बीजेपी सरकार ने पाठ्यपुस्तकों से हटाया वामपंथियों का लिखा कचरा
ऐतिहासिक सच्चाई को लाया सामने...
जयपुर। राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा की स्कूलों में इस शिक्षण सत्र में पाठ्यक्रम बदल जाएगा। अब राज्य में नौवीं से बारहवीं तक के बच्चे पाठ्यक्रम में मांसाहार से होने वाले नुकसान, नोटबंदी के फायदे और स्वतंत्रता आंदोलन में सावरकर के योगदान जैसे विषयों के बारे में पढ़ेंगे। राजस्थान में बीजेपी सरकार ने पाठ्यक्रमों में महत्वपूर्ण परिवर्तन करते हुए इतिहास विषय में वामपंथियों के लिखे हुए कचरे को हटा दिया है और भारत के ऐतिहासिक गौरव को जिंदा करने का सराहनीय प्रयास किया है। इस एक ही पुस्तक में भारत के इतिहास के तीनों भागों को सारगर्भित और प्रेरणादायी तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
जिसमें हिंदुओं के मौर्यकाल गुप्तकाल की उपलब्धियों से लेकर चोलो के काल के श्रेष्ठ हिन्दू शासन के बारे में बताया गया है तथा विदेशी आक्रमणों में अरबो के आक्रमण की बात करे तो उसमें आप दाहिर सेन, नागभट्ट और बप्पा रावल की वीरता के बारे में जान पाओगे।
तुर्को के आक्रमण की बात करे तो पृथ्वीराज चौहान और अन्य राजपूतो के शौर्य की गाथाओं से अवगत होंगे और मुगलों के आक्रमण की बात करे राणा सांगा, राणा प्रताप और राव चंद्रसेन की वीरता को जानकर गौरवान्वित महसूस करेंगे। मुगल काल के भाग को पढ़ते हुए भी आप मुगलों के गुणगान को नहीं राजपूतों की वीरता और जयचंद की नस्ल के गद्दारो की गद्दारीयों से सबक लेंगे।
राष्ट्रीय आंदोलन के इतिहास में कांग्रेस की चापलूसी न पढ़कर 1857 की प्रेरणादायी क्रांति और वीर सावरकर, भगत सिंह, सुखदेव, सुभाषचंद्र बोस, चंद्रशेखर आज़ाद का गुणगान पढ़ पाएंगे। मुस्लिम लीग की गद्दारी को भी तथ्य सहित जान पाओगे। इसके साथ स्वतंत्रता संग्राम में राजस्थान के योगदान को भी जानने का अवसर मिलेगा।
एक किताब में मांसाहार के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में बताया गया है और कहा गया है कि सामाजिक मूल्यों की कमी व आधुनिक जीवनशैली के कारण मांसाहर का प्रयोग बढ़ रहा है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसी किताब में भोजन से पहले बोले जाने वाले मंत्र की जानकारी दी गई है। इसके अलावा भोजन करने के तरीके के बारे में भी बताया गया है।
वहीं स्वतंत्रता आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और हिदू महासभा से जुड़े रहे सावरकार के योगदान को काफी स्थान दिया गया है। इन किताबों में बच्चे समान नागरिक संहिता, प्रधानमंत्री की विदेश नीति, नोटबंदी जैसे सामायिक विषयों के बारे में पढ़ेंगे।कक्षा दस की सामजिक विज्ञान में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं की शुरुआती खेप भारत में ब्रिटिश शासन बनाए रखना चाहती थी। कक्षा 12 की राजनीति शास्त्र व अर्थशास्त्र की पुस्तक में नोटबंदी को कालाधन खत्म करने के अभियान के रूप में बताया गया है और इसके फायदे गिनाए गए हैं।
आपको यह भी बता दे कि सरकार ने पिछले वर्ष आठवीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया था और प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पाठ्यक्रम से हटा दिया गया था।
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