देशी गाय का 10 लीटर गौमूत्र , 10 किलोग्राम ताजा गोबर, आधा किलोग्राम गुड , आधा किलो चने का बेसन सभी को मिलाकर 1 बड़े मटके में भरकर 5-7 दिन तक सडाएं इससे उत्तम जीवाणु कल्चर तैयार होता है. मटका खाद को 200 लीटर पानी में घोलकर किसी भी फसल में गीली या नमीयुक्त जमीन में फसलों की कतारों के बीच में अच्छी तरह से प्रति एकड़ छिडकाव करें . हर 15 दिन बाद इस क्रिया को दोहराएं . इस तरह फसल भी अच्छी होगी , पैदावार भी बढ़ेगी , जमीन भी सुधरेगी और किसी भी तरह के खाद की आवश्यकता नहीं पड़ेगी . इस तरह से किसान आत्मनिर्भर होकर बाजार मुक्त खेती कर सकता है और जहरमुक्त , रसायन मुक्त स्वादिष्ट और पौष्टिक फसल तैयार कर सकता है .
इस मटका खाद को सिंचाई जल के साथ सीधे भूमि उप अथवा टपक (ड्रिप) सिंचाई से भी दिया जा सकता है (1 मटका प्रति एकड़) एक मटका खाद को 400 लीटर पानी में अच्छे से घोलकर इस विलयन को पौधे के पास जमीन पर देने से अच्छे परिणाम मिलते है. यदि इसी विलयन को सूती कपड़े से छानकर फसलों पर छिड़कते है तो अधिक फूल व् फल लगते है
जैविक खाद:
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