Friday, 30 June 2017

इंदिरा गांधी और बाबर का रिश्ता?

इन्टरनेट पर इन दिनों एक मुद्दा काफी तेजी से टूल पकड़ रहा है जो कि इंदिरा गांधी और बाबर के बीच में क्या रिश्ता है ? तो किसी भी पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है लेकिन लोगो ने अपने ही मतलब से काफी जुदा जुदा से जवाब बना लिए है जो काफी अटपटे भी है तो चलिए फिर जानते है इसका गहरा विश्लेष्ण कि नेहरू परिवार की जड़े कहाँ तक फ़ैली है ? कुछ समय पहले जब भारत आजाद हुआ तो इतिहासकारों ने नेहरू परिववारो के बारे में जानने की कोशिश की लेकिन उन्हें लगातार दबाया गया इसके बाद लोगो में जानने की इच्छा और जागी तो और खोदा गया
तो जानने में आया  कि नेहरू परिवार असल में मुस्लिम है हालांकि Hindicircle इसकी पूरी पुष्टि नही कर सकता है ये सिर्फ विभिन्न पोर्टल्स से जुटाए गये डाटा का निष्कर्ष है जिनके मुताबिक़ नेहरू परिवार पहले मुस्लिम थे और बादमे उन्होंने खुदको कश्मीरी पंडित बना लिया और बादमे नहर के करीब रहने का कारण उनका सरनेम नेहरू हो गया इसका उल्लेख उनके खुदके करीबी करते है और इसकी पुष्टि पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के सुनाये एक वृतांत से हो जाता है...नटवर सिंह बताते है कि जब इंदिरा गांधी अपने विदेश दौरे पर थी तो उन्होंने अफगानिस्तान में बाबर की मजार देखने की इच्छा जाहिर की लोगो के मना करने के बावजूद वो उस सुनसान जगह पर गयी और काफी लम्बे वक्त तक वहां श्रद्धा से सर झुकाए खडी रही, उस वक्त के बाद वो वापिस लौटी और अभिभूत होकर नटवर सिंह से बोली आज मैं अपने इतिहास मिलकर आयी हूँ इस कथन से काफी हद तक तस्वीर साफ हो गयी कि नेहरू परिवार का एक वो इतिहास भी है जो सिर्फ वही जानते है और दुनिया से काफी लम्बे समय से छुपाके रखा गया है हालांकि देश की जनता को आज भी ये जानने का हक़ है

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