Monday, 12 June 2017

आयरन की गोलियां बहुत घातक साइड इफेक्ट्स दे सकती हैं.

आपके शरीर को असल में कितना आयरन चाहिए!
आयरन की कमी होने से चेहरा फीका हो जाता है क्योंकि हीमोग्लोबिन कम हो जाता है। हीमोग्लोबिन ही खून को उसका लाल रंग देता है, जिससे चेहरे को अपनी रंगत मिलती है. हीमोग्लोबिन कम होगा तो चेहरा फीका और पीला सा दिखेगा. डॉक्टर भी आंखों के नीचे का लाल हिस्सा इसीलिए चेक करते हैं।
शरीर में आयरन की कमी का शक होते ही डॉक्टर पर्ची पर तुरंत आयरन की गोलियां लिख देते हैं. लेकिन आयरन की खुराक लेना क्या अच्छा आइडिया है? कई वैज्ञानिक कहते हैं, नहीं!
लंदन के इंपीरियल कॉलेज के वैज्ञानिकों ने आगाह करते हुए कहा है कि आयरन की गोलियां बहुत घातक साइड इफेक्ट्स दे सकती हैं. आयरन की गोलियां 10 मिनट के भीतर कोशिकाओं के भीतर डीएनए को क्षतिग्रस्त कर सकती हैं. लैब में इंसान की इंडोथेलियल कोशिकाओं पर परीक्षण करने के बाद वैज्ञानिकों ने यह दावा किया. इंडोथेलियल कोशिका, रक्त की भीतरी परत और लसिका वाहिका के बीच दीवार का काम करती हैं!
स्वस्थ शरीर के लिए आयरन जरूरी है. यह प्रतिरोधी तंत्र और ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट में अहम भूमिका निभाता है. लेकिन ज्यादातर मामलों में आयरन की गोलियां लेना बर्बादी है. मांस, मछली, फली वाली सब्जियों, पालक, ओट्स और गेहूं में इसकी अच्छी खासी मात्रा होती है. इनका सेवन कर शरीर में आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है!
आम तौर पर एक महिला को हर दिन 15 से 18 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है. वहीं गर्भवती महिलाओं को ज्यादा आयरन की जरूरत होती है. उन्हें हर दिन 27 मिलीग्राम आयरन चाहिए. यही वजह है कि डॉक्टर उन्हें आयरन की गोलियां देते हैं. अनीमिया के रोगियों और मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा रक्त स्राव झेलने वाली महिलाओं के लिए अतिरिक्त आयरन जरूरी होता है!
वयस्क पुरुष को हर दिन महिलाओं से कम आयरन की जरूरत पड़ती है. लेकिन अगर शरीर में लगातार आयरन की कमी रहने लगे तो बाल झड़ने लगते हैं, नाखून टूटने लगते हैं, सिरदर्द, थकान और झिलमिलाहट जैसी समस्याएं भी सामने आती हैं. ऐसे मामलों में डॉक्टर आम तौर पर आयरन की गोलियां दे देते हैं. लेकिन ब्रिटिश वैज्ञानिकों का मानना है कि आयरन की मात्रा पर ध्यान दिये बिना पर्ची लिख दी जाती है.
ज्यादा आयरन से डीएनए क्षतिग्रस्त हो सकता है और दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं. आयरन के ओवरडोज से पुरुषों को दिल की बीमारियां ज्यादा होती हैं क्योंकि महिलाओं का शरीर मासिकधर्म के दौरान अतिरिक्त आयरन को बाहर निकाल देता है. वैज्ञानिकों की सलाह है कि गर्भवती, मासिकधर्म से बुरी तरह परेशान रहने वाली महिलाओं और एनीमिया के रोगियों को छोड़कर बाकी लोगों को आयरन सामान्य खाने से ही लेना चाहिए!

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