Monday, 24 April 2017

फसल बर्बाद, दाने दाने के लिए मोहताज तो फ्लाइट में उड़ने के लिए कहाँ से आ गया किसानों के पास पैसा

पहले ही शक हो रहा था कि तमिल नाडु के किसानों के नाम पर किया जा रहा यह धरना मोदी सरकार और बीजेपी के खिलाफ साजिश है, कल जिस प्रकार से किसानों से अपना धरना ख़त्म किया उससे मेरा शक यकीन में बदल गया, जो किसान अपनी मांगों के लिए Urine पी रहे थे, मल खाने के लिए तैयार थे उन्होंने MCD चुनावों के साथ साथ अपना धरना भी समाप्त कर दिया.

इससे भी हैरान करने वाली बात यह थी कि धरना ख़त्म करने के बाद अचानक किसानों के पास पता नहीं कहाँ से पैसा आ गया, सब के सब एयरपोर्ट पहुंचे और तमिल-नाडु के लिए उड़ गए, अब सवाल यह उठता है कि अगर किसानों की वाकई में फसल बर्बाद हो गयी थी, अगर वे वाकई में दाने दाने के लिए मोहताज हैं तो उनके पास फ्लाइट में उड़ने के लिए पैसे कहाँ से आ गए. एकाएक उनका रूप कैसे बदल गया. यह सोचने का विषय है, ऐसा लग रहा है कि किसानों का धरना PAID था यानी कि किसी ने धरने की फंडिंग की थी.यह भी हो सकता है कि BJP को MCD चुनाव में नुकसान पहुंचाने के लिए AAP ने कोई साजिश रची हो क्योंकि केजरीवाल हमेशा किसानों के संपर्क में थे और उनका धरना ख़त्म करवाने के लिए AAP नेता कुमार विश्वास पहुंचे. उन्होंने मोदी के खिलाफ कविता गाई - 

आत्महत्या की चिता पर देख कर किसान को,
नींद कैसे आ रही है देश के प्रधान को.

क्या स्क्रिप्टेड था किसानों का धरना

सबसे पहले तो बता दें कि इसमें से कई किसान प्रोफेशनल धरनेबाज थे और दूसरी बात ये कि कोई भी किसान अपनी जान दे देगा लेकिन अपनी बात मनवाने के लिए मूत्र नहीं पिएगा और ना ही मल खाएगा लेकिन ये किसान तो मूत्र भी पी रहे थे और मल खाने की धमकी भी दे रहे थे और वो भी मोदी सरकार के खिलाफ जबकि उन्हें अपनी सरकार के खिलाफ धरना देना चाहिए था. वैसे हमें तो नहीं लगता कि उनके बोतल में मूत्र रहा होगा, हमें तो लगता है कि किसी और चीज को उन्होंने मूत्र बता दिया होगा, वरना कौन आदमी मूत्र पी सकता है.

अगर मान भी लें कि उन्होंने मूत्र पीया था तो इतना सब कुछ करने के बाद वे एकाएक धरना कैसे ख़त्म कर सकते हैं, यह अपने आप में सोचने का विषय है, कल AAP नेता कुमार विश्वास खुद धरना ख़त्म करवाने के लिए जंतर मंतर पर पहुंचे और मोदी के खिलाफ बयान दिया, इसके अलावा किसानों ने यह भी बताया कि उनकी कई बार केजरीवाल से भी बात हुई है.

सन्देश क्या गया?

इस धरने में AAP नेता कुमार विश्वास ने सिर्फ यही सन्देश दिया कि अन्नदाता मूत्र पी रहे हैं, मरे हुए चूहे खा रहे हैं, सांप खा रहे हैं, मूत्र पी रहे हैं लेकिन देश के प्रधान यानी मोदी सो रहे हैं, यह साफ़ साफ़ मोदी के खिलाफ साजिश थी, साथ ही मोदी विरोधी यह भी सोच रहे थे कि MCD चुनावों में किसान मोदी सरकार के खिलाफ खड़े हो जाँय, ताकि MCD में भी AAP की सरकार बन सके.

बड़े बड़े होटलों से किसानों के लिए आता था खाना, मिनरल वाटर

जानकारी के लिए बता दें कि धरनेबाज किसानों के लिए बड़े बड़े होटलों से खाना आता था, मिनरल वाटर की बोतल आती थीं, हर समय चाय-समोसे मिलते थे, ऐसा लग रहा था कि कोई इनके धरने की फंडिंग कर रहा है, ये लोग टीवी-मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए मरे हुए सांप, चूहे खाने का दिखावा करते थे और दूसरी तरफ होटलों के लजीज व्यंजन खाते थे.
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कभी इस बात पर भी विचार करिएगा की आखिर इन नक्सलियों का मददगार कौन है ??
यह वामपंथी दल यह.. तमाम एनजीओ चलाने वाले जैसे मेघा पाटकर स्वामी अग्निवेश कविता कृष्णन अरविंद केजरीवाल मनीष सिसोदिया कन्हैया कुमार यह लोग खुलकर नक्सलियों के समर्थन में बोलते हैं और नक्सलियों पर कार्यवाही का विरोध करते हैं         
Jitendra Pratap Singh
 प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो हमला करने वाले नक्सली 350 की संख्या में थे और अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। जवानों का दोष केवल इतना था कि वे सड़क निर्माण को सुरक्षा दे रहे थे। इस घटना के बाद एक सवाल मन में उठने लगा है कि क्या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दबाव में राज्य सरकार द्वारा बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी को हटाने का निर्णय क्या सही था? बस्तर में कल्लूरी के रहते नक्सलियों ने हिंसा का तांडव करने की कोई हिमाकत नहीं की। लेकिन उनके हटते ही बस्तर को फिर लाल आतंक का गढ़ बनते हुए हम देख रहे हैं। बस्तर फिर पांच साल पीछे चला गया है, जब नक्सल एंबुश में फंसकर जवानों के शहीद होने की खबरें आम होती थीं, अब लगता है वही दौर लौट आया है।..और इस बात पर भी कोई आश्चर्य नहीं कि नक्सलियों की मौत पर विधवा विलाप करने वाले जवानों की मौत पर मौन हैं। शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उनके परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।
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सऊदी अरब सरकार ने अरबी में गीता रिलीज की। यहाँ तो भारत माता की जय बोलने में इस्लाम खतरे में आ जाता हैं। 
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