17 साल तक खुराफात, बाइक के ऐवरेज के साथ किस्मत भी चमकी...
लखनऊ
खुराफात करने की आदत ने कौशांबी के विवेक कुमार पटेल की किस्मत बदल दी है। पिछले 17 साल तक की गई मेहनत को सही मुकाम मिला तो यह ऑटोमोबाइल इंजिनियरिंग के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। इंजन में मामूली से बदलाव के बाद इनकी बाइक 153 किमी प्रति लीटर का ऐवरेज दे रही है। उत्तर प्रदेश काउंसिंल फॉर साइंस ऐंड टेक्नॉलजी (यूपीसीएसटी) और मोती लाल नेहरू नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी इलाहाबाद ने इनकी इस तकनीक को प्रमाणित भी किया है।
तीन बीघा खेती से परिवार का पेट भरने वाले विवेक ने सोचा भी नहीं था कि बाइक के इंजन से छेड़छाड़ उनकी किस्मत बदल सकती है। विवेक ने बताया कि 12वीं के बाद से ही वह मोटर बाइक रिपेयरिंग की दुकान पर बैठते थे। बाइक रिपेयरिंग सीखने के दौरान ही उन्होंने इंजन में बदलाव के टेस्ट भी शुरू किए। तीन साल पहले अपनी बाइक के इंजन में कुछ बदलाव किए। जिसके बाद उसका ऐवरेज दोगुना हो गया। कुछ लोगों की मदद से वह काउंसिल के संपर्क में आए, जहां उनके आइडिया को और विकसित किया गया।
खुराफात करने की आदत ने कौशांबी के विवेक कुमार पटेल की किस्मत बदल दी है। पिछले 17 साल तक की गई मेहनत को सही मुकाम मिला तो यह ऑटोमोबाइल इंजिनियरिंग के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। इंजन में मामूली से बदलाव के बाद इनकी बाइक 153 किमी प्रति लीटर का ऐवरेज दे रही है। उत्तर प्रदेश काउंसिंल फॉर साइंस ऐंड टेक्नॉलजी (यूपीसीएसटी) और मोती लाल नेहरू नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी इलाहाबाद ने इनकी इस तकनीक को प्रमाणित भी किया है।
तीन बीघा खेती से परिवार का पेट भरने वाले विवेक ने सोचा भी नहीं था कि बाइक के इंजन से छेड़छाड़ उनकी किस्मत बदल सकती है। विवेक ने बताया कि 12वीं के बाद से ही वह मोटर बाइक रिपेयरिंग की दुकान पर बैठते थे। बाइक रिपेयरिंग सीखने के दौरान ही उन्होंने इंजन में बदलाव के टेस्ट भी शुरू किए। तीन साल पहले अपनी बाइक के इंजन में कुछ बदलाव किए। जिसके बाद उसका ऐवरेज दोगुना हो गया। कुछ लोगों की मदद से वह काउंसिल के संपर्क में आए, जहां उनके आइडिया को और विकसित किया गया।
आइडिया को मिला अप्रूवल
यूपीसीएसटी के इनोवेशन ऑफिसर संदीप द्विवेदी ने बताया कि काउंसिल ने इनोवेशन को तकनीकी रूप से प्रमाणित करने के लिए मोतीलाल नेहरू नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से इसकी टेस्टिंग कराई। जांच में तकनीक सही पाई गई। इसके साथ ही इसके पेटेंट रजिस्ट्रेशन के लिए भी अप्लाई कराया है।
यूपीसीएसटी के इनोवेशन ऑफिसर संदीप द्विवेदी ने बताया कि काउंसिल ने इनोवेशन को तकनीकी रूप से प्रमाणित करने के लिए मोतीलाल नेहरू नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से इसकी टेस्टिंग कराई। जांच में तकनीक सही पाई गई। इसके साथ ही इसके पेटेंट रजिस्ट्रेशन के लिए भी अप्लाई कराया है।
कटरा स्थित श्री माता वैष्णव देवी यूनिवर्सिटी के टेक्नॉलजी बिजनस इंक्यूबेशन सेंटर ने विवेक की इस तकनीक को स्टार्टअप के तौर पर रजिस्टर किया है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक कर चुके आकाश श्रीवास्तव इस प्रॉजेक्ट में उनकी मदद ले रहे हैं। आकाश के मुताबिक विवेक की मदद से टेक्नॉलजी अपग्रेडेशन कर कम ईंधन खपत में जनरेटर की प्रॉडक्शन बढ़ाने में काम करेंगे। इसके लिए सेंटर की ओर से स्टार्टअप प्रॉजेक्ट के लिए 75 लाख रुपये की मदद भी स्वीकृत की गई है।
जुगाड़ से बढ़ गया डेढ़ गुना ऐवरेज
यूपीसीएसटी के जॉइंट डायरेक्टर इनोवेशन राधेलाल ने बताया कि विवेक ने पेट्रोल की सप्लाई को नियंत्रित कर ऐवरेज बढ़ाने की कवायद की है। इस प्रॉजेक्ट पर बिट्स पिलानी के स्टूडेंस के साथ भी काम किया है। इस दौरान बाइक के माइलेज में डेढ़ गुना से दोगुना तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राधेलाल ने बताया कि पेट्रोल की मात्रा नियंत्रित करने से इंजन गर्म नहीं होता। वहीं पेट्रोल की खपत कम हो जाती है। स्पीड और पिकअप में भी कोई परिवर्तन नहीं आया।
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