हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है उसके पीछे कुछ कारण है , अंग्रेजी भाषा में ये
बात देखने में नहीं आती |
क, ख, ग, घ, ङ- कंठव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि
कंठ से निकलती है।
एक बार बोल कर देखिये |
बात देखने में नहीं आती |
क, ख, ग, घ, ङ- कंठव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि
कंठ से निकलती है।
एक बार बोल कर देखिये |
च, छ, ज, झ,ञ- तालव्य कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ
तालू से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
तालू से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
ट, ठ, ड, ढ , ण- मूर्धन्य कहे गए, क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है। एक बार बोल कर देखिये |
त, थ, द, ध, न- दंतीय कहे गए, क्योंकि इनके उच्चारण के समय
जीभ दांतों से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
जीभ दांतों से लगती है।
एक बार बोल कर देखिये |
प, फ, ब, भ, म,- ओष्ठ्य कहे गए, क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के मिलने
पर ही होता है। एक बार बोल कर देखिये ।
पर ही होता है। एक बार बोल कर देखिये ।
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