Saturday 18 July 2015

  • Premshanker Gupta समाचारों में कही पढ़ा था की इसराइल की गुप्तचर संस्था मासोद के अनुसार पाकिस्तान की फायरिंग भारत के ही कतिपय नेताओ के उकसावे पर हो रही है ताकि मोदी सरकार को बदनाम किया जा sakeसके|
  • पवन अवस्थी Nishant Singh........ गैर कांग्रेसी सरकारों के दौरान भारत में तत्कालीन सरकार को किसी भी कीमत पर गिराने और बदनाम करने के लिए कांग्रेसी MC कितने नीच स्तर तक गिर सकते है उसका एक उदाहरण ........!
  • Nishant Singh भाई में यही चाहता हूँ की इन सबको एक एक करके नंगा करो ताकि हर देशभक्त जान सके की कितने भेड़िया हमारे बीच भारत माता की अस्मिता को बेचने को तत्पर रहते थे और अभी भी हैं।
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महामना महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जी....
मुझे याद है आपने आपने गणतंत्र दिवस की पूर्व सन्ध्या पर देश की जनता के नाम अपने सम्बोधन में कहा था कि "देश की सेकुलर मान्यताओ का निर्वहन करना सबका कर्तव्य है"
महामना जी हमें आपकी विद्वता, देश प्रेम और कर्त्तव्य निष्ठा पर गर्व है ।
बस हमे राष्ट्रपति भवन से 2 बातो पर जानकारी चाहिए:-
1...सेकुलर और सेकुलरिज्म क्या है ?
2... भारत को आप सेकुलर देश बोलते है तो फिर किस सेकुलरिज्म के अंतर्गत आप महामहिम ने इफ्तार पार्टी जैसे कट्टर धार्मिक अवसर के नाम पर सरकारी खर्चे से राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी दी ?
क्या यही सेकुलरिज्म है ?
क्या सेकुलरिज्म की परिभाषा में यह वर्णित है ?
महामहिम जी यह सर्व विदित है कि पूर्वे महामहिम राष्ट्रपति ए पी जे कलाम साहिब ने राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन समाप्त कर दिया था ! तो यह फिर यह आयोजन जनता के पैसे से फिर कैसे और क्यों आरम्भ हो गया ?
इतिहासकार एस. इरफान हबीब सरकारी खर्च पर इफ्तार पार्टी के खिलाफ हैं। उनका मानना है कि ये आयोजन और कुछ नहीं, सत्ता का घमंड है। अब तो यह दिखावा भी हो गया है। आमतौर पर मुस्लिम सादे कपड़ों में रोजा खोलते हैं, लेकिन ऐसे आयोजनों में गोल टोली और अरबी कपड़े पहनकर आते हैं, मानों कोई वहां कोई परफॉरमेंस हो रहा है।
गुजरात के बिजनेसमैन और हैदराबाद स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के चांसलर जफर सुरेशवाला भी इफ्तार पार्टी से मोदी की गैरमौजूदगी को गलत नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि सियासी इफ्तार पार्टियों पर लगाम कसी जाना चाहिए।
बकौल सुरेशवाला, सियासी इफ्तार पार्टियों में नेता और गैरमुस्लिम ज्यादा होते हैं। ये अखबारों की सुर्खियां बनने के लिए वहां आते हैं।
जामा मस्जिद की सलाहकार समिति के महासचिव सैय्यद तारिक बुखारी भी सुरेशवाला से इत्तेफाक रखते हैं। उनका कहना है कि ऐसी इफ्तार पार्टियों में रोजेदार को तवज्जों नहीं दी जाती है। लोग इसी की परवाह करते हैं कि सोनिया गांधी की इफ्तार में मुलायम सिंह या लालू यादव शरीक हुए या नहीं।अतः जाहिर हो रहा है यह आयोजन एक राजनितिक आयोजन बन चूका है ।
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 हिन्दुस्तान में पाए जाने वाले शेखुलरो के लिए पकिस्तान से एक समाचार !!

कुछ कागजी शेर टाईप के तथाकथित स्वघोषित देशभक्तों तथा शेखुलरो की मानसिक समस्या यह है की अगर वर्तमान मोदी सरकार किसी परम्परा ( मुद्दा पकिस्तान को ईद की मिठाई ) या राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकाल का पालन कर ले तो घर के ड्राईंरूम में सुरक्षित बैठे कागजी शेर दहाड़ने लगते है की मोदी को ऐसा करना चाहिए था ..बैसा नहीं करना चाहिए था .
 सिरफिरे हिंदी चैनलों की अधूरी एकतरफ़ा ब्रेकिंग न्यूज सुन कर मोदी को गद्दार और न जाने क्या क्या ठहराने लगते है ........चलिए छोडिये  .ये रहा समाचार पाकिस्तान से ....
हिन्दुस्तान की सेना पकिस्तान को सीमा पर कायदे से पेल रही है ......ये अलग है की हम सिर्फ उन्ही समाचारों पर ध्यान देते है जो पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से उत्पन्न हुए है .....
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•"परिवार में"- कायदा नही परन्तु व्यवस्था होती है।
•"परिवार में"- सूचना नहीं परन्तु समझ होती है।
•"परिवार में"- कानून नहीं परन्तु अनुशासन होता है।
•"परिवार मे"- भय नहीं परन्तु भरोसा होता है।
• "परिवार मे"- शोषण नहीं परन्तु पोषण होता है।
•"परिवार मे"- आग्रह नही परन्तु आदर होता है।
•"परिवार मे"- सम्पर्क नही परन्तु सम्बन्ध होता है ।
•"परिवार मे"- अर्पण नही परन्तु समर्पण होता है।
यही सच्चा परिवार है..
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1.PK नंगा हो गया फिर भी एक हफ्ते मे 158 करोड़
2.शाहरुख ने HNY किया फिर एक हफ्ते मे 164 करोड़
बाहुबली ने थोड़ा हिन्दू संस्कृति के अनुसार भगवान शिव को सिर पर क्या उठा लिया मात्र 4 दिनो के अंदर ही 248 करोड़ जमा करके.. PK को नंगा, MUNNI को बदनाम, शाहरुख को वापस हकलाने पर मजबूर कर दिया..
यह तो सिर्फ नजारा है मेरे शंकर का.. यही है भारतीय फिल्मो का असली बाप.. बाहुबली !
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भारत - पाकिस्तान के बटवारे के दर्द की कुछ दर्दनाक original तस्वीरे
क्या अब भी आपकों समजाने की जरुरत हे ? की नेहरु और गांधी परिवार सत्ता के लिए कितना कितना गिर चुका था ? अब अगर ये तस्वीरे देख कर भीं आप उस खानदान की दलाली करेंगे तो यकीनन आप हिन्दुस्तानी की पैदाईश हो ही नहीं सकते । कृपया अपना D N A चेक करवाले ।,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
"मेरा मोक्ष होगा या नही?"
भगिनी निवेदिता ने स्वामी विवेकानंद से पूछा।
"नही होगा।क्योकिं तुम्हारा जन्म भारतवर्ष में नही हुआ है।भारत में जन्म लेना ही मोक्ष की एक अनिवार्य शर्त है।फिर जन्म लेकर सरल ह्रदय से भक्ति करना ,जिससे समर्पण भाव जाग्रत होगे।बस यही समर्पण ही मोक्ष का मार्ग है।
पर मैं तुम्हें यह बता सकता हुं कि भारत में आपका जन्म कैसे होगा?"स्वामी जी ने कहा।
"कैसे होगा स्वामीजी?" भगिनी निवेदिता ने पुन: पूछा।
"भारत के दरिद्रनारायण की सेवा करके ही तुम्हारा जन्म भारत में होगा।
निर्बल,असहाय व वंचित की सेवा करना ही परम धर्म है।"
स्वामीजी के इस कथन को आदेश मानकर भगिनी निवेदिता कलकत्ता की अत्यन्त पिछडे क्षेत्र में जाकर वहां के बच्चों को नहलाने,उनकी गंदगी साफ करने और उनको पढाने लगी।इस कार्य के लिए उन्होने जगह जगह घुमकर धन एकत्रित किया।
एक बार ऎसे ही वे धन एकत्रित करने के लिए एक धनाड्य घर पर गई।दरवाजे की घंटी बजाई और बाहर गृहस्वामी की प्रतीक्षा करने लगी।अंदर शायद गृहस्थ किसी पारिवारिक झगडे के कारण चिढा हुआ था।बाहर आते ही भगिनी निवेदिता को पुछा,तो धन मांगने की बात सुनकर आगबबूला हो उठा और उनके गाल पर जोर से एक थप्पड दिया और दरवाजा बंद करके अंदर चला गया।
भगिनी जो हजारों किलोमीटर दुर से चलकर भारत आई थी,रोने लगी।सिसकते हुए कहने लगी-"शायद स्वामीजी मुझे यही भारत दिखाना चाहते थे।एक वर्ग वह जिसके पास कुछ नही,पर प्रेम है।एक वर्ग यह है जिसके पास सब कुछ है पर संवेदना नही।दोनों को एक दुसरे की अावश्यकता है।"
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