चौधराहट है --
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और कांग्रेस सरकार के साथ कंधे से कन्धा मिला कर काम हुआ है ।
सुप्रीम कोर्ट का ये टकराव आगे भी जारी रहेगा सरकार के साथ ......... क्यूंकि अदालत में मौजूदा 28 में से 20 जज कांग्रेस सरकार के समय में नियुक्त हुए हैं। वर्तमान सरकार ने अभी तक कुल 8 जज नियुक्त किये हैं ।
सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम में सुधार के लिए सरकार से और अन्य सम्बद्ध पक्षों से सुझाव मांगे हैं।
मेरे विचार से सरकार को कोई सुझाव नही देना चाहियें और 3 नवम्बर से होने वाली सुनवाई का बहिष्कार करना चाहिए।
सरकार को अदालत को स्पष्ट कह देना चाहिए कि जो करना है खुद कीजिए, हम कुछ नही बोलेंगे।
सुप्रीम कोर्ट को कॉलेजियम में सुधार के लिए सरकार के या किसी के भी सुझावों की क्या जरूरत है ? वो तो खुद ही चौधरी है - सक्षम हैं .. सब कुछ करने के लिए ?
सरकार ने तो कॉलेजियम में सुधार के लिए ही तो NJAC कानून बनाया था जिसे आपने फाड़ के फेंक दिया ------अरे 70 साल से खामियों भरा कॉलेजियम चल रहा है जो फेल हो गया है।
अब कुछ दिन NJAC कानून भी चलने देते -----
इसमें कुछ खामियां देखते तो उसे दूर करने की कोशिश करते ...... ? मगर नहीं, लगता है अदालत भी मोदी को काम ना करने देने के लिए प्रतिबद्ध है ?
जज खुद अपनी नियुक्ति करें ऐसा विश्व में कही नहीं होता सिवाय भारत के ----
समझ में नही आता की जब कुछ सीनियर आईएएस अफसर मिलकर नये आईएएस की नियुक्ति नही कर सकते .......
या कुछ सीनियर प्रोफेसर मिलकर नये प्रोफेसर की नियुक्ति नही कर सकते ,...
तब जजों को खुद ही जजों की नियुक्ति का अधिकार क्यों दिया है ?
सुप्रीमकोर्ट (धर्म विशेष का कोठा) --
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कोर्ट ना होकर धर्म विशेष का कोठा बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गोरक्षको को वैन करो !
सुप्रीम कोर्ट " ने कहा कि जलिकुट्टी वैन करो !
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मटकी फोडना वैन करो !
सुप्रीमकोर्ट ने कहा होली में पानी ना बर्बाद करो !
सुप्रीम कोर्ट नें कहा रात 10 बजे के बाद डांडिया
वैन करो !
दिपावली में देर रात को पटाखे वैन करो !
अयोध्या - रामजन्म भूमि निस्तारण के लिये समय नहीं है ....... लेकिन आतंकवादियों की सुनवाई के लिये रात दो बजे अदालत खोली जाती है ?
सुप्रीम कोर्ट तुम एक बाप के हो तो...................
कभी पत्थरबाजों को भी वैन करने को बोल दिया करो..
कभी गो भक्षको को भी वैन करने को बोल दिया करो..
कभी ईद की कुर्बानी भी वैन करने को बोल दिया करो..
कभी मुहर्रम छाती पीटने को भी वैन करने को बोल दिया करो......
मुस्लिम महिलाओं के शोषण - अत्याचार के लिये तीन-तलाक को बैन करने को बोल दिया करो ?
हमेशा #यार का ही ध्यान..?
कभी-कभी इधर भी ध्यान दे दिया करो..?
ये तुम्हारा #यार कितना देता है
#हरजाई पन करने के लिए..... ?????
जनता जागरूक हो रही है। जिस कानून का डर दिखाकर अदालतें सामान्य जन का शोषण-बलात्कार करती हैं ......... कहीं ऎसा न हो कि जनता का कोप-भाजन होना पड़ जाये .........
#विट्ठलव्यास
सुप्रीम कोर्ट इस बात को समझ ले ?????

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