गाय के गोबर से तैयार हुई देश की सबसे सस्ती ट्रांसपोर्ट सेवा, 1 रुपए में 17 किलोमीटर जाएगी
वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी, फोएनिक्स इंडिया रिसर्च एंड डेवलपमेंट ग्रुप की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश दास ने बताया, "यह बस एक किलोग्राम बायोगैस में छह किलोमीटर का लाभ देता है, जिसकी लागत 20 रुपये है।"
गाय के गोबर का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधियों और अन्य उत्पादों में किया जाता रहा है, लेकिन अब गाय के गोबर से बनने वाले ईंधन से देश के सबसे ट्रांसपोर्ट के लिए बायोगैस तैयार होगी। कोलकाता की एक कंपनी ने इस तरह की बस डिजाइन की है जो कि गाय के गोबर से बने बायो गैस से चलेगी। पहली बस शुक्रवार को अल्टदंगा से गायरिया तक के लिए रवाना की गई। बस एक रूपए में 17.5 किलोमीटर तक जाएगी। इस लिहाज से यह बस देश में यात्री के परिवहन के लिए सबसे सस्ता साधन होगा। कोलकाता में बस का न्यूनतम किराया 6 रुपए है, जो कि 17 किलोमीटर के लिए 12 रुपए तक जाता है। इसके अलावा दिल्ली की सीएनजी बस 4 किलोमीटर के लिए 5 रुपए और उससे ज्यादा लेती है। इस बस पर चढ़ने वाले प्रत्येक यात्री से महज एक रुपये का न्यूनतम किराया लिया जाएगा।
वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी, फोएनिक्स इंडिया रिसर्च एंड डेवलपमेंट ग्रुप की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश दास ने बताया, “यह बस एक किलोग्राम बायोगैस में छह किलोमीटर का लाभ देता है, जिसकी लागत 20 रुपये है।” हम गाय के गोबर से बीरभूम जिले स्थित प्लांट में बायो गैस बना रहे हैं। टैंकर के जरिए गैस को कोलकाता लाया जा रहा है। एक किलो बायो गैस बनाने में 20 रुपए का खर्च आता है। एक किलो गैस में बस 5 किलोमीटर तक जा सकती है। प्रकाश ने बताया कि जर्मनी से एक तकनीक लाने पर विचार हो रहा है जो कि इस वाहन को एक किलो गैस में 20 किलोमीटर तक ले जा सकती है। बस के टैंक में 80 किलो गैस रखी जा सकती है। एक बार टैंक फुल करने पर यह 1600 किलोमीटर तक जा सकती है। इसी वजह से किराया सस्ता है।यह पहल नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के केंद्रीय सब्सिडी योजना के तहत शुरू की गई है। शहर में करीब पांच बसों को सेवा में लगाया जाएगा। ईधन के जरिए वाहन के कॉमर्शियल लाइफ भी बढ़ेगी। ड्राइवरों और कंडक्टरों के सैलरी के सवाल पर उन्होंने बताया कि बस की बॉडी पर लगाए गए विज्ञापनों से दी जाएगी। ईंधन की उपलब्धता के लिए कंपनी की 100 पम्प्स लगाने की भी योजना है।
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