भगवान का अस्तित्व ...
एक बार एक ताऊ नाई की दुकान पर अपने बाल कटवाने गया। नाई और उस ताऊ के
बीच में ऐसे ही बातें शुरू हो गई और वे लोग बातें करते-करते “भगवान” के विषय पर
बातें करने लगे ...
बीच में ऐसे ही बातें शुरू हो गई और वे लोग बातें करते-करते “भगवान” के विषय पर
बातें करने लगे ...
तभी नाई ने कहा – “मैं भगवान के अस्तित्व को नहीं मानता और इसीलिए आप मुझे
नास्तिक भी कह सकते हो”
नास्तिक भी कह सकते हो”
“तुम ऐसा क्यों कह रहे हो” ताऊ ने पूछा ...
नाई ने कहा – “बाहर जब आप सड़क पर जाओगे तो आप समझ जाओगे कि भगवान का
अस्तित्व नहीं है। अगर भगवान होते, तो क्या इतने सारे लोग भूखे मरते? क्या इतने
सारे लोग बीमार होते? क्या दुनिया में इतनी हिंसा होती? क्या कष्ट या पीड़ा होती? मैं
ऐसे निर्दयी ईश्वर की कल्पना नहीं कर सकता जो इन सब की अनुमति दे”
अस्तित्व नहीं है। अगर भगवान होते, तो क्या इतने सारे लोग भूखे मरते? क्या इतने
सारे लोग बीमार होते? क्या दुनिया में इतनी हिंसा होती? क्या कष्ट या पीड़ा होती? मैं
ऐसे निर्दयी ईश्वर की कल्पना नहीं कर सकता जो इन सब की अनुमति दे”
ताऊ ने थोड़ा सोचा लेकिन वह वाद-विवाद नहीं करना चाहते थे इसलिए चुप रहे और
नाई की बातें सुनता रहे।
नाई की बातें सुनता रहे।
नाई ने अपना काम खत्म किया और ताऊ नाई को पैसे देकर दुकान से बाहर आ गया।
जैसे ही नाई की दुकान से निकला, ताऊ ने सड़क पर एक लम्बे-घने बालों वाले एक
व्यक्ति को देखा जिसकी दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी और ऐसा लगता था शायद उसने कई
महीनों तक अपने बाल नहीं कटवाए थे।
जैसे ही नाई की दुकान से निकला, ताऊ ने सड़क पर एक लम्बे-घने बालों वाले एक
व्यक्ति को देखा जिसकी दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी और ऐसा लगता था शायद उसने कई
महीनों तक अपने बाल नहीं कटवाए थे।
ताऊ वापस मुड़कर नाई की दुकान में दुबारा घुसा और नाई से कहा – “क्या तुम्हें पता
है? नाइयों का अस्तित्व नहीं होता”
है? नाइयों का अस्तित्व नहीं होता”
नाई ने कहा – “ताऊ कैसी बेकार बातें कर रहे हो? क्या तुम्हे मैं दिखाई नहीं दे रहा?
मैं यहाँ हूँ और मैं एक नाई हूँ। और मैंने अभी अभी आपके बाल काटे है|”
मैं यहाँ हूँ और मैं एक नाई हूँ। और मैंने अभी अभी आपके बाल काटे है|”
ताऊ ने कहा – “नहीं ! नाई नहीं होते हैं। अगर होते तो क्या बाहर उस व्यक्ति के जैसे
कोई भी लम्बे बाल व बढ़ी हुई दाढ़ी वाला होता?”
कोई भी लम्बे बाल व बढ़ी हुई दाढ़ी वाला होता?”
नाई ने कहा – “अगर वह व्यक्ति किसी नाई के पास बाल कटवाने जाएगा ही नहीं तो
नाई कैसे उसके बाल काटेगा?”
नाई कैसे उसके बाल काटेगा?”
ताऊ ने कहा – “तुम बिल्कुल सही कह रहे हो, यही तो असली बात है।
भगवान भी होते है लेकिन कुछ लोग भगवान पर विश्वास ही नहीं करते भगवान् को याद
नहीं करते उनकी शरण में नहीं जाते, तो भगवान उनकी सहायता करेगा कैसे ?
विश्वास ही सत्य है जो लोग भगवान् पर विश्वास करते है उन्हें उसकी अनिभूति हर पल
होती है और और जो विश्वास नहीं करते उनके लिए वो कंही भी नहीं है।
भगवान भी होते है लेकिन कुछ लोग भगवान पर विश्वास ही नहीं करते भगवान् को याद
नहीं करते उनकी शरण में नहीं जाते, तो भगवान उनकी सहायता करेगा कैसे ?
विश्वास ही सत्य है जो लोग भगवान् पर विश्वास करते है उन्हें उसकी अनिभूति हर पल
होती है और और जो विश्वास नहीं करते उनके लिए वो कंही भी नहीं है।
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