JNU में दो नए सर्टिफिकेट कोर्स ‘योग दर्शन’ और ‘वैदिक संस्कृति’ पास कर दिए गए ...
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी JNU वैसे तो देश में अपने उलटे सीधे कारनामों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन अब वहाँ योग और भी पढ़ाया जायेगा। JNU में ये प्रपोज़ल दो बार नामंजूर हो चुका है लेकिन अब ‘योग दर्शन’ ‘वैदिक संस्कृति’ पर कोर्स का ये नया प्रपोजल मंजूर हो गया है। अब चाहे नक्सल समर्थकों को JNU में ये नए बदलाव पसंद आयें या न आयें पर मोदी सरकार चुप चाप JNU का भगवाकरण शुरू कर चुकी है. और तो और JNU में कुछ ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है जो छात्रों में राष्ट्रभावना का संचार करेंगे l प्रपोजल को अभी हाल में हुए अकैडमिक काउंसिल की मीटिंग में मंजूर कर लिया। ये भी बता दें कि ये दोनों सर्टिफिकेट कोर्स होंगे। पहले इन कोर्सेज को लेकर लेफ्ट (वामपंथियों) ने रोड़ा अड़ा रखा था जिस वजह से ये दो बार मंज़ूर नहीं हुए थे ।इन कोर्सेज को मिलाने के बाद अब सेंटर में एक साल के सर्टिफिकेट वाले चार कोर्स हो जाएंगे, जिनके लिए कोई भी स्टूडेंट्स 12वीं कक्षा के बाद अप्लाई कर सकते हैं।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी JNU वैसे तो देश में अपने उलटे सीधे कारनामों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन अब वहाँ योग और भी पढ़ाया जायेगा। JNU में ये प्रपोज़ल दो बार नामंजूर हो चुका है लेकिन अब ‘योग दर्शन’ ‘वैदिक संस्कृति’ पर कोर्स का ये नया प्रपोजल मंजूर हो गया है। अब चाहे नक्सल समर्थकों को JNU में ये नए बदलाव पसंद आयें या न आयें पर मोदी सरकार चुप चाप JNU का भगवाकरण शुरू कर चुकी है. और तो और JNU में कुछ ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है जो छात्रों में राष्ट्रभावना का संचार करेंगे l प्रपोजल को अभी हाल में हुए अकैडमिक काउंसिल की मीटिंग में मंजूर कर लिया। ये भी बता दें कि ये दोनों सर्टिफिकेट कोर्स होंगे। पहले इन कोर्सेज को लेकर लेफ्ट (वामपंथियों) ने रोड़ा अड़ा रखा था जिस वजह से ये दो बार मंज़ूर नहीं हुए थे ।इन कोर्सेज को मिलाने के बाद अब सेंटर में एक साल के सर्टिफिकेट वाले चार कोर्स हो जाएंगे, जिनके लिए कोई भी स्टूडेंट्स 12वीं कक्षा के बाद अप्लाई कर सकते हैं।
बताते चलें कि 26 दिसंबर को हुई JNU की ताज़ा मीटिंग में योग और इंडियन कल्चर को लेकर दो नए सर्टिफिकेट कोर्स ‘योग दर्शन’ और ‘वैदिक संस्कृति’ पास कर दिए गए हैं ।
इन दोनों कोर्सेज के 2018 से शुरू होने की उम्मीद है। यूनिवर्सिटी के स्पेशल सेंटर फॉर संस्कृत स्टडीज ने इनके लिए प्रपोजल दिया था जिसको मंज़ूर कर लिया गया ।
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