स्व डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का राष्ट्रपति पद हेतु दूसरा कार्यकाल सुनिश्चित था ..पर सोनिया गांधी उनसे अपना हिसाब चुकता करने ..के लिए दूसरे कार्यकाल के लिए ..भारत के इतिहास की सबसे अयोग्य और 1977 में इन्द्रा गांधी का किचन सँभालने वाली प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रपति बना दिया .....
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पाकिस्तान आज भारत को तोड़ने की बात सिर्फ इसी लिए सोचने की हिम्मत कर पाता है क्योंकि उसको पता है की इस के लोग सिर्फ राजनीति करते है
जब तक हमारे देश में जैसे गद्दार, देशद्रोही भड़वे मौजूद है तब तक देश को बर्बाद करने के लिए कसाब , अजमल और याकूब जैसे आतंकवादियों की कोई जरुरत नहीं है
पिछले 22 सालो में ये दलाल 1993 में मारे गए 257 लोगो में से किसी एक के घर नहीं गया पर एक आतंकवादी को बचाने के लिए साला भड़वा रात को 12:30 बजे चीफ जस्टिस के घर पहुच गया और उस आतंकवादी के लिए 14 दिन का समय और मांगने लगा क्यों मियाँ पिछले 22 सालो से इसका वकील और आप जैसे याकूब के भड़वे कोर्ट में गिल्ली डंडा खेल रहे थे क्या और जिस देश में रात को 12 बजे के बाद मकान मालिक दरवाजा नहीं खोलता उस देश में एक आतंकवादी की सुनवाई करने के लिए रात 2 बजे सुप्रीम कोर्ट खोला गया ?
अगर इस देश को वाकई आतंकवाद से मुक्त करना है तो याकूब से पहले उसकी पैरवी करने वाले और विदेशी पैसो पर पलने वाले इन जैसे दलालों को देश से मुक्त करना होगा .........
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Mithilesh Pandey
याकूब को फांसी हो गयी .... मगर उसे रोकने के लिए रात भर जो देश द्रोहियो की नौटंकी हुई है वो डूब मरने वाली बात है ..रात की दो बजे इस बाबत सुप्रीम कोट में सुनवाई हुई है ...फिर रात दो बजे आखिरी फैसला दिया गया .. रात भर इंडिया गेट के बाहर मोमबत्ती गैंग ने याकूब की फांसी के विरोध में मार्च किया ..शर्म शर्म और बोहोत शर्म की बात है ..एक आतंकवादी के समर्थन में हजारो लोग आ जाते है परन्तु जब एक बेगुनाह फांसी पर लटकता है या एक देश भक्त को सजा होती है या एक मासूम को झूठे केस में फसाया जाता है या एक गरीब सूली चढ़ रहा होता है तब ये सेकुलर जमात ये मोमबत्ती गैंग कहा चली जाती है .... ????
मैं सलाम करती हु सुप्रीम कोट के उन जजों को जिसने इतने विरोध के बावजूद अपने फैसले पर अडिग रहे ..मैं सलाम करती हु राजनाथ जी को जो खुद रात को राष्ट्रपति जी के समक्ष जा कर अपने फैसले पर अडिग रहने की कहा ..मैं सलाम करती हु मोदी जी को जिनकी वज़ह से ही ये फांसी सम्भव हो पाई है ...
साथ ही साथ एक सवाल ये भी उठता है की यदि केंद्र में बीजेपी की सरकार न हो कर कांग्रेस की सरकार होती तो क्या तब भी ये फांसी होती ??नहीं होती ..मैं पुरे यकीं से कहती हु की नहीं होती ...
फांसी तो छोडो ये केस ही ओपन नहीं होता और होता भी तो ऐसे आतंकवादियों को बचाने के लिए कानून में एक दो छेद और कर दिए जाते ...धिक्कार है इस देश के ऐसे लोगो पर जो एक आतंकवादी की सजा का भी विरोध करने से नहीं चुकते ..फिर किस तरह खुद को हिंदुस्तानी कहते हो ..क्यों इस देश की मिटटी से निकले अनाजों को खाते हो ..चले जाओ अपने आकाओं के पास पाकिस्तान ..तुम्हे यहाँ रहने का कोई हक़ नहीं ..इस देश को अपना कहने का कोई हक़ नहीं ..क्यों फिर किसी आतंकवादी हमले पर ये कहते हो की क्या कर रही है मोदी सरकार क्या कर रहा है कानून ..जब की तुम्ही लोग उन आतंकवादियों की पैरवी करते हो ....
निकल जाओ कमीनो हमारे देश से हमारे भारत से निकल जाओ ..
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ये मोहम्मद अनस पत्रकार है । इनकी सोच देखिये । बेटा सूअर की तरह आतंकी पैदा होंगे तो सुअरो की तरह मारे भी जाएंगे । खैर तुम छाती कूटो ...विधवा विलाप करो
Mithilesh Pandey
याकूब को फांसी हो गयी .... मगर उसे रोकने के लिए रात भर जो देश द्रोहियो की नौटंकी हुई है वो डूब मरने वाली बात है ..रात की दो बजे इस बाबत सुप्रीम कोट में सुनवाई हुई है ...फिर रात दो बजे आखिरी फैसला दिया गया .. रात भर इंडिया गेट के बाहर मोमबत्ती गैंग ने याकूब की फांसी के विरोध में मार्च किया ..शर्म शर्म और बोहोत शर्म की बात है ..एक आतंकवादी के समर्थन में हजारो लोग आ जाते है परन्तु जब एक बेगुनाह फांसी पर लटकता है या एक देश भक्त को सजा होती है या एक मासूम को झूठे केस में फसाया जाता है या एक गरीब सूली चढ़ रहा होता है तब ये सेकुलर जमात ये मोमबत्ती गैंग कहा चली जाती है .... ????
मैं सलाम करती हु सुप्रीम कोट के उन जजों को जिसने इतने विरोध के बावजूद अपने फैसले पर अडिग रहे ..मैं सलाम करती हु राजनाथ जी को जो खुद रात को राष्ट्रपति जी के समक्ष जा कर अपने फैसले पर अडिग रहने की कहा ..मैं सलाम करती हु मोदी जी को जिनकी वज़ह से ही ये फांसी सम्भव हो पाई है ...
साथ ही साथ एक सवाल ये भी उठता है की यदि केंद्र में बीजेपी की सरकार न हो कर कांग्रेस की सरकार होती तो क्या तब भी ये फांसी होती ??नहीं होती ..मैं पुरे यकीं से कहती हु की नहीं होती ...
फांसी तो छोडो ये केस ही ओपन नहीं होता और होता भी तो ऐसे आतंकवादियों को बचाने के लिए कानून में एक दो छेद और कर दिए जाते ...धिक्कार है इस देश के ऐसे लोगो पर जो एक आतंकवादी की सजा का भी विरोध करने से नहीं चुकते ..फिर किस तरह खुद को हिंदुस्तानी कहते हो ..क्यों इस देश की मिटटी से निकले अनाजों को खाते हो ..चले जाओ अपने आकाओं के पास पाकिस्तान ..तुम्हे यहाँ रहने का कोई हक़ नहीं ..इस देश को अपना कहने का कोई हक़ नहीं ..क्यों फिर किसी आतंकवादी हमले पर ये कहते हो की क्या कर रही है मोदी सरकार क्या कर रहा है कानून ..जब की तुम्ही लोग उन आतंकवादियों की पैरवी करते हो ....
निकल जाओ कमीनो हमारे देश से हमारे भारत से निकल जाओ ..
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ये मोहम्मद अनस पत्रकार है । इनकी सोच देखिये । बेटा सूअर की तरह आतंकी पैदा होंगे तो सुअरो की तरह मारे भी जाएंगे । खैर तुम छाती कूटो ...विधवा विलाप करो
आतंकवादियों का कोई धर्म नही होता कहने वाले जरा यह भी देख ले.....यह देख लीजिए गौर से पढ़ लीजिए जिहाद की चूल उफान मार रही है....
हम कब तक शतुरमुर्ग की तरह इस खतरे को अनदेखा करते रहेंगे? मैं कह रही हूँ कि आज नहीं तो कल भुगतान तो हमें है ही.... अब आगे जैसे जैसे इनकी जनसंख्या बढेगी उतना ही ज़्यादा टकराव बढ़ेगा..... और देर सवेर ये लोग अपना रुप दिखायेंगे ही .... इसलिए पहले ही अपने नुकसान का आकलन करके खुद को मानसिक रूप से तैयार रखो....
No comments:
Post a Comment