Tuesday 11 April 2017

mediya

इंटेलिजेंस एजेंसियों से सम्बंधित मामलो में बोला बहुत काम जाता है और एक्शन आम जनता को बताये बिना लिए जाते है ..............जो लोग नेताओं से बारूदी बयान की अपेक्षा कर रहे है और बयान के आधार पर मूल्यांकन कर रहे है उन्हें समझना होगा ये वह युद्ध है जिसमे बहुत कुछ सामने से दिखाई नहीं देता ....ये युद्ध खुले युद्ध से जादा शातिरता और दिमाग के साथ लड़ा जाता है !!!   
पवन अवस्थी
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लुम्बिनी (नेपाल) से खोये हुए ISI एजेंट पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट कर्नल Lt Col (Rtd) Mohammad Habib उस टीम का एक सदस्य था जिस टीम ने कुलभूषण जादव को ईरान-अफगानिस्तान बार्डर पर अगवा किया था। जब यह Lt Col (Rtd) Mohammad Habib लुम्बिनी में खो गया तो पाकिस्तानियो को आभाष हो गया कि इसे इंडियन RAW ने अगवा कर लिया है और ऐसी स्थिति में जादव के बारे में बनाये गए उनके समस्त झूठो का पर्दाफास हो जाएगा तो उन्होंने आनन-फानन में कुलभूषण जादव को फांसी की सजा दी।
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एक मुस्लिम का धर्म- इस्लाम
एक ईसाई का धर्म- क्रिश्चियनिटी
लेकिन एक हिन्दू का धर्म- मानवता, इंसानियत, सेक्यूलरिज़्म, चुतियापा etc etc
Jitendra Pratap Singh
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एक मुस्लिम पति ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर इनबॉक्स में मुझे एक अनुभव भेजा है
“असल में यह हलाला उस औरत के लिए दर्द नहीं है बल्कि उस मुस्लिम पति के लिए दर्द है जिसकी पत्नी हलाला से गुजरी हो .... क्योंकि मैं खुद इस दर्द से गुजर रहा हूं ....मैंने 4 साल पहले अपनी मां और पत्नी के झगड़े में गुस्से में आकर अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया हलाकि उसमें मेरी पत्नी की कोई गलती नहीं थी फिर मुझे बहुत पछतावा हुआ यह बात मोहल्ले तक फैल गई और फिर मेरे घर चार-पांच मौलवी आए और बोले कि तुम्हारी पत्नी अब तुम्हारे लिए हराम हो चुकी है तुम उसे छू तक नहीं सकते और उसके साथ नहीं रह सकते अगर अपनी पत्नी के साथ रहोगे फिर हम तुम्हारा तुम्हें इस्लाम से खारिज कर देंगे ....मजबूरी में मुझे अपनी पत्नी से अलग रहना पड़ा लेकिन दो छोटे छोटे बच्चों के खातिर मैंने फिर से अपनी पत्नी से निकाह करने का फैसला किया लेकिन मैं दंग रह गया यह जानकर जब मौलवी साहब ने मुझे बताया कि इसके लिए आप की पत्नी को पहले किसी दूसरे पुरुष से शादी करनी पड़ेगी फिर वह पुरुष सुहागरात मना कर इद्दत के बाद यानी पत्नी के मासिक धर्म आने के बाद ही उसे तलाक देगा फिर आप उससे शादी कर सकते हैं ...
मैं चौंक गया क्योंकि मुझे यह नहीं पता था फिर मैंने अपने एक रिश्तेदार को इसके लिए राजी किया उस रिश्तेदार ने मेरी पत्नी के साथ निकाह किया फिर करीब 33 दिन के बाद जब मेरी पत्नी की इद्दत को मौलवियों ने कंफर्म किया उसके बाद मैंने अपनी पत्नी से दुबारा निकाह किया......
जितेंद्र जी मैं सच कह रहा हूं इसमें मेरी पत्नी ने जो जलालत जिल्लत नही झेली होगी उससे हजार गुना जलालत मैंने झेली है और हर पल झेलता हूँ ...आखिर मेरी पत्नी की क्या गलती थी वह कोई खुशी खुशी तो किसी पर पुरुष के बाहों में नहीं गई आज मैं अपनी पत्नी से आंखें नहीं मिला पाता हूं मैं खुद को दुनिया का सबसे कमजोर सबसे कायर सबसे लाचार इंसान समझता हूं कि जो चाहकर भी ऐसे कुप्रथा के खिलाफ आवाज नहीं उठा सका आप विश्वास नहीं करेंगे मैं बेहद शर्मिंदगी में आत्मग्लानि में आकर पिछले 4 सालों से अपनी पत्नी को छुआ तक नहीं अकेले में मैं और मेरी पत्नी खूब रोते हैं मैं अपनी पत्नी से कहता हूं हलाला का दर्द औरत नहीं बल्कि औरतों से करोड़ों गुना ज्यादा पुरुष झेलते हैं कभी उस पुरुष से पूछो जिसकी पत्नी दूसरे की बाहों में रात गुजार कर आई हो उस पुरुष के दिल पर क्या गुजरती होगी ....इन कठमुल्लों ने अपनी अय्याशी के नाम पर हम मुस्लिमों को जैसे लूटने और ठगने का एक जरिया बना लिया है
कृपया इस पोस्ट में कुछ मात्रा सुधार करके पोस्ट करिएगा लेकिन प्लीज मेरा नाम और पहचान गुप्त रखियेगा   
Jitendra Pratap Singh
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