रोहंगिया मुस्लिम और बांग्लादेशी घुषपैठिए भारत के लिए बड़ी समस्या---!
आज भारत जिस प्रकार इस्लामिक आतंकी समस्याओं से जूझ रहा है उसमे बंगलादेशी मुसलमानों का कम योगदान नहीं है देश के अंदर सरकारी सूत्रो के अनुसार 5 करोण घुषपैठिए है, वहीं एक नयी प्रकार की समस्या रोहंगिया मुसलमानों की है इस्लामिक जगत को लगता है की भारत सबसे आसान देश है जहां देशद्रोही नेता सेकुलर के नाम पर पाये जाते हैं जो एक नयी समस्या खड़ा करना चाहते हैं अंत मे ये दोनों इस्लाम के नाम पर एक होकर भारत के लिए समस्या ही होगे--!
म्यांमार देश, वहां रहने वाले "रोहिंग्या मुस्लिम" को अपना नागरिक नही मानता है, धीरे धीर उनकी संख्या बढ़ती गई, उसके बाद वही हुआ जो आज कल यूरोप में हो रहा है शुरू और आज के 10 साल बाद यहाँ होगा-!
रोहिंग्या आतंकवादियों ने म्यांमार के बौद्धों की जिहाद के नाम पर हत्या, बलात्कार शुरू हुआ--!
म्यांमार मे बौद्ध समाज के लोग भारत मे हिंदुओं के समान जातियों में बटे हुए नही थे जो कश्मीर घाटी के कश्मीरी पंडितों के समान अपने ही देश में शरणार्थी बन कर भारत के अन्य स्थानो पर जाये, म्यांमार के लोगों ने समय की आवश्यकता के अनुसार, बुद्ध की अहिंसा विचार को देश हित मे परिभाषित कर रोहिंग्या आतंकवादियों को चुन चुन कर मारना शुरू कर दिया, इसमें बौद्ध समाज के लोग भी मारे गए और रोहंगिया भी, मगर बौद्ध भारी पड़े क्योंकि म्यांमार में कोई कांग्रेस, सपा, बसपा, आरजेडी व बामपंथी (राष्ट्रद्रोही ) जैसी राजनैतिक पार्टी नही थी, हर बात पर मानवाधिकार के नाम पर बिधवा बिलप करने वाले (देशद्रोही) जेएनयू छाप वामपंथी कम्युनिष्ट नही थे, जब म्यांमार ने इन्हें भगाया तो पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत विश्व के किसी भी इस्लामिक देश ने उनका स्वागत नहीं किया।
परंतु कांग्रेस सरकार को वोट बैंक का लालच इतना था कि उन्होंने तुरंत "रोहिंग्या शरणार्थियों" को जम्मू और हैदराबाद में बसाना शुरू कर दिया.. अब प्रश्न यह है कि शरणार्थियों के कारण, जब हम जर्मनी फ्रांस और समस्त यूरोप की हालत देख रहे हैं तो क्या रोहिंग्या आतंकवादियों को भारत में बसाकर, भारत पुनः जगह- जगह देशभर में रोज होने वाले बम विस्फोट की तैयारी कर ले?? अब जब सरकार रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस डीपोर्ट कर रही है तो कांग्रेस के पेट में दर्द शुरू हो गया है---! एक तरफ बंगला देशी मुसलमानों से प बंगाल,बिहार तथा भारत अन्य भागों मे 5 करोण बंगलादेशी आतंक झेल रहा है, दूसरी तरफ कांग्रेस ने इनकी आलोचना शुरू कर दी है, इसी कांग्रेस ने भारत में बांग्लादेशी जिहादियों को बसाने का कुकृत्य किया है जिसका परिणाम बंगाल, असम, बिहार आज भी भुगत रहा है और कई हिस्सों में सरस्वती और दुर्गा पूजा प्रतिबंधित है, हिन्दुओ की बहन- बेटियाँ, मठ-मंदिर, पुजा-पाठ सुरक्षित नहीं हैं और सीधे-सादे हिंदुओं का जीवन जीना दूभर हो गया है, ये अब कोई छुपी हुई बात नही, बड़ी ही योजना पूर्बक हिन्दू संस्कृति का सेकुलर के नाम पर इस्लामिकरण करने का प्रयास हो रहा है बंगाल अगला कश्मीर बनने के रास्ते पर है ---!
हमे नही पता कि रोहंगिया, शरणार्थी हैं, मुसलमान है, जेहादी हैं, आतंकवादी है, अच्छे हैं या बुरे हैं, क्या हैं ? मुझे बस इतना मालूम है कि मेरा भारत देश भारत रहना चाहिए न कि शरणार्थियों के कूड़ा करकट का डंपयार्ड --!
आज शरण दिया, कल उन्हें फ्रांस और जर्मनी के शरणार्थियों की तरह अलग बस्ती चाहिए, फिर इबातगाह के लिए अलग जगह, फिर शरिया कानून और फिर अलग इस्लामिक देश -!
वैसे ही धर्म के नाम पर कई बार भारत का विभाजन हो चुका है-! आगे हम कितनी बार इस देश को बिभाजित करते रहेगे -! अब पुनः इस कोढ़ को पालने की जरूरत क्या है--?
भारत की जनसंख्या 130 करोड़ है, विश्व मे 56 इस्लामिक देश हैं वैसे भी इस्लाम अपने को प्रेम मुहब्बत का धर्म बताता है तो इन रोहंगिया मुसलमानों को अपने किसी प्रेम मुहब्बत देश मे शरण क्यों नहीं देता या ये सब इन शरिया युक्त देशों मे क्यों नहीं जाते--?
कारण भारत बहुत आसान है इस देश का कोई माई-बाप नहीं है कोई इटली से आकर नेता बन जाता है कोई सेकुलर नाम पर देशद्रोह फैलता है आखिर यह कबतक चलेगा --! विश्व में 56 इस्लामिक देश हैं कोई इन्हें भाव नही दे रहा तो तथाकथित सेक्युलर इंडिया क्यों-? कहाँ चला गया इनका प्रेम मुहब्बत कहाँ गया मुहम्मद साहब व कुरान का शांति शंदेश-!
सुप्रसिद्ध सुप्रीम कोर्ट के बामपंथी देशद्रोही अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने उच्चतम न्यायालय मे इन रोहंगिया के लिए गुहार लगाई है, सुप्रीमकोर्ट में भी सुनवाई है सुप्रीम कोर्ट मे भी बमपंथियों की कमी नहीं है वे देशद्रोहियों के लिए आधी रात्री को भी कोर्ट मे सुनवाई करते हैं कहीं उच्चतम न्यायालय सरकार के रास्ते मे रोड़ा डालने का काम न करने लगे --! क्योंकि सरकार इनको वापस भेजने के विचार में है और सेकुलर, लिबरल, कांग्रेसी इनको रेड कार्पेट स्वागत देना चाहते हैं, एक बात तय है कि यदि इन्हें आज नही निकाला गया तो बांग्लादेशी घुषपैठियों की तरह इनको भारत से हटा पाना किसी सरकार के बस की बात नही होगी.. जिस प्रकार पुष्यमित्र शुंग ने शासन सत्ता हाथ मे लेकर भारत और हिन्दुत्व की रक्षा की थी जिस प्रकार सम्राट विक्रमादित्य ने भारत वर्ष की रक्षा करते हुए हमारे सारे के सारे ऐतिहासिक स्थानों, तीरथों व ग्रंथो की खोज कर हिन्दू समाज व भारत वर्ष की रक्षा की थी आज पुष्यमित्र शुंग व सम्राट विक्रमादित्य के पश्चात पूरा भारत व हिन्दू समाज वर्तमान मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही मात्र एक आशा की किरण हैं जो इस समाज व देश की रक्षा करने मे सक्षम हैं, अतः देश को वर्तमान बीजेपी सरकार से उम्मीद है कि भारत को जल्द से जल्द इस समस्या से मुक्ति दिलाये जिससे जनता मे विस्वास पैदा हो सके !
जहां कश्मीर घाटी मे कश्मीरी पंडितों के लिए कोई स्थान नहीं है वहीं रोहंगिया मुसलमानो को बसाया जा रहा है,
#बिहार# के चार जिले 10 वर्षो मे रिगार्ड बंगलादेशियों की संख्या को बढ़ाया है किशनगंज मे 78%, कटिहार मे 44%, पूर्णिया मे 39% और अररिया मे ये 42%, सितमढ़ी 22%, प चंपारण 22%, दरभंगा 23% हो गए हैं,
#झारखण्ड# के संथाल परगना के 6 जिला बंगलादेशी बहुल होने के कगार पर है साहबगंज 35%, पाकुड़ 36%, जामताड़ा 21%, गोड्डा 22%, देवघर 21% हो गया है,
#प_बंगाल# मुरशिदवाद 67%, कूंचबिहार 26%, उ दिनाजपुर 50%, द दिनाजपुर 25% मालदा 52%, वीरभूमि 38%, उ 24 परगना 26%, द24 परगना 36% हो गया है,
#असम# के मोरीगांव 52%, बरपेटा 71%, धुबरी 80%, गोलपारा 58%, कामरूप 40%, करीमगंज 57%, हैलाकंदी 61% कछार 38% हो गया है इतना ही नहीं
#उत्तर_प्रदेश# मे भी मुसलमानों की संख्या मे बेतहासा बृद्धि हुई है सहारनपुर मे 42%, मुजफ्फर नगर 42%, बिजनौर 44%, मेरठ 35%, रामपुर 51%, ज्योतिबाफूले नगर 41%, मुरदवाद 48%, बरेली 35%, श्रावस्ती 31%,बहराइच 34%, बलरामपुर 38%, बागपत 28%, सिधार्थ नगर 29%, संत कबीर नगर 24% और गाजियाबाद मे 26% हो गया है।
अब हम कल्पना कर सकते हैं जिस गाँव मे 100 घर हिंदुओं का है 10 घर मुसलमानों का है वह मस्जिद बना सकता है, नमाज पढ़ सकता है, अपने कोई भी त्योहार मना सकता है लेकिन वहीं जिस गाँव मे मुसलमानों की संख्या बढ़ जाती है हिन्दू घट जाता है उस गाँव मे हिन्दू न तो मंदिर बना सकता है, न ही अपने कोई धार्मिक कृत्य कर सकता है, न ही घंटा घरीयरी बजा सकता है, यहाँ तक कि अपने शादी ब्याह मे वह नाच गान भी नहीं कर सकता है ऐसे स्थान पर हिंदुओं कि बहन बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं आए दिन अपहरण, हिंसा, हत्या, बलात्कार की घटनाएँ इन क्षेत्रों मे दिखाई दे रही है इस कारण हिन्दू समाज को केवल मोदी सरकार के सहारे नहीं बैठना बल्कि अपने पुरुषार्थ को जगाना और समाज खड़ा हो यह प्रयत्न हो कि प्रतीकार की क्षमता व सुरक्षा कवच बढ़े---!Vithal Vyas
आज भारत जिस प्रकार इस्लामिक आतंकी समस्याओं से जूझ रहा है उसमे बंगलादेशी मुसलमानों का कम योगदान नहीं है देश के अंदर सरकारी सूत्रो के अनुसार 5 करोण घुषपैठिए है, वहीं एक नयी प्रकार की समस्या रोहंगिया मुसलमानों की है इस्लामिक जगत को लगता है की भारत सबसे आसान देश है जहां देशद्रोही नेता सेकुलर के नाम पर पाये जाते हैं जो एक नयी समस्या खड़ा करना चाहते हैं अंत मे ये दोनों इस्लाम के नाम पर एक होकर भारत के लिए समस्या ही होगे--!
म्यांमार देश, वहां रहने वाले "रोहिंग्या मुस्लिम" को अपना नागरिक नही मानता है, धीरे धीर उनकी संख्या बढ़ती गई, उसके बाद वही हुआ जो आज कल यूरोप में हो रहा है शुरू और आज के 10 साल बाद यहाँ होगा-!
रोहिंग्या आतंकवादियों ने म्यांमार के बौद्धों की जिहाद के नाम पर हत्या, बलात्कार शुरू हुआ--!
म्यांमार मे बौद्ध समाज के लोग भारत मे हिंदुओं के समान जातियों में बटे हुए नही थे जो कश्मीर घाटी के कश्मीरी पंडितों के समान अपने ही देश में शरणार्थी बन कर भारत के अन्य स्थानो पर जाये, म्यांमार के लोगों ने समय की आवश्यकता के अनुसार, बुद्ध की अहिंसा विचार को देश हित मे परिभाषित कर रोहिंग्या आतंकवादियों को चुन चुन कर मारना शुरू कर दिया, इसमें बौद्ध समाज के लोग भी मारे गए और रोहंगिया भी, मगर बौद्ध भारी पड़े क्योंकि म्यांमार में कोई कांग्रेस, सपा, बसपा, आरजेडी व बामपंथी (राष्ट्रद्रोही ) जैसी राजनैतिक पार्टी नही थी, हर बात पर मानवाधिकार के नाम पर बिधवा बिलप करने वाले (देशद्रोही) जेएनयू छाप वामपंथी कम्युनिष्ट नही थे, जब म्यांमार ने इन्हें भगाया तो पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत विश्व के किसी भी इस्लामिक देश ने उनका स्वागत नहीं किया।
परंतु कांग्रेस सरकार को वोट बैंक का लालच इतना था कि उन्होंने तुरंत "रोहिंग्या शरणार्थियों" को जम्मू और हैदराबाद में बसाना शुरू कर दिया.. अब प्रश्न यह है कि शरणार्थियों के कारण, जब हम जर्मनी फ्रांस और समस्त यूरोप की हालत देख रहे हैं तो क्या रोहिंग्या आतंकवादियों को भारत में बसाकर, भारत पुनः जगह- जगह देशभर में रोज होने वाले बम विस्फोट की तैयारी कर ले?? अब जब सरकार रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस डीपोर्ट कर रही है तो कांग्रेस के पेट में दर्द शुरू हो गया है---! एक तरफ बंगला देशी मुसलमानों से प बंगाल,बिहार तथा भारत अन्य भागों मे 5 करोण बंगलादेशी आतंक झेल रहा है, दूसरी तरफ कांग्रेस ने इनकी आलोचना शुरू कर दी है, इसी कांग्रेस ने भारत में बांग्लादेशी जिहादियों को बसाने का कुकृत्य किया है जिसका परिणाम बंगाल, असम, बिहार आज भी भुगत रहा है और कई हिस्सों में सरस्वती और दुर्गा पूजा प्रतिबंधित है, हिन्दुओ की बहन- बेटियाँ, मठ-मंदिर, पुजा-पाठ सुरक्षित नहीं हैं और सीधे-सादे हिंदुओं का जीवन जीना दूभर हो गया है, ये अब कोई छुपी हुई बात नही, बड़ी ही योजना पूर्बक हिन्दू संस्कृति का सेकुलर के नाम पर इस्लामिकरण करने का प्रयास हो रहा है बंगाल अगला कश्मीर बनने के रास्ते पर है ---!
हमे नही पता कि रोहंगिया, शरणार्थी हैं, मुसलमान है, जेहादी हैं, आतंकवादी है, अच्छे हैं या बुरे हैं, क्या हैं ? मुझे बस इतना मालूम है कि मेरा भारत देश भारत रहना चाहिए न कि शरणार्थियों के कूड़ा करकट का डंपयार्ड --!
आज शरण दिया, कल उन्हें फ्रांस और जर्मनी के शरणार्थियों की तरह अलग बस्ती चाहिए, फिर इबातगाह के लिए अलग जगह, फिर शरिया कानून और फिर अलग इस्लामिक देश -!
वैसे ही धर्म के नाम पर कई बार भारत का विभाजन हो चुका है-! आगे हम कितनी बार इस देश को बिभाजित करते रहेगे -! अब पुनः इस कोढ़ को पालने की जरूरत क्या है--?
भारत की जनसंख्या 130 करोड़ है, विश्व मे 56 इस्लामिक देश हैं वैसे भी इस्लाम अपने को प्रेम मुहब्बत का धर्म बताता है तो इन रोहंगिया मुसलमानों को अपने किसी प्रेम मुहब्बत देश मे शरण क्यों नहीं देता या ये सब इन शरिया युक्त देशों मे क्यों नहीं जाते--?
कारण भारत बहुत आसान है इस देश का कोई माई-बाप नहीं है कोई इटली से आकर नेता बन जाता है कोई सेकुलर नाम पर देशद्रोह फैलता है आखिर यह कबतक चलेगा --! विश्व में 56 इस्लामिक देश हैं कोई इन्हें भाव नही दे रहा तो तथाकथित सेक्युलर इंडिया क्यों-? कहाँ चला गया इनका प्रेम मुहब्बत कहाँ गया मुहम्मद साहब व कुरान का शांति शंदेश-!
सुप्रसिद्ध सुप्रीम कोर्ट के बामपंथी देशद्रोही अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने उच्चतम न्यायालय मे इन रोहंगिया के लिए गुहार लगाई है, सुप्रीमकोर्ट में भी सुनवाई है सुप्रीम कोर्ट मे भी बमपंथियों की कमी नहीं है वे देशद्रोहियों के लिए आधी रात्री को भी कोर्ट मे सुनवाई करते हैं कहीं उच्चतम न्यायालय सरकार के रास्ते मे रोड़ा डालने का काम न करने लगे --! क्योंकि सरकार इनको वापस भेजने के विचार में है और सेकुलर, लिबरल, कांग्रेसी इनको रेड कार्पेट स्वागत देना चाहते हैं, एक बात तय है कि यदि इन्हें आज नही निकाला गया तो बांग्लादेशी घुषपैठियों की तरह इनको भारत से हटा पाना किसी सरकार के बस की बात नही होगी.. जिस प्रकार पुष्यमित्र शुंग ने शासन सत्ता हाथ मे लेकर भारत और हिन्दुत्व की रक्षा की थी जिस प्रकार सम्राट विक्रमादित्य ने भारत वर्ष की रक्षा करते हुए हमारे सारे के सारे ऐतिहासिक स्थानों, तीरथों व ग्रंथो की खोज कर हिन्दू समाज व भारत वर्ष की रक्षा की थी आज पुष्यमित्र शुंग व सम्राट विक्रमादित्य के पश्चात पूरा भारत व हिन्दू समाज वर्तमान मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही मात्र एक आशा की किरण हैं जो इस समाज व देश की रक्षा करने मे सक्षम हैं, अतः देश को वर्तमान बीजेपी सरकार से उम्मीद है कि भारत को जल्द से जल्द इस समस्या से मुक्ति दिलाये जिससे जनता मे विस्वास पैदा हो सके !
जहां कश्मीर घाटी मे कश्मीरी पंडितों के लिए कोई स्थान नहीं है वहीं रोहंगिया मुसलमानो को बसाया जा रहा है,
#बिहार# के चार जिले 10 वर्षो मे रिगार्ड बंगलादेशियों की संख्या को बढ़ाया है किशनगंज मे 78%, कटिहार मे 44%, पूर्णिया मे 39% और अररिया मे ये 42%, सितमढ़ी 22%, प चंपारण 22%, दरभंगा 23% हो गए हैं,
#झारखण्ड# के संथाल परगना के 6 जिला बंगलादेशी बहुल होने के कगार पर है साहबगंज 35%, पाकुड़ 36%, जामताड़ा 21%, गोड्डा 22%, देवघर 21% हो गया है,
#प_बंगाल# मुरशिदवाद 67%, कूंचबिहार 26%, उ दिनाजपुर 50%, द दिनाजपुर 25% मालदा 52%, वीरभूमि 38%, उ 24 परगना 26%, द24 परगना 36% हो गया है,
#असम# के मोरीगांव 52%, बरपेटा 71%, धुबरी 80%, गोलपारा 58%, कामरूप 40%, करीमगंज 57%, हैलाकंदी 61% कछार 38% हो गया है इतना ही नहीं
#उत्तर_प्रदेश# मे भी मुसलमानों की संख्या मे बेतहासा बृद्धि हुई है सहारनपुर मे 42%, मुजफ्फर नगर 42%, बिजनौर 44%, मेरठ 35%, रामपुर 51%, ज्योतिबाफूले नगर 41%, मुरदवाद 48%, बरेली 35%, श्रावस्ती 31%,बहराइच 34%, बलरामपुर 38%, बागपत 28%, सिधार्थ नगर 29%, संत कबीर नगर 24% और गाजियाबाद मे 26% हो गया है।
अब हम कल्पना कर सकते हैं जिस गाँव मे 100 घर हिंदुओं का है 10 घर मुसलमानों का है वह मस्जिद बना सकता है, नमाज पढ़ सकता है, अपने कोई भी त्योहार मना सकता है लेकिन वहीं जिस गाँव मे मुसलमानों की संख्या बढ़ जाती है हिन्दू घट जाता है उस गाँव मे हिन्दू न तो मंदिर बना सकता है, न ही अपने कोई धार्मिक कृत्य कर सकता है, न ही घंटा घरीयरी बजा सकता है, यहाँ तक कि अपने शादी ब्याह मे वह नाच गान भी नहीं कर सकता है ऐसे स्थान पर हिंदुओं कि बहन बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं आए दिन अपहरण, हिंसा, हत्या, बलात्कार की घटनाएँ इन क्षेत्रों मे दिखाई दे रही है इस कारण हिन्दू समाज को केवल मोदी सरकार के सहारे नहीं बैठना बल्कि अपने पुरुषार्थ को जगाना और समाज खड़ा हो यह प्रयत्न हो कि प्रतीकार की क्षमता व सुरक्षा कवच बढ़े---!Vithal Vyas
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