32 लाख सालों से जल रही है यहाँ ज्वाला, शिव-पार्वती ने लिए थे 7 फेरे ..!
हिन्दू धर्म के बारे में दुनिया भर में कई तरह की धारणाएं प्रचलित है। कुछ लोग ऐसे भी है जो भगवान में विश्वास नहीं करते है मगर दुनिया भर में कुछ ऐसे भी वाक्ये है जिनको देखते हुए भगवान के न होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
आज हम आपको कुछ ऐसा ही सबूत देने जा रहे जिससे सभी को विश्वास हो जाएगा कि इस दुनिया में भगवान का वजूद है। दुनिया भर में कई लोगो ने भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के बारे में सुना होगा। मगर उसी स्थान पर आज तक वह ज्वाला प्रज्वलित है जिसके सामने भगवान शिव और माता पार्वती ने 7 फेरे लिए थे।यह जगह देख कर निश्चित तौर कोई भी चौंक जाएगा क्योंकि यह जगह अपने आप में एक अजूबा है।भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का यह स्थल उत्तराखंड में स्थित है जिसे त्रियुगी नारायण मंदिर के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहाँ पर पिछले 3 युगों से वह ज्वाला प्रज्वलित है जिसके चारो तरफ दोनों ने 7 फेरे लिए थे। इस मंदिर में प्रसाद के रूप में लकड़ियाँ चढ़ाई जाती है। बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस विवाह में माता पार्वती के भाई की भूमिका में भगवान विष्णु थे। इसके अलावा ब्रह्म जी ने विवाह में शामिल होने के पूर्व जिस कुंड में स्नान किया था, वह भी यहीं स्थित है।
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