खबर है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जादव को फांसी की सजा दी है। ऐसा लग रहा है कि शेख मुजजीबुर्र रहमान के हत्यारों को जो कि ISI के एजेंट थे उनको बंगला देश के द्वारा फांसी दिए जाने की चिढ़ में पाकिस्तान ने यह फैसला लिया है।
बताते चले कि कुलभूषण जादव पूर्व नौसैनिक अधिकारी थे और चहबहार और मुम्बई के बीच व्यापार का काम करते थे। इन्हें अफगानी तालिबान ने पकड़ कर ISO के हवाले कर दिया था जिसके विषय में पाक सेना ने यह कहा था कि कुलभूषण जादव RAW का एजेंट था और यह बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कराने की गतिविधियों में सलग्न था।
बताते चले कि कुलभूषण जादव पूर्व नौसैनिक अधिकारी थे और चहबहार और मुम्बई के बीच व्यापार का काम करते थे। इन्हें अफगानी तालिबान ने पकड़ कर ISO के हवाले कर दिया था जिसके विषय में पाक सेना ने यह कहा था कि कुलभूषण जादव RAW का एजेंट था और यह बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कराने की गतिविधियों में सलग्न था।
इंदिरा गांधी ने तो वर्ष 1972 में 91000 उन पाकिस्तानियो को उपहार में दे दिए थे जिन्हें 1971 के युद्ध मे युद्ध बंदी बनाया गया था । क्या पाकिस्तानी इतने एहसान फरामोश है कि उन्होंने कुलभूषण जादव को किसी भारतीय राजनयिक से भी नही मिलने दिया?
@ कुलभूषण जादव को फांसी की सजा देना जेनेवा समझौते का उल्लंघन है।
@# भारत इसका बदला जरूर लेगा।
@# भारत इसका बदला जरूर लेगा।
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