दोस्ती की मिसाल: मुम्बई में अपने साथी कुत्ते मैक्स की कब्र से नहीं हट रहे है उसके दोस्त...
सीजर, टाइगर और सुल्तान नामक 3 कुत्तो को लाख कोशिशों के बाद मैक्स के कब्र से दूर नहीं किया जा सकता। मैक्स वही कुत्ता है जिसने मुंबई के 26/11 हमलों के दौरान ताज होटल में आठ किलोग्राम विस्फोटक और 25 ग्रेनेड्स का पता लगाया था।
मैक्स की मौत के बाद उसे पिछले शुक्रवार को विरार के एक खेत में दफना दिया गया था लेकिन मैक्स के दोस्त हैं कि उसकी कब्र के पास से हटने का नाम नहीं ले रहे है। जब उन्हें उसके कब्र के पास से हटा दिया।जाता है तब वे उसके रहने के लिए बनाए गए घर में घुसने की कोशिश करते हैं।
फिजा शाह नामक व्यक्ति ने पिछले साल मैक्स और बाकी दो कुत्तों को अडॉप्ट किया था क्योंकि वे बम डिटेक्शन ऐंड डिस्पोजल स्क्वाड से रिटायर हो गए थे।
शाह ने बताया कि जब भी ये बाहर जाते हैं, मैक्स की कब्र पर चले जाते हैं। हम उनका अच्छे खाने और गेम्स से उनका ध्यान बंटाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन चूँकि दुख से उबरने में वक्त लगता है इसलिए ये अपने दोस्त मैक्स को भूल नही पा रहे है। बताते चले कि लेब्राडोर प्रजाति के इन कुत्तों ने 2004 से 2011 तक कई प्रमुख ब्लास्टों और जांचों में मदद की है।
शाह ने बताया कि जब भी ये बाहर जाते हैं, मैक्स की कब्र पर चले जाते हैं। हम उनका अच्छे खाने और गेम्स से उनका ध्यान बंटाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन चूँकि दुख से उबरने में वक्त लगता है इसलिए ये अपने दोस्त मैक्स को भूल नही पा रहे है। बताते चले कि लेब्राडोर प्रजाति के इन कुत्तों ने 2004 से 2011 तक कई प्रमुख ब्लास्टों और जांचों में मदद की है।
#ये दोस्ती तेरा जबाब नही
उमा शंकर सिंह
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युद्ध में पैदल सेना की जान बचाऐगे चूहे...हीरो चूहे...
बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए अब कुत्तों को नहीं, चूहों को ट्रेनिंग दी जा रही है. बेल्जियम के एनजीओ एपीओपीओ तंजानिया के मोरोगोरो में चूहों को प्रशिक्षण दे रहा है. वे कुत्तों की तुलना में बारूदी सुरंगों का तेजी से पता लगाते हैं और इतने हल्के होते हैं कि उनके वजन से इनमें विस्फोट नहीं होता।
बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए अब कुत्तों को नहीं, चूहों को ट्रेनिंग दी जा रही है. बेल्जियम के एनजीओ एपीओपीओ तंजानिया के मोरोगोरो में चूहों को प्रशिक्षण दे रहा है. वे कुत्तों की तुलना में बारूदी सुरंगों का तेजी से पता लगाते हैं और इतने हल्के होते हैं कि उनके वजन से इनमें विस्फोट नहीं होता।
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