संविधान में ही अंग्रेजो की नाजायज औलादो को भी हमारे पैसों से ऐश करना लिखा है ...
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में पिछले 3 टर्म से बसपा और समाजवादी पार्टी के दौरान एक ही एंग्लो-इंडियन समुदाय के आदमी पीटर पैंथम को लगातार तीन बार से मनोनीत किया जाता है । यह शख्स बिना चुनाव लड़े पिछले तीन बार से विधायक बन जाता है
एंग्लो इंडियन समुदाय क्या है ?? असल में जब अंग्रेज भारत में रहते थे तब उनकी पत्नियां ब्रिटेन में रहती थी तब अंग्रेजो ने अपनी काम पिपासा शांत करने के लिए बहुत सी भारतीय महिलाओं को रखेल बनाकर रख लिया था चूंकि उस जमाने में गर्भनिरोधक इतना आसानी से नहीं मिलता था इसलिए उन भारतीय महिला रखैलों के द्वारा अंग्रेजों के जो संताने हुई उन्हें ही एंग्लो इंडियन कहा जाता है और इनकी संख्या भारत में 5 लाख के आसपास है ।
बाद में जब अंग्रेज ब्रिटेन चले गए तो अपनी इन अवैध संतानों को यही भारत में छोड़ गए इसलिए जिन राज्यों में इनकी संख्या ज्यादा है उन राज्यों में जैसे बिहार बंगाल और उत्तर प्रदेश उन राज्यों में इनके समुदाय के प्रतिनिधित्व के लिए संविधान में व्यवस्था है कि इनके समुदाय का एक व्यक्ति को बिना चुनाव के ही विधानसभा में मनोनीत किया जाता है लेकिन यह पीटर पैथम आज तक कभी भी विधानसभा में नहीं गए ना ही किसी बहस में हिस्सा लिया फिर भी यह बैठे बैठे 40,00,00 सेलेरी और अन्य भत्ते लेते रहें और सवाल इस पर भी उठता है कि आखिर यही शख्स बार-बार क्यों मनोनीत किया गया ??
झारखण्ड में भी एक मनोनीत होता है ग्लेन जोसफ गाल्स्टन।
इस बार योगी जी ने इन्हें मनोनीत नहीं किया है
मतलब संविधान में ही अंग्रेजो की नाजायज औलादो को भी हमारे पैसों से ऐश करना लिखा है।
वाह मेरा भारत महान।
वाह मेरा भारत महान।
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