Thursday 9 July 2015

जब फिलिस्तीनी आतंकवादियो ने 1972 के म्यूनिख ओलंपिक गेम्स विलेज में घुसकर
12 इस्राइली खिलाडियों की हत्या कर दी थी, तब तत्कालीन इस्राइली प्रधानमंत्री श्रीमती
्डा मायर ने कोई भी बयान नहीं दिया … उन्होंने सरे मृत खिलाडियो के घरवालो को
खुद फोन करके कहा की हम बदला लेकर रहेंगे .. उन्होंने अपनी गुप्तचर एजेंसी मोसाद
को पूरी छूट दे दी, और कहा इस घटना में जितने लोग भी शामिल है, वो चाहे दुनिया के
किसी भी देश में हो उनको जिन्दा नहीं रहने देना है .. मोसाद ने पता लगा लिया की इस
हत्याकांड में 14 आतंकवादी शामिल थे .....
1 – एक आतंकवादी सलाह खलिफ जेदाह में अपने परिवार के साथ रहता था, मोसाद ने
उसके घर में रखे टेबल जिस पर फ़ोन रखा था, ठीक वैसा ही टेबल रख दिया और टेबल
के अन्दर बम फिट करके उसका कनेक्शन फोन से जोड़ दिया, फिर उसके फोन की घंटी
बजी उसने जैसे ही फोन उठाया उसके चीथड़े उड़ गए ....
2 – एक आतंकवादी अबू दयुद बेरुत में छुपा था .. मोसाद ने उसकी पूरी दिनचर्या पर
नज़र रखी, वो एक क्लब में रोज जाता था, इजराइल ने अपने खतरनाक कमांडो को
बेरुत भेजा, जिसमे सिर्फ 3 लोग थे, एक कमांडो बेंजामिन नेतान्याहू ......[जो बाद में
इसराइल के राष्ट्रपति बने ] एक ख़ूबसूरत लड़की का भेष रखकर उस क्लब में नाच रहे
थे जैसे ही वो आतंकवादी उनके करीब नाचने के लिए आया, बेंजामिन ने अपनी फुल्ली
औटोमटिक गन से गोलियों की बौछार कर दी 15 लोग मरे गए, और बेंजामिन और
उनका साथी जो उनको कवर कर रहा था लेबनानी पुलिस के नकली गाड़ी में फरार हो
गए....
3 – एक आतंकवादी अमिन अल हिंदी को मोसाद ने अम्मान में उसके बिल्डिंग के नीचे
गोलियों से भुन दिया ....
4 – अब बाक़ी बचे आतंकवादियो ने डरकर आत्मसमर्पण करने का प्रस्ताव भेजा. लेकिन
गोल्डा मायर ने कुछ नहीं बोला चौथे आतंकवादी अबू फयाज, जो छुप कर हेलसिंकी में
रहता था, उसे कार से कुचल कर मार दिया गया ...
5 -पाचवे आतंकवादी अली हसन सलामेह जो पेरिस में छुपा था, वही उसको साइनाइड
जहर देकर मार दिया गया ....
6 – महमूद हम्शारी को दमिस्क में गोली मारी गयी , इस तरह गोल्डा मायर ने एक एक
को चुन चुन कर पूरी दुनिया में मारा. हम सलाम करते हैं, ऐसे देश के जज्बे को .. जहाँ के
नागरिक हमेशा अपना सर उठा के चलते है…… और साथ ही हम शर्म महसूस करते हैं
अपने देश के नेताओ पर, यहाँ के सिस्टम पर और साथ ही इन्हें बर्दाश्त करती और इन्हें
कोई सबक नही सिखाने वाली आम जनता पर .....
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ओवैसी का विरोध करते किसी मुस्लिम को नही देखा....!..लेकिन नरेंद्र मोदी का विरोध करते मुसलमानो के पीछे हिन्दुओ की लम्बी फ़ौज देख के घृणा हो जाती ऐसे हिन्दुओ से। वाकई में ऐसे हिन्दू  बस गुलामी के ही लायक है
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केजरीवाल जी अगर रेफरेंडम होता है तो निम्नलिखित बातों पर होना चाहिये।
१. मुस्लिम पर्सनल लो खत्म किया जाये या नहीं।
२. मदरसों को सरकारी अनुदान बंद होना चाहिए या नहीं।
३. हज़ यात्रा पर सरकारी अनुदान बंद होना चाहिए या नहीं।
४. धारा ३७० खत्म होना चाहिए या नहीं।
५. दो बच्चों से अधिक बच्चे पैदा करने पर प्रतिबंध लगना चाहिए या नहीं।
६. राम मंदिर बनना चाहिए या नहीं।
७. कृष्ण जन्म भूमि और काशी आजाद होना चाहिए या नहीं।
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