-ये एक कटु सत्य है
स्कूल टीचर ने बोर्ड पर लिखा:
9×1=9
9×2=18
9×3=27
9×4=36
9×5=45
9×6=54
9×7=63
9×8=72
9×9=81
9×10=89
9×1=9
9×2=18
9×3=27
9×4=36
9×5=45
9×6=54
9×7=63
9×8=72
9×9=81
9×10=89
लिखने के बाद बच्चों को देखा तो बच्चे शिक्षक पर हंस रहे थे, क्योंकि आखिरी लाइन गलत थी।
फिर शिक्षक ने कहा:
"मैंने आखिरी लाइन किसी उद्देश्य से गलत लिखी है क्यूंकि मैं तुम सभी को कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण सिखाना चाहता हूं।
"मैंने आखिरी लाइन किसी उद्देश्य से गलत लिखी है क्यूंकि मैं तुम सभी को कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण सिखाना चाहता हूं।
दुनिया तुम्हारे साथ ऐसा ही व्यवहार करेगी..!
तुम देख सकते हो कि मैंने ऊपर 9 बार सही लिखा है पर किसी ने भी मेरी तारीफ नहीं की..??
तुम देख सकते हो कि मैंने ऊपर 9 बार सही लिखा है पर किसी ने भी मेरी तारीफ नहीं की..??
पर मेरी सिर्फ एक ही गलती पर तुम लोग हंसे और मुझे क्रिटिसाइज भी किया।"*
तो यही नसीहत है
दुनिया कभी भी आपके लाख अच्छे कार्यों को एप्रीशिएट नहीं करेगी, परन्तु आपके द्वारा की गई एक गलती को क्रिटिसाइज जरूर करेगी।
दुनिया कभी भी आपके लाख अच्छे कार्यों को एप्रीशिएट नहीं करेगी, परन्तु आपके द्वारा की गई एक गलती को क्रिटिसाइज जरूर करेगी।
-ये एक कटु सत्य है
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